फेसबुक (Facebook) और वाट्सऐप सोशल मीडिया के ऐसे आसान और सर्वसुलभ साधन हैं, जो परिचितों, मित्रों से निरंतर संपर्क बनाए रखने का जरिया तो हैं ही, लेकिन अब इन माध्यमों का उपयोग जासूसी के लिए भी होने लगा है. उत्तर प्रदेश एटीएस ने ऐसे ही मामले का भंडाफोड़ किया…
देश के लिए रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनी में काम करने वाले विकास को इस बात का पता तक नहीं था कि वह एक विदेशी युवती के चक्कर में फंस कर हनीट्रैप का शिकार हो रहा है. सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले तमाम भारतीयों की तरह विकास भी खाली समय में फेसबुक पर एक्टिव हो जाता था. एक दिन फेसबुक पर उसे एक पाकिस्तानी युवती सना और एक कश्मीरी युवती की फ्रैंड रिक्वेस्ट मिली. अधिकांश युवक लड़कियों से दोस्ती करना पसंद करते हैं. विकास को भी लड़कियों से दोस्ती करना अच्छा लगता था, इसलिए उस ने दोनों की फ्रैंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली.
उन युवतियों के विकास के अलावा भारत में अन्य दोस्त भी थे. दोनों लड़कियां अपने उन दोस्तों के बारे में भी विकास से बातें किया करती थीं. धीरेधीरे उन के बीच आपस में निजी बातें होने लगीं. दोस्ती, लाइफस्टाइल और एकदूसरे की हौबीज से शुरू हुई बातचीत में कभीकभी काम के बारे में ज्यादा बात हो जाती थी. विदेशी युवतियां बातचीत में इतनी माहिर थीं कि उन की हकीकत का पता ही नहीं चला. वह अकसर रात में ही बात करती थीं. ज्यादातर बातें आपसी पसंदनापसंद की होती थीं. विकास को यह पता भी नहीं था कि इस के पीछे कोई वजह हो सकती है. कुछ दिन की बातचीत से विकास को यह अनुभव हो रहा था कि उस की महिला दोस्त उस के कामकाज के बारे में ज्यादा बात करती हैं. एक बार पाकिस्तानी महिला दोस्त सना ने उस से पूछा, ‘‘विकास, तुम अपने औफिस में क्याक्या करते हो?’’
‘‘मैं औफिस में डिजाइन वर्क देखता हूं. यह बहुत महत्त्वपूर्ण होता है. इस में मैं कई लोगों को सहयोग भी करता हूं.’’ विकास ने उसे बताया.
‘‘अच्छा, कभी हमें भी अपने डिजाइन दिखाओ. हम भी देखें कि तुम कैसे डिजाइन करते हो?’’ सना ने कहा.
‘‘नहीं भाई, यह बहुत ही कौन्फीडेंशियल होता है. हर किसी को नहीं दिखाया जा सकता.’’ कह कर विकास ने बात टाल दी.
कुछ दिन शांत रह कर सना ने इधरउधर की बातें कीं और फिर एक दिन वह घूमफिर कर डिजाइन और उस के काम की चर्चा करने लगी. विकास यह तो समझ रहा था कि इस तरह की जानकारी किसी को नहीं देनी चाहिए, पर वह सना की बातों में फंस जाता था. सना को वह इतना पसंद करता था कि वह उस से बातचीत किए बिना अधूराअधूरा महसूस करता था. उन के बीच वीडियो कौलिंग भी होने लगी थी. सना की अंगरेजी भाषा पर अच्छी पकड़ थी. वह फर्राटेदार अंगरेजी बोलती थी. इस के अलावा जब वह विकास से बात करती तो उस की बातों में अपनत्व झलकता था. वह उसे अपने फोटो भी भेजती थी. अलगअलग रोमांटिक अंदाज में खींचे गए उस के फोटो विकास के दिल में हलचल पैदा कर देते थे.
