
सैक्स सीन पर डायरेक्टर हुआ कमजोर
सातवें एपिसोड में अरविंद शेट्टी के चौथा कार्यक्रम को दिखाया जाता है. जबकि उस की अंत्येष्टि से ले कर बाकी सारे शौट गायब हैं. यहां डायरेक्टर को अहसास हुआ कि वेब सीरीज काफी लंबी हो रही है.
चौथे वाले कार्यक्रम में खानसामा मेहरुन्निसा भी पहुंच जाती है. वह कहती है कि पुलिस मनीषा कोइराला को तलाश रही है. अभी तक उस ने कुछ नहीं बताया. यदि होटल में मेन शेफ बनाएगी तो वह राज ही रखेगी. उसी दौरान इंसपेक्टर हसन उसे गिरफ्तार कर ले जाता है, जिस की जमानत स्वाति शेट्टी करा देती है.
इसी एपिसोड में स्वाति शेट्टी के लिए अब लुकास काम करने लगता है. वह उमेश महतो वाली फोटो पर कैमिकल पाउडर डाल कर लिफाफे में रख देता है. इधर, कीर्तिमा का एक एसएमएस प्रभाकर के पास आता है. वह कहती है कि यदि वह आ कर नहीं मिलेगा तो पुलिस को सब कुछ बता देगी.
जब प्रभाकर मिलता है तो वह कहती है कि कैलिफोर्निया होटल का सपना उस ने क्यों तोड़ दिया. इस के अलावा वह पत्नी को तलाक देने की जानकारी दे कर उस के रिश्तों को ले कर बातचीत करती है. प्रभाकर शेट्टी भावुक हो जाता है और दोनों के बीच डायरेक्टर ने सैक्स सीन डाल दिया. तभी स्वाति की काल आती है और वह प्रभाकर के बारे में पूछती है, जिस के बारे में वह कोई जानकारी होने से इंकार कर देती है.
इस के बाद स्वाति उसे निर्माणाधीन कैलिफोर्निया होटल में बुलाती है. कीर्तिमा वीडियो दिखाते हुए कहती है कि यदि उस ने यह पुलिस को दिया तो सभी जेल जाएंगे. इस के बदले में वह स्वाति से कहती है कि प्रभाकर शेट्टी को वह तलाक दे. वहां लुकास आ जाता है और दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो जाता है.
इसी दौरान कीर्तिमा का पैर फिसलता है और वह अपने ही कारणों से गिर कर मर जाती है. उस के बाद लुकास लाश को ठिकाने लगाने निकल पड़ता है. छानबीन करते हुए इंसपेक्टर हसन डिटेक्टिव किरण नडार के घर पहुंचता है.
यहां एक बार फिर एएसआई थुपाली का भूत आ कर उसे सबूतों के बारे में इशारा करता है. तब घबराते हुए उस की मां बताती है कि एक व्यक्ति आ कर उसे ले गया. लुकास लाश ले कर कीर्तिमा के घर पहुंचता है तो प्रभाकर शेट्टी देख लेता है. वह छिप कर वहां से भाग जाता है.
जांच करते हुए इंसपेक्टर हसन लुकास के घर पहुंच जाता है. यहां ताला तोड़ कर वह फोटो हासिल कर लेता है, जो छिपा कर लुकास ने रखी थी. यह सबूत भी एएसआई थुपाली का भूत इशारों में उसे बताता है. वहां डीएसपी को बुला कर फोटो दिखाया जाता है, जिस का रंग कैमिकल की वजह से उड़ जाता है.
इस के बाद इंसपेक्टर को कीर्तिमा के घर ले जाया जाता है. वह कहता है कि कीर्तिमा ही मनीषा कोइराला है. उस के लव लैटर भी वह दिखाता है.
वहीं खानसामा मेहरुन्निसा की तरफ से बनाया गया पोट्र्रेट भी कीर्तिमा से मेल खाता है. ऐसा करने के लिए स्वाति ही उस को बोलती है. कीर्तिमा की मौत की खबर सुन कर प्रभाकर उस के घर चला जाता है. वह उस की लाश देख कर काफी परेशान होता है.
कोंकणा सेन शर्मा
नेटफ्लिक्स पर जनवरी, 2024 में रिलीज हुई ‘किलर सूप’ की स्टोरी को अभिषेक चौबे ने लिखा है. उन्होंने ही फिल्म को डायरेक्ट भी किया है. कहानी को लिखने में उन के साथ उनेजा मर्चेंट, अनंत त्रिपाठी और हर्षद नलवाड़े ने भी योगदान दिया है. इस कारण वेब सीरीज 4 दिशाओं में जगहजगह भटकती नजर आई.
वेब सीरीज में हास्य पैदा करने वाला कोई भी संगीत दर्शक को देखने या सुनने को नहीं मिलेगा. कोंकणा सेन शर्मा जो आर्ट फिल्मों का जानापहचाना चेहरा है, वह ‘किलर सूप’ में लीड रोल निभा रही है.
उसे बौलीवुड में पत्रकारिता जगत पर केंद्रित फिल्म ‘पेज थ्री’ से काफी पहचान मिली थी. इस फिल्म को करते वक्त उसे ज्यादा परेशानी महसूस नहीं हुई. क्योंकि उस के पिता मुकुल शर्मा साइंस राइटर और पत्रकार भी रहे हैं. मां अपर्णा सेन हैं, जोकि अभिनेत्री के साथसाथ निर्देशक भी रही है.
उस की पहचान बंगाली परिवार के रूप में ज्यादा है. क्योंकि उस ने बंगला फिल्मों में कई जगह भूमिका निभाई है. उस का जन्म नई दिल्ली में 3 दिसंबर, 1979 को हुआ था. घर में उसे कोको नाम से पुकारा जाता है. उस ने 1983 में बाल कलाकार के रूप में ‘इंदिरा’ फिल्म में काम किया था.
