पिछले कुछ दिनों से पूजा पुरुष सुख से वंचित थी. ऐसे में उस की नजर नारी सुख से वंचित कौर सिंह पर पड़ी तो वह उस की ओर आकर्षित होने लगी. उस ने कौर सिंह की अधेड़ उम्र को भी नहीं देखा. कौर सिंह ने पूजा की नजरों को पहचान लिया और वह भी इशारोंइशारों में उस से मन की बात कहने लगा.
आखिर एक रात जब कालू और संदीप सो रहे थे तो पूजा कौर सिंह की ढाणी में पहुंच गई. उसी दिन से दोनों के बीच संबंध बन गए. एक सप्ताह तक कौर सिंह और पूजा का अनैतिक खेल बेरोकटोक जारी रहा. पर एक रात कालू ने पूजा को कौर सिंह के साथ आपत्तिजनक हालत में रंगेहाथों पकड़ लिया. उस दिन कालू ने गुस्से से पूजा की पिटाई कर डाली. साथ ही कौर सिंह को भलाबुरा भी कहा. कभी संदीप की दीवानी पूजा अब कौर सिंह पर फिदा हो गई थी. पूजा ने संदीप से रिश्ता होने की बात भी कौर सिंह को बता दी थी.
कालू को शक हुआ तो उस ने पूजा की निगरानी शुरू कर दी. अब पूजा कौर सिंह या संदीप से एकांत में नहीं मिल पा रही थी. वह मौका तलाश कर कौर सिंह से मिली और उस के सीने पर सिर रख कर रोने लगी.
‘‘मैं तेरे बिनारह नहीं सकती.’’ कहने के साथ ही पूजा सिसकने लगी.
‘‘पूजा, तू घबरा मत, मैं कल ही इस काम का तोड़ निकाल लूंगा.’’ कौर सिंह ने उसे सांत्वना दी. तब तक उन तीनों को वहां आए केवल 20 दिन ही हुए थे.
अगली रात योजना के अनुरूप पूजा ने कालू के खाने में नींद की गोलियों का पाउडर मिला दिया. रात 11 बजे के करीब कौर सिंह कालू की ढाणी में आया. उस ने गहरी नींद में सोए अपने बेटे संदीप को उठाया. पूजा पहले से जाग रही थी. कौर सिंह ने पूजा व संदीप को बेसुध पड़े कालू के हाथपांव पकड़ने को कहा. दोनों ने वैसा ही किया.
कौर सिंह ने पूजा का दुपट्टा ले कर कालू के गले में डाला और जोर से खींच दिया. नशे में ही कालू ने दम तोड़ दिया. तीनों ने ठाणी के पीछे पहले से बनाए गड्ढे में कालू के शव को डाल कर दफना दिया. उस रात पूजा ने बापबेटे दोनों के साथ बीच सैक्स का आनंद उठाया.
कौर सिंह भी पूजा का दीवाना हो चुका था. 5 रोज बाद उस ने संदीप को भी डराधमका कर भगा दिया. अब पूजा पर उस का एकाधिकार हो गया था. दोनों ने 10 रोज मजे से गुजार दिए.
एक दिन पूजा के पास उस की मां विद्या का फोन आया. उस ने मां को बताया कि वह मजे में है. विद्या ने कालू से बात करवाने को कहा तो पूजा ने कहा कि वह काम पर गए हैं. विद्या ने रात को फिर फोन किया तो पूजा ने कहा कि वह एक जरूरी काम से गांव चले गए हैं. कल बात करवा दूंगी.
लेकिन कई दिन तक विद्या की कालू राम से बात नहीं हो सकी. अनहोनी की आशंका के चलते विद्या ने कालू के छोटे भाई दीपक को बुलाया. दीपक कमरानी आ गया. दीपक को बताया गया कि 4 दिन से पूजा का फोन बंद है और कई दिनों से कालू का भी कोई अतापता नहीं है.
सलाह मशविरा कर के दोनों परिवारों ने 12 फरवरी, 2018 को टिब्बी पुलिस थाने में दीपक की ओर से कालू की गुमशुदगी दर्ज करवा दी. इस मामले की जांच सहायक उप निरीक्षक लेखराम को सौंप दी गई.
शुरुआती जांच पड़ताल में लेखराम को पूजा के अनैतिक संबंधों की जानकारी मिली तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया. तब तक कौर सिंह को पुलिस की भागदौड़े का पताचल चुका था. वह पूजा को ले कर फरार हो गया था.
कई दिनों तक पुलिस और संदिग्धों के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा. एक दिन विद्यावती के पास पूजा का फोन आया और उस ने अपनी कुशलक्षेम बताते हुए मायके के हालात के बारे में पूछा. फोन आने की सूचना लेखराम तक पहुंचा दी गई. उस अनजान नंबर को ट्रेस किया गया तो वह नंबर पंजाब के गांव वरियामखेड़े के एक किसान का पाया गया.
पुलिस ने दबिश दी तो पूजा और गौर सिंह वहां से भी भाग निकले. अगले दिन कौर सिंह का बेटा संदीप पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उस ने प्रारंभिक पूछताछ में यह राज उगल दिया कि तीनों ने मिल कर कालू की हत्या कर के उस की लाश ठाणी के पिछवाड़े दबा दी है.
गुमशुदगी का मामला हत्या में तब्दील हो चुका था. वारदात रावतसर क्षेत्र में हुई थी. एएसआई लेखराम की रिपोर्ट पर 17 फरवरी को रावतसर में तीनों के विरुद्ध भादंवि की धारा 302, 201, 34 के तहत अभियोग दर्ज कर लिया गया.
थानाप्रभारी पुष्पेंद्र सिंह ने शेष हत्यारोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु अमर सिंह प्रहलाद, अविनाश व महिला कांस्टेबल सावित्री की एक टीम गठित की और अपराधियों को ढूंढने लगे. अपराधबोध से ग्रस्त व भागदौड़ से थके कौर सिंह व पूजा लुकछिप कर विद्या के पास पहुंच गए. पुलिस को सूचना मिली तो दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने अगले दिन तीनों को नोहर की अदालत में पेश कर के 3 दिन का पुलिस रिमांड ले लिया. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने कालू का शव, जो हड्डियों में तब्दील हो चुका था, बरामद कर लिया. हत्या में इस्तेमाल किया गया पूजा का दुपट्टा भी जब्तहो गया. व्यापक पूछताछ के बाद पुलिस ने अदालत के आदेश पर पूजा व उस के दोनों आशिक बापबेटे कौर सिंह और संदीप को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
सैक्स की आंच में अंधी हो कर एक वर्षीय अपनी बच्ची के भविष्य को अंधियारे में धकेलने वाली पूजा ने न केवल अपने पति को परलोक पहुंचाया बल्कि स्वयं के साथसाथ बापबेटे को भी काल कोठरी में पहुंचा दिया.
–कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित