12वीं क्लास तक अपनी पढ़ाई पूरी कर के उस ने मां का हाथ बंटाने के लिए एक प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की जौब कर ली थी. यहीं से अर्चना की तकदीर ने अपना रास्ता खोल लिया था.
अर्चना कमसिन और खूबसूरत थी. उस पर सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक का दिल आ गया था और वह अपनी हवस मिटाना चाहता था. लेकिन अर्चना अपने मालिक की नीयत भांप चुकी थी और अपनी इज्जत बचाती हुई सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ कर खुद का ब्यूटीपार्लर खोल लिया.
थोड़ी सी मेहनत से उस का पार्लर चल निकला और वह आर्थिक तंगी से निजात पाने लगी थी और अपनी कमाई में से अधिकांश अपनी मां को खर्च के लिए देती रही. यह 2017 की बात है.
इसी दौरान अर्चना के जीवन में एक और कहानी ने जगबंधु चांद के रूप में जन्म लिया, जहां से उस के जीवन का रुख ही बदल गया.
ओडिशा के ही बालासोर का रहने वाला जगबंधु चांद गांव में अपनी किराने की दुकान चलाता था. दुकान से अच्छी कमाई हो जाती थी लेकिन वह अपने इस काम से खुश नहीं था और गांव में उस का मन भी नहीं लगता था. जगबंधु चांद कुछ बड़ा करना चाहता था, जिस से वह कम समय में अमीर बन जाए.
अपने सपनों को पंख लगाए जगबंधु बालासोर से राजधानी भुवनेश्वर आ पहुंचा और यहां आ कर उस ने उसी इलाके में अपनी पुरानी कार बेचने की दुकान खोली जिस इलाके में अर्चना का ब्यूटीपार्लर था.
अर्चना अपनी मां के साथ खंडगिरी में किराए के कमरे में रहती थी. उसी रास्ते में वह ब्यूटीपार्लर जातीआती थी. इसे इत्तफाक ही कहा जाएगा, इसी क्षेत्र में जगबंधु चांद भी किराए का कमरा ले कर रहता था और उसी रास्ते से हो कर अपनी दुकान आताजाता था.
आतेजाते रास्ते में ही अकसर दोनों की मुलाकात हो जाया करती थी. यह मुलाकात धीरेधीरे परिचय में बदल गई. फिर दोनों में बातचीत होने लगी और फिर प्यार हो गया. साल 2018 में दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली और साथ में रहने लगे. अर्चना ने अपनी मां को साथ रख लिया था.
जगबंधु चांद पुरानी कार बेचने का धंधा करता था, इसलिए उस का परिचय शहर के बड़े व्यापारियों, विधायकों और नेताओं से था. जबकि उस की पत्नी अर्चना नाग, जो अब तक अर्चना नाग चांद बन चुकी थी, ब्यूटीपार्लर चलाती थी.
पार्लर में लड़कियां और औरतें आती थीं. वह ब्यूटीपार्लर चलती तो थी, लेकिन उस से उसे मनमुताबिक आमदनी नहीं होती थी और जगबंधु का भी बिजनैस कोई खास नहीं चलता था.
हालात को देखते हुए जगबंधु ने पत्नी को उस के व्यवसाय के ट्रेंड को बदलने की युक्ति समझाई, जिस से उन्हें अमीर बनने से कोई रोक नहीं सकता था. उसे पति की वह युक्ति पसंद आ गई.
उस के पार्लर में मेकअप के लिए कुछ ऐसी भी लड़कियां आती थीं, जिन के घरों में आर्थिक तंगी रहती थी लेकिन मेकअप कराने में वे पीछे नहीं हटती थीं. ऐसी ही मजबूर और बेबस युवतियों की अर्चना ने शिनाख्त कर के उन्हें देह व्यापार के धंधे में उतारने के लिए राजी कर लिया और उन्हें धंधे में उतारने लगी.
वह जान चुकी थी कि पेट की आग क्या होती है और जब पेट की आग धधकती है तो उसे शांत करने के लिए रोटी चाहिए होती है और रोटी के लिए पैसे. पैसे कैसे मिलते हैं, अर्चना से बेहतर और कौन समझ सकता था.
ब्यूटीपार्लर की ओट में अर्चना ने देह व्यापार का धंधा शुरू कर दिया था. उस के पीछे उस का पति जगबंधु खड़ा था. देह व्यापार के धंधे से उस के घर में नोटों की बारिश होने लगी. दोनों पतिपत्नी उस बारिश में खूब भीग रहे थे. वह इस धंधे को बड़े स्तर पर करना चाहते थे.