इस के बाद 2001 में ‘एक जे आछे कान्या’ नाम के बांग्ला थ्रिलर में उस ने अभिनय किया था. कोंकणा सेन शर्मा के ‘किलर सूप’ में 2 जगहों पर सैक्स सीन फिल्माए गए हैं. दोनों ही सीन में कोंकणा सेन ने मर्यादाओं को तारतार नहीं किया. लेकिन, वह सीन देने में कामयाब रही.
वेब सीरीज में इन सीन की आवश्यकता नहीं थी. हालांकि वेब सीरीज के डायरेक्टर ने ओटीटी जगत में इसे परोसने के लिए स्टोरी के बीच में 2 जगहों पर जबरन उसे परोसा जरूर कह सकते हैं.
कोंकणा ने करीब 4 दरजन फिल्मों में अभिनय किया, इस के अलावा उस ने 3 फिल्मों का निर्माण भी किया. 2003 में आई फिल्म ‘मिस्टर ऐंड मिसेज अय्यर’ के लिए उसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला.
मनोज बाजपेयी
मनोज बाजपेयी बौलीवुड के जानेमाने कलाकार हैं. उन का जन्म बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में हुआ था. शिक्षा दिल्ली से हासिल करने के बाद वह बैरी जौन के थिएटर ग्रुप से जुड़ गए थे.
उन्होंने गैंगस्टर लाइफ पर बनीं फिल्म ‘सत्या’ से बौलीवुड में जगह बनाई थी. हालांकि बौलीवुड में उन की लौंचिंग मध्य प्रदेश की कुख्यात डकैत फूलन देवी की बायोपिक फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ से हुई थी. यह फिल्म शेखर कपूर ने बनाई थी.
उन की नैचुरल स्टाइल रही है जोकि आज भी बरकरार है. वेब सीरीज में मनोज बाजपेयी अपनी तकदीर आजमा चुके हैं. वेब सीरीज ‘फेमिली मैन’ से वह ओटीटी पर सिक्का जमा चुके हैं.
लेकिन ‘किलर सूप’ में अभिनय के नाम पर वह कई जगहों पर संघर्ष करते नजर आए. सरल शब्दों में कहें तो अनुभवी कलाकार होने के नाते उन्हें इस बात का आभास हो गया था कि डायरेक्टर ने कौमेडी के नाम पर सीरियस वेब सीरीज बना दी है.
यह बात समझदार दर्शक खुद समझ जाएंगे. डायरेक्टर ‘किलर सूप’ में हास्य पैदा करने में पूरी तरह असफल रहा.
पूरी वेब सीरीज को मर्डर मिस्ट्री की तरह मनोज बाजपेयी ने भी ट्रीट किया. नतीजतन कौमेडी के बजाय पूरी वेब सीरीज ही कौमेडी हो गई. इस कारण कोई छाप दर्शकों के जेहन में नहीं चढ़ सकी. मनोज बाजपेयी ने भी ‘किलर सूप’ में 2 जगहों पर सैक्स सीन दिया है. इस से पहले ‘गैंग्स आफ वासेपुर’ में भी उस ने ऐसा किया है.
एक सीन में वह कोंकणा सेन के साथ इंटीमेंट है, जबकि दूसरा सीन उस के यहां अकाउंटेंट का काम करने वाली कीर्तिमा के साथ फिल्माया गया है. दोनों सैक्स सीन काफी सतही फिल्माए गए हैं. वेब सीरीज में कई जगह डबल रोल के चक्कर में मनोज से भूल हुई है कि वह किस पात्र का अभिनय कर रहा है.
उदाहरण के तौर पर 5 रशियन लड़कियों के साथ पार्टी में प्रभाकर का अभिनय करते वक्त वह बिना स्टिक के दिखाई दिया. इस बात को डायरेक्टर भी पकडऩे में कामयाब नहीं हुआ. ऐसे ही कई चूक मनोज से वेब सीरीज में जगहजगह पर हुई हैं.
सयाजी शिंदे
सयाजी शिंदे ‘किलर सूप’ में एक परिपक्व कलाकार की भूमिका में है. उस का जन्म 13 जनवरी, 1959 को महाराष्ट्र में हुआ था. वह मराठी फिल्मों का चर्चित चेहरा है. सयाजी शिंदे ने तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती समेत अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी काम किया है. शिंदे ने मराठी थिएटर ग्रुप 1975 में जौइन किया, तब से आज भी वह सक्रिय है.
सयाजी शिंदे एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार से है. बौलीवुड में नाम कमाने से पहले शिंदे ने महाराष्ट्र सरकार के सिंचाई विभाग में पार्टटाइम चौकीदारी का भी काम किया था. इस कारण उस की डायलौग डिलीवरी में वह कौमन मैन का भाव बखूबी झलकता है.
किस ने की थी थुपाली की हत्या
चौथा एपिसोड एसएमएस से शुरू होता है. प्रभाकर और स्वाति को लगता है कि उस की कंपनी से पैसा चोरी करने की जानकारी भाई अरविंद शेट्टी को लग गई है. उस ने ही वह एसएमएस किया है. इधर, इंसपेक्टर हसन के सामने एएसआई थुपाली का भूत कई बार थाने में काम और जांच करते वक्त आताजाता है.
इसी एपिसोड में चेन्नै से मानिकम की तरफ से भेजे गए भांजे सूर्या की एंट्री भी होती है. इधर, थाने में उमेश महतो के ब्लैकमेल करने के पीछे के कारण को प्रभाकर शेट्टी काल्पनिक कहानी बताता है. वह कहता है कि मसाज पार्लर में जा कर वह सैक्स करता था. क्योंकि वह सैक्स एडिक्ट है. इसी जानकारी को उजागर करने की धमकी दे कर वह ब्लैकमेल कर रहा था.