विकास को उस पर किसी तरह की शंका न हो, इस के लिए सना अपने घरपरिवार के बारे में भी विकास को बताती थी. उस ने खुद को अविवाहित बताया था. विकास से वह भारत की बहुत तारीफ करती थी. कई बार वह विकास को यह भी बता चुकी थी कि इस बार वह ईद के मौके पर भारत घूमने आएगी. तब दोनों खूब घूमेंगे और मस्ती करेंगे. सना की यह बात सुन कर विकास मानो आसमान में उड़ने लगा था. उस ने उसी समय तय कर लिया था कि वह सना को घुमाने कहांकहां ले कर जाएगा.
विकास ने उस से कहा, ‘‘सना, वैसे तो हमें लंबी छुट्टी नहीं मिलती, क्योंकि आजकल हम लोग बहुत ही खास मिशन पर काम कर रहे हैं. लेकिन जब तुम भारत आओगी तो हम तुम्हारे साथ घूमने जरूर चलेंगे. मेरे लिए तुम्हारे साथ घूमना सपने जैसा है.’’
‘‘विकास, तुम चिंता मत करो, मैं जब भारत आऊंगी तो दोनों खूब ऐश करेंगे. तुम्हें तो पता ही है कि भारत पाकिस्तान में रहने वालों की बात छोड़ दी जाए तो बाकी देशों के लोग कितना घूमते हैं. केवल हम लोगों के ही पास घूमने और मजे करने का समय नहीं होता.
‘‘तुम चिंता मत करो, बस अपनी बातें मुझ से शेयर करते रहो. इस तरह बातचीत करते रहने से हमारी दोस्ती मजबूत होती रहेगी.’’ सना ने विकास को समझाने की पूरी कोशिश की. विकास को अब सना की बातों में सच्चाई नजर आने लगी थी. वह उस के और करीब जाने लगा. अब वह अपने औफिस की बातें भी सना से शेयर करने लगा. बीचबीच में वह अपने काम के फोटो भी सना से शेयर करता था. सना भी विकास की पर्सनल बातों से अधिक औफिस के कामों में रुचि लेने लगी थी. सना के साथ ही साथ एक और लड़की से भी उस की दोस्ती हो गई, जिस का नाम निक्की था. निक्की खुद को कश्मीरी बताती थी.
निक्की की बातों का फोकस कश्मीर को ले कर चल रही भारत की गतिविधियों पर था. वह उसे अपने बहुत ही ग्लैमरस फोटो भेजा करती थी. कई बार तो विकास अपनी तरफ से डिमांड कर देता था कि इस तरह की फोटो भेजो. निक्की उसे उसी तरह के फोटो भेज देती थी. निक्की हर दिन नए अंदाज में फोटो भेजने में माहिर थी. ऐसे में विकास जल्दी ही उस के जाल में फंस गया. वह यह पूछा करती थी कि कश्मीर में युद्ध कैसे होता है. वहां के लिए कैसी तैयारी होती है. इन सवालों से विकास को यह समझ आ गया कि वह किसी जाल में फंसता जा रहा है, इसलिए उस ने निक्की से दूरी बनानी शुरू कर दी.
खुफिया विभाग को इस बात की जानकारी मिल रही थी कि कुछ विदेशी ताकतें भारत की महत्त्वपूर्ण जानकारियां हासिल करने के लिए हनीट्रैप का सहारा ले रही हैं. इस के बाद खुफिया विभाग ने डेढ़ सौ से अधिक फेसबुक खातों को निशाने पर लिया. इस से कई ऐसे खाते मिले जो संदिग्ध लग रहे थे. उत्तर प्रदेश एटीएस और मिलिट्री इंटेलीजेंस ने जासूसी के आरोप में 8 अक्तूबर, 2018 को डीआरडीओ के सीनियर इंजीनियर निशांत को गिरफ्तार किया. आरोप है कि उस ने ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट से अहम तकनीकी जानकारियां चोरी कर के अमेरिका और पाकिस्तान में हैंडलर्स तक पहुंचाईं. यह इंजीनियर अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की एक महिला एजेंट के जाल में फंसा था.