कुछ ऐसा करना चाहते थे जिस से जो कोई भी मोटी आसामी उन के जाल में एक बार फंस जाए, ताउम्र वह सोने के अंडे देने वाली मुरगी बनी रहे और वे मालामाल बनते रहें. अपने इस धंधे में जगबंधु ने एक और सहयोगी को जोड़ लिया, जिस का नाम था खगेश्वर नाथ.
अर्चना और जगबंधु के पास जब पैसे आए तो उस ने भुवनेश्वर के खंडगिरी के जगमरा न्यू रोड पर एक प्लौट लिया और पार्लर के उन जगहों पर गुप्त कैमरे फिट करा दिए.
जहां कहीं लड़कियां तैयार होती थीं. अथवा ग्राहकों को दैहिक सुख भोगने के लिए कमरे उपलब्ध कराती थीं तो उन के वीडियो शूट कर लेते थे और उसी वीडियो के जरिए लड़कियों को देह व्यापार के लिए यह कह कर मजबूत करते थे कि अगर उन की बात नहीं मानी तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा.
लड़कियां डर कर अपनी इज्जत बचाने के लिए वही करती थीं, जो अर्चना नाग उन्हें करने को कहती थी. पुरुष भी उसे मुंहमांगी रकम देते थे ताकि उन की इज्जत बची रहे.
देखने में भोलीभाली और बला की खूबसूरत अर्चना नाग, अब तक ऐसी जहरीली नागिन बन चुकी थी कि उस के काटे से कोई पानी नहीं मांगता था बल्कि इज्जत के हमाम में मरने के लिए मजबूर हो जाता था.
वह साल 2019 का था, जब अर्चना से महिमा की मुलाकात हुई थी. अर्चना ने अपने रसूख का ऐसा ट्रैप बिछाया, ऐसी मोहिनी मंत्र उस के सामने फेंका था कि वह उस की चिकनीचुपड़ी बातों में फंस गई.
महिमा यह नहीं जानती थी कि इज्जत की साड़ी में लिपटी सामने खड़ी यह औरत ऐसी नागिन बन चुकी है कि अपने मोहिनी रूप के जहर से अनगिनत बालाओं की जिंदगी बरबाद कर चुकी है, अब उस की बारी है.
जाल में ऐसे फंसी थी महिमा
मुलाकात के बाद एक दिन अर्चना ने महिमा को अपने घर पर खाने के लिए बुलाया था तो वह न नहीं कर सकी और खाने पर चली आई. बाहर से उस की आलीशान कोठी देख कर उस की आंखें फटी रह गई थीं. दरवाजे पर बड़ीबड़ी गाडि़यां, विदेशी नस्ल के 4-4 कुत्ते और सफेद रंग का एक घोड़ा था जो किसी राजामहाराजा की तरह प्रदर्शन कराता था.
महिमा जब घर के अंदर दाखिल हुई तो अंदर का वैभव देख कर चकित रह गई. घर के अंदर की चीजें काफी कीमती थीं. फर्श तो ऐसे चमक रहा था जैसे पांव रखते ही मैला हो जाएगा.
बहरहाल, अर्चना उसे एक कमरे में ले गई जहां एक बड़ा सा डाइनिंग टेबल बिछा था और उस के चारों ओर चमचमाती कुरसियां बिछी थीं. एक कुरसी पर खुद बैठती हुई अर्चना ने सामने की कुरसी पर महिमा को बैठने का इशारा किया. इशारा पा कर महिमा कुरसी पर बैठ गई. उस वक्त वहां दोनों के अलावा कोई और मौजूद नहीं था.
थोड़ी देर बाद नौकर 2 गिलासों में कोल्डड्रिंक लाया. दोनों कोल्डड्रिंक की चुस्की लेते हुए भविष्य की योजनाओं पर भी बातें करती रहीं.
बात करतेकरते कब घंटा बीत गया न तो अर्चना को पता चला और न ही महिमा को. इस के बाद नौकर खाना ले आया. दोनों ने साथ मिल कर खाना खाया. खाना खातेखाते महिमा का सिर भारी हो गया और उस की आंखें बोझिल हो झपकने लगीं. वह जहां बैठी थी, वहीं बैठेबैठे सो गई.
जब उस की आंखें खुलीं तो उस ने खुद को एक कमरे में बिस्तर पर पाया. सिर उस का अभी भी भारी था और आंखें अधखुली थीं. वह समझ नहीं पा रही थी कि उस के साथ क्या हो रहा था. जब उस की खुद पर पड़ी तो वह बुरी तरह चौंक गई. उस के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था.
वह पूरी तरह से नग्न थी. तब तक कमरे में अर्चना दाखिल हो चुकी थी. उस के साथ उस का पति जगबंधु चांद और उस का साथी खगेश्वर नाथ भी था. तीनों को एक साथ देख कर वह समझ गई कि अर्चना ने उस के साथ धोखा किया है.