उधर, पूछताछ करने के बाद अरविंद शेट्टी का दाहिना हाथ लुकास भी अपने स्तर पर पुलिस वालों की मदद से छानबीन करने लगता है. पुलिस वाला बुरका पहनने वाली मनीषा कोइराला को ले कर सस्पेंस खोलता है. वहीं स्वाति शेट्टी को एसएमएस का शक प्रभाकर शेट्टी के यहां काम करने वाली अकाउंटेंट कीर्तिमा पर जाता है. वह शक की नजर से उस से बात करती है तो कीर्तिमा भड़क जाती है. कई बैंकों के लोन और प्रौपर्टी मोर्टगेज होने की जानकारी देे कर प्रभाकर के सारे राज खोल देती है.
इंसपेक्टर हसन जांच करते हुए अवैध शराब का अड्डा चलाने वाले 3 युवकों पर शक करता है. उसे लगता है कि उन्होंने ही एएसआई थुपाली की हत्या की है. उन्हें उसी सुसाइड पौइंट पर ले जाता है. तफ्तीश के दौरान खोजी कुत्ता दफन लाश तक पहुंचा देता है. इसी बीच प्रभाकर शेट्टी के पास ब्लैकमेलर का दूसरा एसएमएस आता है. उस में 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी जाती है.
स्वाति शेट्टी को बातचीत के दौरान पता चल जाता है कि ब्लैकमेलर अरविंद शेट्टी की बेटी अपेक्षा है. वह खुल कर अपनी बात उस के सामने रखती है. इधर, डिटेक्टिव किरण नडार के घर लुकास पहुंच जाता है. वहां उस का आमनासामना उस की बूढ़ी मां से हो जाता है. लुकास धमका कर उस के घर मिली तसवीरें ले कर चला जाता है. इस में उमेश महतो के साथ स्वाति शेट्टी होती है.
वहीं प्रभाकर शेट्टी उस की कंपनी में काम करने वाली कीर्तिमा के शो में जाता है. यहां उस को किस करते हुए उस की पत्नी स्वाति पकड़ लेती है. वेब सीरीज में निरंतरता बरकरार तो है, लेकिन सबूत मिलने और उस के पीछे काम करने की कमी जगहजगह देखने को मिलेगी.
पुलिस जांच को डायरेक्टर ने बना दिया कौमेडी
वेब सीरीज का पांचवां एपिसोड अपेक्षा से शुरू होता है. वह फ्रांस जाना चाहती है, लेकिन अरविंद शेट्टी चाहता है कि वह इंडिया में रह कर उस की कंपनी संभाले. इसी बात पर नाराज हो कर वह स्वाति शेट्टी की मदद से अपने अपहरण की कहानी गढ़ती है.
स्वाति इसलिए तैयार होती है क्योंकि उसे बैंकों के नोटिस मिलते हैं, जिस के लिए नकली प्रभाकर शेट्टी दबाव में तैयार होता है. वह भाई के पास जा कर उमेश महतो की धमकी बता कर अपेक्षा को बंधक बनाने की झूठी कहानी बता कर 5 करोड़ रुपए मांगता है.
वहीं इंसपेक्टर हसन को दफन लाश में कैमरा मिल जाता है. उसी जगह पर कटेफटे फोटो भी मिलते हैं, जिस में एक तसवीर उमेश महतो की होती है, लेकिन मनीषा कोइराला का चेहरा गायब होता है.
इस एपिसोड में भी एएसआई थुपाली का भूत आता है और वह इंसपेक्टर हसन को सबूत मिलने वाली जगह पर इशारा कर के पहुंचाता है. उमेश महतो के नाम पर अपहरण की रकम लेने के लिए अपेक्षा और स्वाति बुरका पहन कर निकल रही होती है, तभी वहां लुकास आ जाता है. वह जबरिया अपेक्षा को लेने जाता है.
इस दौरान स्वाति शेट्टी का उस के साथ संघर्ष होता है. तब वह बताता है कि उमेश महतो और उस के साथ खींचे हुए फोटो उस के पास हैं. उन फोटो को वह अरविंद शेट्टी को देने जा रहा होता है, तब उस को अपमानित कर देता है. इस कारण वह फोटो की बात छिपा लेता है. लुकास और स्वाति के संघर्ष के दौरान अपेक्षा बैट से वार कर के उसे बेहोश कर देती है. जिसे स्वाति रस्सी से बांध कर स्टोररूम में पटक देती है.
जब अरविंद शेट्टी रकम देने के लिए राजी नहीं होता है तो उस की बेटी अपेक्षा सूर्या जो मानिकम के कहने पर डील करने आया होता है, उस को कंपनी के भीतर चल रहे घपले की जानकारी देती है. जिस कारण डील में नुकसान झेल कर अरविंद शेट्टी फिरौती की रकम प्रभाकर के जरिए भेजता है, लेकिन निगरानी के लिए अपने 2 आदमी लगा देता है. उन्हें चकमा दे कर प्रभाकर स्वाति और अपेक्षा घर पहुंच जाते हैं. वहां पहले से अरविंद शेट्टी होता है.
इंसपेक्टर हसन तफ्तीश करते हुए मोर्चरी पहुंच जाता है. यहां हास्यास्पद सीन डायरेक्टर ने बनाया है. वेब सीरीज में पुलिस जांच को कई बार कार्टून स्टाइल में बताने की कोशिश की गई है. पोस्टमार्टम रूम में डाक्टर खाना खाते हुए इंसपेक्टर हसन को मौत की वजह और लाश के हुलिए के बारे में जानकारी देता है.
उधर अरविंद शेट्टी और उस की बेटी के साथसाथ प्रभाकर और स्वाति के बीच नोकझोक चल रही होती है, लेकिन अरविंद शेट्टी गन निकाल लेता है, जिसे उस की बेटी छीन लेती है. इसी छीनाझपटी के दौरान गोली अरविंद शेट्टी को ही लग जाती है. इस पूरे वाकए को कीर्तिमा अपने मोबाइल में कैद कर लेती है.