आरोपी के लैपटौप को चैक किया गया तो उस के लैपटौप में कई संवेदनशील जानकारियां मौजूद थीं. जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई कि वह पाकिस्तान के किसी व्यक्ति के साथ फेसबुक पर चैटिंग करता था. आरोपी निशांत अग्रवाल डीआरडीओ के ब्रह्मोस एयरोस्पेस में 4 साल से सीनियर सिस्टम इंजीनियर के पद पर कार्यरत था. वह हाइड्रोलिक न्यूमेटिक्स और वारहेड इंटीग्रेशन प्रोडक्शन डिपार्टमेंट के 40 लोगों की टीम को लीड करता था. निशांत ब्रह्मोस की सीएसआर और आर ऐंड डी ग्रुप का सदस्य भी था. फिलहाल वह ब्रह्मोस के नागपुर और पिलानी साइट्स के प्रोजेक्ट का कामकाज देख रहा था.
पिछले साल यूनिट की ओर से उसे युवा वैज्ञानिक का पुरस्कार मिला था. वह बहुत प्रतिभाशाली था. निशांत पर आरोप लगा कि वह सोशल मीडिया से खुफिया एजेंसियों को जानकारी भेजता था. निशांत दिल्ली में मौजूद अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की एजेंट के करीब था. उस की बातचीत पाकिस्तान के हैंडलर से भी होती थी. वह मिसाइल तकनीक की जानकारियां भेजने के लिए सोशल मीडिया के एनक्रिप्टेड कोडवर्ड और गेम के चैट जोन का इस्तेमाल कर रहा था. मामला प्रकाश में आने पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं. जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने मिसाइल से जुड़ी कौनकौन सी सूचनाएं लीक की हैं. इस से पहले पुलिस ने कानपुर से एक महिला को भी गिरफ्तार किया था.
आईजी (एटीएस) असीम अरुण की अगुआई में कुछ समय पहले एटीएस ने बीएसएफ की एक महिला सिपाही को गिरफ्तार किया था, जिसे फेसबुक से फंसाया गया था. जांच के दौरान 2 फेसबुक की आईडी मिली थीं, जिन के आधार पर एटीएस ने जांच करते हुए गुजरात में निशांत की डिटेल चैक की तो उस के लैपटौप में कई संवेदनशील जानकारियां मिलीं. निशांत रुढ़की का रहने वाला है. उस के पास अतिगोपनीय दस्तावेज थे. उस ने कितने दस्तावेज किसी और को दिए, इस पर जांच चल रही है. उस से फेसबुक के द्वारा संपर्क साधा गया था. वहां से जौब औफर करने के बाद उसे फंसाया गया.
उस के पास 2 लड़कियों की फेसबुक आईडी थीं, जो फरजी पाई गईं. इन का आईपी एड्रेस पाकिस्तान का पाया गया. लड़कियों की आईडी के जरिए वह लोगों को अपने जाल में फांसता था. लड़कियों की इन आईडी से किनकिन लोगों से संपर्क किया गया था, पुलिस जांच करने लगी. सेना के जंगी बेड़े में शामिल ब्रह्मोस मिसाइल परमाणु हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है. यह 3700 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से 290 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखती है. कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के कारण यह राडार की पकड़ में भी नहीं आती. इसे डीआरडीओ ने विकसित किया है.
ब्रह्मोस मिसाइल को ले कर विदेशियों में एक डर बना हुआ है. ऐसे में वह इस बात की फिराक में रहते हैं कि भारत की रक्षा संबंधी ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल हो सके. आज के दौर में जासूसी करना सरल हो गया है. क्योंकि अब सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए जासूसी होने लगी है. फेसबुक और वाट्सऐप के जरिए लोगों को हनीट्रैप में फंसाना सरल हो गया है. ऐसे में जरूरी है कि कुछ ऐसे उपाय हों, जिस से हमारे खास लोगों को न फंसाया जा सके.
—कहानी में कुछ पात्रों के नाम परिवर्तित हैं