सैक्स सीन पर डायरेक्टर हुआ कमजोर
सीरीज के छठें एपिसोड में इंसपेक्टर हसन जांच करते हुए खानसामा मेहरुन्निसा के पास चला जाता है. वह मनीषा कोइराला की जानकारी मांगता है. तभी उस को डीएसपी उदया रेड्डी का फोन आता है. वह बताता है कि अरविंद शेट्टी को गोली लग गई है.
मामले की जांच करने हसन अस्पताल पहुंच जाता है, लेकिन डाक्टर उस के होश में न होने से इस बात के लिए इंकार कर देते हैं. इधर, डीएसपी और इंसपेक्टर हसन के सामने पूरा परिवार काल्पनिक कहानी बताता है. लेकिन भावनाओं में घिरी अपेक्षा पूरा सच बता देती है. हालांकि वह अपहरण की कहानी और उस के बाद मिली रकम की बात छिपा लेती है.
अस्पताल के वाशरूम में एक बार फिर एएसआई थुपाली का भूत दिखाई देता है, जिस के बाद वह जबरिया अरविंद शेट्टी के कमरे में घुस कर पूछताछ करता है. वह कहता है कि मनीषा कोइराला कौन है वह उस को बताए. तभी वहां डाक्टर आ जाते हैं और उसे बाहर कर देते हैं.
इस के अलावा इंसपेक्टर के साथ हमराह आयशा डाक्टर को बातचीत के बहाने ब्लौक करती है. ऐसा करते वक्त वह उमेश महतो और स्वाति शेट्टी की नर्सिंग कोर्स करते वक्त कालेज में खींचे गए फोटो देख लेती है. वहीं स्वाति शेट्टी इंसपेक्टर हसन को यह बोल कर रवाना कर देती है कि अरविंद के होश में आने पर वह उस को बता देगी.
अस्पताल में ही कीर्तिमा भी आ जाती है. उस को देख कर प्रभाकर शेट्टी उस से अरविंद शेट्टी को गोली लगने की बात छिपा लेता है. तभी वहां स्वाति आ जाती है और उसे जबरन वहां से ले जाती है. इंसपेक्टर हसन खानसामा मेहरुन्निसा के घर चला जाता है. वहां उस की पार्टनर 2 हजार रुपए ले कर मनीषा कोइराला का नंबर दे देती है.
प्रभाकर शेट्टी और स्वाति घर पहुंच कर अरविंद शेट्टी के खून को साफ करते हुए दिखाए गए हैं. इसी दौरान डायरेक्टर ने फिर से जबरन सैक्स सीन डाला है, जिस में सिर्फ स्वाति कैमरे में दिखाई देती है. अब सवाल यह उठता है कि पुलिस जांच करते हुए मौके पर क्यों नहीं पहुंची.
दूसरा ऐसी अवस्था में जब गोली चली होती है, वहां अभिनेत्री को जबरन वेब सीरीज बेचने के लिए नग्नता का सहारा डायरेक्टर ने लिया है. उसी घर में कुछ देर बाद इंसपेक्टर हसन आता है. वह उमेश महतो की सिम के बारे में बताता है. यह सुन कर प्रभाकर शेट्टी बेहोश हो जाता है. उसे भी अस्पताल ले जाया जाता है.
अस्पताल में भरती अरविंद शेट्टी होश में आ जाता है. वहां डीएसपी उदया रेड्डी बयान दर्ज कराने के लिए बोलता है. तब वह बेटी के बयान को अपना बता कर पुलिस को हस्तक्षेप करने से रोक देता है.
इस के बाद अपेक्षा से बात करतेकरते अरविंद शेट्टी की मौत हो जाती है. ऐसा होते ही प्रभाकर शेट्टी के पास कीर्तिमा के मोबाइल से भेजा वीडियो आता है, जिस में अरविंद को गोली मारने वाली घटना होती है. इस को देख कर वह परेशान हो जाता है.
वेब सीरीज के दूसरे एपिसोड में अमेरिकी मूल के फेलोशिप करने आए डिटेक्टिव किरण नडार के क्राइम सीन से शुरुआत होती है. इस एपिसोड में ज्यादातर जगहों पर सीन को जोडऩे में डायरेक्टर नाकामयाब हुआ है.
जांच अधिकारी एएसआई थुपाली के सामने महिला आती है. वह बिना कुछ वजह बुरके वाली महिला जहां खानासामा मेहरुन्निसा कोचिंग देती है, उस का पता बता देती है. इसी एपिसोड में एएसआई थुपाली का थोड़ा फ्लैशबैक दिखाया गया है. वह आईपीएस बनने की भी तैयारी कर रहा होता है. इस में राबर्ट फ्रौस्ट की कविता के कई अंश सुनने को मिलेंगे.
यह अंश पूरी वेब सीरीज में कई जगह दर्शकों के सामने आएंगे. नडार के घर की जांच करते वक्त भी दर्शकों को हैरानी होगी. क्योंकि इंसपेक्टर हसन जब नडार की मां से बातचीत करता है, तभी एएसआई थुपाली को उस का चालू कंप्यूटर मिल जाता हैं.
उस में दूसरा संयोग यह भी बताया गया है कि एएसआई को कंप्यूटर का फोल्डर खोलते ही प्रभाकर शेट्टी और नडार के बीच हो रही बातचीत मिल जाती है. इस को वह चोरी कर लेता है और इंसपेक्टर हसन को बताता है.
इंसपेक्टर हसन फोन कर के प्रभाकर शेट्टी को थाने तलब करता है. इस से पहले स्वाति शेट्टी के दिमाग में खुराफात सूझती है. इस खुराफात को भी दर्शक अंतिम एपिसोड तक समझ नहीं सकेंगे. वह एसिड अटैक की काल्पनिक कहानी बनाती है.
जबकि नकली प्रभाकर शेट्टी, जो वास्तव में उमेश महतो है, उस की बाईं आंख पर कैमिकल की मदद से कपास की मदद से एसिड बना कर लैप लगा कर उस पर हमला करने की कहानी बनाती है. इस कहानी को पुलिस जांच का विषय सब से अंतिम एपिसोड में डायरेक्टर ने बनाया है.
एएसआई थुपाली खानसामा मेहरुन्निसा के घर भी पूछताछ करने चला जाता है. वहां खानसामा के साथ रहने वाली महिला जो ब्यूटीपार्लर चलाती है, रिश्वत ले कर एएसआई को मनीषा कोइराला का नाम और नंबर बता देती है. इसी नंबर की बदौलत पूरी फिल्म डायरेक्टर ने कई जगहों पर घुमा दी है. इधर, जख्मी हालत में नकली प्रभाकर शेट्टी इलाज के लिए भरती करने पहुंचता है.
अस्पताल में यहांवहां की बातें बताते हुए इंसपेक्टर हसन के सामने स्वाति शेट्टी कपोल कहानी बताती है. इसी दौरान स्वाति को अहसास होता है कि प्रभाकर शेट्टी का लौकेट भी उस के साथ दफन है. यहां डायरेक्टर दोबारा उस को लाश निकालने के लिए जंगल भेज देता है.
इस बारे में दर्शकों को तुरंत नहीं पता चलता. ऐसा करने के पहले वह उमेश महतो के घर लगी उस की तसवीरें ले कर कई अन्य सबूतों को भी समेट कर जंगल निकल जाती है. ऐसा करते वक्त बुरका पहन कर आई स्वाति शेट्टी को जल्दी में भागते हुए एएसआई थुपाली देख लेता है. वह उस के पीछेपीछे चला जाता है. हालांकि इस से पहले उमेश महतो के घर में जा कर वह प्रभाकर को लिखे गए धमकी भरे पत्र के हिस्से को हासिल कर लेता है.
यह सब कुछ बहुत जल्दी मेें डायरेक्टर ने दिखाया. मतलब अधिकांश जगह पर सबूत पुलिस के पास चल कर आते हैं. किसी तरह की जांच या कोई तकनीक दर्शकों को देखने को नहीं मिलेगी. जंगल में स्वाति शेट्टी को उस का पीछा कर रहे एएसआई थुपाली के आसपास होने की भनक लग जाती है.
ऐसा करतेकरते एएसआई सुसाइड पौइंट पर चला जाता है. यहां वह इंसपेक्टर हसन को काल करने के लिए नेटवर्क तलाशते हुए जाता है. लेकिन, पीछे से अचानक स्वाति को पा कर वह डर जाता है. वह सर्विस रिवौल्वर निकालता है और हवा में फायर करने के बाद अचानक खाई में गिर जाता है. इस के बाद स्वाति शेट्टी दफन लाश के पास आती है और उस में लौकेट निकालने के बाद एसिड डाल कर अपने दम पर लाश को फिर दफना देती है.
सीरीज में क्यों घूमता है भूत
तीसरे एपिसोड की शुरुआत एएसआई थुपाली की लाश मिलने से होती है. इधर, अरविंद शेट्टी की बेटी अपेक्षा पिता की फर्म में हुई 5 करोड़ 80 लाख रुपए की फरजी एंट्री को पकड़ लेती है. वेब सीरीज के डायरेक्टर ने प्रभाकर शेट्टी की कंपनी में काम करने वाली कीर्तिमा के साथ किसिंग सीन दिखा कर फिल्म को रोमांचक बनाने की कोशिश करते हैं.
यह सब कुछ अस्पताल में होता है. तभी वहां पर स्वाति शेट्टी आ जाती है. इस के अलावा बयान दर्ज करने के लिए इंसपेक्टर हसन भी पहुंचता है. नकली प्रभाकर शेट्टी कहता है कि उमेश महतो को उस के और भाई की कंपनी में हुई अनियमितता की बात पता होती है. उसे छिपाने के लिए घूस मांगने की वह कपोल कहानी बता देता है.
इसी तफ्तीश के दौरान पता चलता है कि एएसआई थुपाली की लाश मिली है. इंसपेक्टर हसन को थुपाली से काफी लगाव था. उस की मौत के बाद वह नशा करने लगता है. वह जब क्राइम सीन में जाता है तो वहां एएसआई का भूत उसे अपने ही घटनास्थल पर ले जाता दिखाई देता है. ऐसे ही सपने में आने वाले भूत वेब सीरीज में दर्शकों को काफी जगह दिखाई देंगे.
मतलब किसी तरह की भौतिक जांच या वैज्ञानिक सबूतों के साथ 3-3 व्यक्तियों की संदिग्ध मौत को ले कर गंभीरता का काफी अभाव देखने को मिलेगा. वहीं इंसपेक्टर हसन सिलसिलेवार हुई संदिग्ध मौत के मामले में उमेश महतो का हाथ बताता है. यह जानकारी वह डीएसपी उदया रेड्डी को देता है.
डायरेक्टर ने दोनों के बीच कई जगह संवाद के जरिए फिल्म को कौमेडी बना दिया है. दूसरे सरल शब्दों में कहें कि कास्टिंग गलत की गई है.
डीएसपी को बताया जाता है कि एएसआई की बाइक अभी नहीं मिली है. वहां ब्रीफिंग के दौरान मनीषा कोइराला शब्द जरूर निकलता है, जिस को इंसपेक्टर हसन नजरअंदाज कर के उमेश महतो पर केस को फोकस करने का दावा करता है.
तीसरे एपिसोड में प्रभाकर शेट्टी के विदेश में रहने वाले बेटे सैंडी की अचानक एंट्री होती है. उस की एंट्री क्यों हुई, इस का मकसद समझ नहीं आ सका. इंसपेक्टर हसन छानबीन करने के लिए एएसआई थुपाली के घर चला जाता है. वहीं अरविंद शेट्टी का दाहिना हाथ लुकास उमेश महतो की छानबीन कर चुका होता है.
एएसआई थुपाली के घर कुकिंग क्लास के खानसामा मेहरुन्निसा की परची मिलती है. इधर, नडार की मां का नकाबपोश लुकास से सामना हो जाता है. इस से पहले उमेश महतो की तसवीर उस को मिल जाती है, जिस में स्वाति शेट्टी अंतरंग होती है. वह नडार की मां को चुप रहने की धमकी दे कर चला जाता है. नकली प्रभाकर यह जानता है कि उस का भाई अरविंद शेट्टी उमेश महतो को ठिकाने लगाने के लिए लुकास की मदद से तलाश रहा है.
उधर, पुलिस भी उमेश महतो के सभी ठिकानों पर जा कर दबिश दे रही होती है. वहीं तफ्तीश करते हुए इंसपेक्टर हसन को अवैध अहाते के एक ठिकाने पर एएसआई की लावारिस बाइक मिल जाती है. वहां उमेश महतो भी आताजाता था.
इसी बीच नकली उमेश महतो के मोबाइल पर एक एसएमएस आता है, जिस में ब्लैकमेलर कहता है कि उस ने 31 करोड़ 12 लाख 60 हजार पांच सौ पैंतालीस रुपए चोरी किए हैं.
कलाकार: मनोज बाजपेयी, कोंकणा सेन शर्मा, नासर, सयाजी शिंदे, अनुला नावलेकर, कानि कुश्रुति, वैशाली बिष्ट
छायांकन: अनुज राकेश धवन
निर्देशक: अभिषेक चौबे
निर्माता: चेतना कौशिक, हनी त्रेहन
लेखक: अभिषेक चौबे, अनंत त्रिपाठी, उनैजा मर्चेंट, हर्षद नलवडे
ओटीटी: नेटफ्लिक्स
बौलीवुड के 4 मंझे हुए कलाकारों को ले कर वेब सीरीज (Web Series) ‘किलर सूप’ (Killer Soup) बनाई गई. इस में मुख्य भूमिका कोंकणा सेन (Konkona Sen), मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee), सयाजी शिंदे और नासर ने निभाई है. वेब सीरीज के 8 एपिसोड हैं जोकि साढ़े 6 घंटे के हैं. वेब सीरीज को नेटफ्लिक्स (Netflix) पर मर्डर मिस्ट्री, सस्पेंस (Suspense), क्राइम, ड्रामा बता कर दर्शकों को बेचा जा रहा है.
पहले एपिसोड में दर्शकों को टीवी जगत की डायरेक्टर एकता कपूर की याद जरूर आएगी. क्योंकि कब कौन सा पात्र कहां से, क्यों निकल कर सामने आ रहा है, वह समझने के लिए आप को 8वें एपिसोड को पहले देखना चाहिए.
वेब सीरीज ‘किलर सूप’ में रोमांच, रहस्य या फिर अच्छे संगीत की भारी कमी खलती है. दरअसल, पहले एपिसोड के अंत में मर्डर से शुरू होने वाली वेब सीरीज के बैंकग्राउंड में अच्छे संगीत की कमी आप को अंत तक महसूस होगी.
हालांकि जब वेब सीरीज समाप्त होती है, तब आप को अच्छा संगीत सुनने को मिलेगा. यह सीरीज ‘एक हसीना के 2 दीवाने’ के तर्ज पर बनी है. उस में संयोग यह भी है कि दोनों दीवानों का हुलिया एक जैसा है यानी सीरीज के नायक मनोज बाजपेयी का डबल रोल है.
अब एक जैसे हुलिए के पीछे कहानी कुछ नहीं है, जो दर्शकों को काफी निराश करने वाली है. सीरीज को क्राइम के लिहाज से देखना चाहते हैं तो आप को पूरी कौमेडी हर स्तर पर मिलेगी. सीरीज के केंद्रबिंदु में कोंकणा सेन है, जो 1995 में मणिरत्नम की फिल्म ‘बांबे’ की नायिका मनीषा कोइराला से काफी प्रभावित है.
यह क्यों है, इस में जरूर डायरेक्टर ने वेब सीरीज में सस्पेंस बना रखा है. दर्शकों को मनीषा कोइराला को ले कर आखिर तक इस बारे में जरा भी भनक नहीं लगेगी और आप सोच भी नहीं सकेंगे, क्योंकि मनीषा कोइराला के नाम और उस पर फिल्माए गीत ‘तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जिऊं…’ दर्शकों के सामने कई बार आएगा. लेकिन, जब भी आएगा दर्शक मुसकराए बिना नहीं रह पाएंगे.
वास्तव में देखा जाए तो यह वेब सीरीज बौटनी यानी वनस्पति शास्त्र के छात्रों के लिए बनाई गई है. इस में कवक या दूसरे नाम मशरूम के बारे में डायरेक्टर ने दर्शकों को समझाने की कोशिश की है. जहरीले मशरूम से बनने वाले मसाले का इस्तेमाल चिकन सूप में होता है. हालांकि ऐसा होने तक वेब सीरीज समाप्ति की ओर पहुंच जाती है.
इस में 2 मुख्य भूमिका निभाने वाले पात्र भी संदिग्ध हालात में मर जाते हैं. वे दोनों जिस यात्री बस में सवार होते हैं, उस में मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने वाला एएसआई का भूत छत पर दिखाया गया है. आप को हैरानी हो रही होगी कि एएसआई का भूत मर्डर की जांच कर रहा है. इसीलिए दर्शकों से यह दावा है कि उन्हें वेब सीरीज देखने के बाद रहस्य-रोमांच नहीं बल्कि अंधविश्वास पर हंसी का अहसास होगा.
जांच करने वाला एएसआई का भूत वेब सीरीज में करीब 10 बार आता है. सीरीज में जबरिया सैक्स सीन भी डाला गया है. मनोज बाजपेयी जैसे सीनियर कलाकारों में यह सीन फिल्माते वक्त जिन मर्यादाओं को उन्होंने पहले से बरकरार रखा है, वह बना हुआ है.
कोंकणा सेन ने जरूर एक जगह कुछ पल के लिए पोर्न मूवी जैसा अहसास दर्शकों को कराया है. यह सीन शायद दर्शकों के सामने वेब सीरीज को बेचने के उद्देश्य से डायरेक्टर ने पैदा किया है.
वेब सीरीज के पहले एपिसोड में ही लगभग सारे पात्रों की एंट्री हो जाती है. शुरुआत मेनजूर सिटी से होती है. एपिसोड की मुख्य कलाकार कोंकणा सेन है, जिस का नाम स्वाति शेट्टी है. उस का पति प्रभाकर शेट्टी यानी मनोज बाजपेयी है.
मनोज बाजपेयी की अलगअलग भूमिका को रेखांकित करने के लिए प्रभाकर शेट्टी के दाहिने पैर में तकलीफ दिखाते हुए छड़ी थमाई गई है. वहीं दूसरा मनोज बाजपेयी जो उमेश महतो के नाम से वेब सीरीज में दिखेगा, उसे बाईं आंख से काना दिखाया गया है.
मुख्य कलाकार स्वाति अपने पाया सूप की रेसिपी वाला रेस्टोरेंट खोलना चाहती है. जबकि पति प्रभाकर शेट्टी कैलिफोर्निया नाम से होटल डालना चाहता है.
पहले एपिसोड में दिखाया गया है कि यह सब कुछ तभी संभव हो सकता है, जब अरविंद शेट्टी की मदद मिले. अरविंद शेट्टी की भूमिका सयाजी शिंदे ने निभाई है. वह मशरूम की खेती करता है, जिस की आड़ में वह गलत धंधे यानी मादक पदार्थ भी यहांवहां सप्लाई करता है. मनोज बाजपेयी उस का छोटा भाई है, जोकि उस के धंधे की रकम को संभालने का काम करता है.
ऐसा करते हुए वह करीब 31 करोड़ रुपए की हेराफेरी अरविंद शेट्टी से कर देता है, जिस की जानकारी सिर्फ प्रभाकर शेट्टी की पत्नी स्वाति को होती है. यह रोल कोंकणा सेन ने निभाया है.
स्वाति शेट्टी अपने प्रेमी यानी डुप्लीकेट मनोज बाजपेयी का किरदार निभा रहे मनोज (उमेश महतो) को बता देती है. उमेश महतो मसाज पार्लर में जौब करता है. यहां अकसर प्रभाकर और उस का भाई अरविंद मसाज करने आतेजाते हैं.
उमेश महतो मसाज करते वक्त चुपचाप चोरी की बात उजागर करने की धमकी दे कर पत्र प्रभाकर के बैग में रख देता है. इसी मामले की जांच करने के लिए अमेरिकी मूल के नागरिक डिटेक्टिव किरण नडार को प्रभाकर जिम्मेदारी सौंप देता है. डिटेक्टिव का रोल भगवती पेरुमल ने किया है.
वह चुपचाप अपनी जासूसी करते हुए स्वाति और उमेश महतो के अवैध संबंधों को अपने कैमरे में कैद कर लेता है. इस के अलावा स्वाति एक कुकिंग क्लास के लिए खानसामा मेहरुन्निसा के पास जाती है.
मेहरुन्निसा की भूमिका वैशाली बिष्ट ने निभाई है. स्वाति के वहां जाने को ले कर प्रभाकर को आपत्ति है. इस के बावजूद वह ऐसा करती है. हालांकि यह बात प्रभाकर शेट्टी को पता चलती, उस से पहले कैलिफोर्निया होटल खोलने के लिए अपने भाई अरविंद शेट्टी को मनाने वह पार्टी में चला जाता है.
इस पार्टी में 5 रशियन लड़कियों को बुला कर अरविंद शेट्टी को ऐश करने के लिए प्रभाकर शेट्टी बोलता है. यहां वह अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को बताता है तो अरविंद शेट्टी नाराज हो जाता है. वह कहता है कि अभी चेन्नै की पार्टी से डील को फोकस करने में उस की मदद करे. इधर, खानासामा के यहां से निकलते वक्त स्वाति को अमेरिकी मूल का जासूस कैमरे में कैद करता है. यह स्वाति की नजर में आ जाता है.
कार में बैठे जासूस के साथ उस की झूमाझटकी होती है. इस दौरान उस से कैमरा छीन लेती है. लेकिन, गले में उस की बेल्ट रह जाती है. तभी एक तेजरफ्तार ट्रक आ कर उसे उड़ा देती है. कैमरे की तसवीरें देख कर स्वाति चौंक जाती है. वह फोन कर के उमेश को अपने घर बुला लेती है.
इधर, कैलिफोर्निया होटल की पार्टी में हुए घटनाक्रम से नाराज हो कर प्रभाकर जब घर पहुंचता है तो वहां घर पर उमेश मिल जाता है. इस से पहले प्रभाकर और स्वाति के बीच सैक्स सीन भी फिल्माया गया है. ऐसा करते वक्त पलंग के नीचे जासूस से छीना कैमरा ले कर उमेश भी छिपा होता है.
सैक्स करने के बाद जब प्रभाकर सो जाता है, तब स्वाति और उमेश घर में ही बहस कर रहे होते हैं. तभी वहां कैमरा ले कर प्रभाकर आ जाता है और संघर्ष के दौरान उमेश 3 बार भारी चीज से प्रहार कर के उस को मार देता है.
दोनों कारपेट में प्रभाकर के शव और कैमरे को लपेट कर जंगल में ले जा कर दफना देते हैं. ऐसा करने के बाद दोनों जब घर आते हैं तो डिटेक्टिव किरण नडार के मोबाइल से प्रभाकर शेट्टी के मोबाइल पर काल आता है.
संपत ध्रुव और एक लड़के को बुलाता है और पूछता है कि सचसच बताओ कि कंटेनर का नंबर खान को किस ने दिया था? क्योंकि कंटेनर का नंबर तुम दोनों को ही शेयर किया गया था. हमारे धंधे में खबरी की सजा मौत है. आधा घंटा है पता कर लो. दोनों लडऩे लगते हैं और फिर आपस में संपत को मारने की बात करते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि संपत उन्हें मार देगा.
दूसरी ओर नलिनी आर्या से कहती है कि वह सप्लायर बनने का जो सपना देख रही है, उसे भूल जाए. क्योंकि उस के धंधे में जो गद्दारी करता है, उस की सजा मौत है. यह कंसाइनमेंट उस की वजह से चोरी हुआ है, इसलिए कंसाइनमेंट उसे ही वापस लाना होगा. अभिमन्यु कहता है कि वह सूरज को संभाल लेगा. पर सूरज को आर्या खुद मारना चाहती थी.
पूछताछ के दौरान खान माया से कहता है कि वह आर्या का साथ छोड़ दे, वरना बीर और अरु की जगह उस का बेटा अप्पू हो सकता है. इस के बाद वह रूप का फोटो दिखा कर बीर से पूछता है कि वह इस लड़की को जानता है.
ध्रुव दूसरे लड़के को मार देता है और एक औडियो संपत को सुनाता है कि यह लड़का सारी बातें रिकौर्ड कर खान को सुना दिया करता था. आर्या रात को घर लौटती है तो देखती है कि कुछ लोग उस के घर के सामने लाश फेंक रहे हैं. वह लाश रूप की थी, जिसे देख कर आर्या बहुत दुखी हो जाती है. माया भी लाश देख कर बहुत दुखी होती है.
बीर अपनी मां से रूप के बारे में पूछता है तो बेटा दुखी न हो, इस के लिए वह झूठ बोल देती है कि रूप को वह किसी भी हालत में ढूंढ निकालेगी. बीर आर्या को बताता है कि खान आया था उस के बिजनैस के बारे में पूछ रहा था, पर उस ने कुछ नहीं बताया. वह खुद रूप को ढ़ूंढऩे की बात करता है तो आर्या उसे रोकती है.
माया अपना सामान पैक करते हुए लाश के बारे में पूछती है तो आर्या उसे बताती है कि रूप मर चुकी है, पर वह अभी अपने बेटे बीर को यह बात बताना नहीं चाहती. माया जाने की बात करती है तो आर्या उसे रोकती है. पर माया अगले दिन सुबह जाने की बात करते हुए कहती है कि उस के यहां अब कोई सेफ नहीं है.
सुशीला फोन कर के आर्या को बताती है कि प्रताप का पता चल चुका है मतलब कि सूरज भी वहीं होगा. आर्या उस से कंसाइनमेंट तलाशने के लिए कहती है. इस के बाद संपत के साथ आर्या सूरज की लोकेशन पर पहुंच जाती है. दोनों प्रताप को गोली मार देते हैं, पर सूरज भाग जाता है.
आर्या का बेटा आदित्य बौडीगार्ड के साथ स्कूल जाता है, जहां बच्चे उसे परेशान करते हैं. आर्या के बेटे आदित्य का स्कूल में एक लड़के से झगड़ा हो जाता है, जिस का बाप वकील है. प्रिंसिपल आर्या को स्कूल बुलाती है, जहां वकील और आर्या में झड़प हो जाती है और दोनों एकदूसरे को देख लेने की धमकी देते हैं.
चौथे एपिसोड में सूरज माया की गैलरी पहुंच जाता है और अपनी पत्नी की मेमोरी गुम हो जाने की बात कह कर माया को अपने घर चलने को कहता है. आर्या घर आती है तो अरु बताती है कि उसे कविता को परफार्मेंस के लिए पहला पेमेंट मिला है. उस का अगला परफार्मेंस नलिनी के घर है. आर्या नलिनी को फोन करती है तो नलिनी कहती है कि वह कंसाइनमेंट का जल्दी पता करे, क्योंकि रशिया से एंटोन की जगह मिकायल आने वाला है और वह बहुत खतरनाक है.
रशिया से गेस्ट आने वाले हैं, इसलिए वह बेटी को परफार्मेंस के लिए अच्छी तरह तैयार कर दे. आर्या इस से घबरा जाती है.
माया सूरज के घर पहुंच कर मेजरमेंट ले रही होती है, तभी उस की नजर एक फोटोफ्रेम पर पड़ती है, जिस से उसे पता चलता है कि यह आदमी कोई और नहीं, नंदिनी का पति सूरज है. वह घबरा जाती है, तभी सूरज उस पर हमला कर देता है. माया उस से माफी मांगने लगती है. अप्पू स्कूल में इंतजार कर रहा था कि मां आज लेने क्यों नहीं आई. तब वह आर्या को फोन कर के बताता है कि आज मम्मी उसे लेने नहीं आई.
आर्या डर जाती है और संपत से बात करती है तो वह बताता है कि उस के गार्ड का भी फोन नहीं लग रहा है. आर्या संपत को अप्पू को लाने के लिए कह कर आर्ट गैलरी चली जाती है, जहां सीसीटीवी फुटेज में माया सूरज के साथ दिखाई देती है. आर्या सुशीला से माया की लोकेशन पता करती है और उस जगह के लिए चल पड़ती है.
दूसरी ओर इस सब की जानकारी खान को हो जाती है. वह अपनी टीम के साथ आर्या को रंगेहाथ पकडऩे के लिए निकलता है, लेकिन सुशीला यह बात आर्या को बता देती है, जिस से वह संपत से अपनी कार बदल कर वहां पहुंच जाती है, जहां सूरज माया को ले कर गया था.
आर्या सूरज से खूनखराबा बंद करने की बात करती है. सूरज मान भी जाता है, पर तभी बीर गन ले कर रूप की मौत का बदला लेने पहुंच जाता है. सूरज उसे मारना चाहता है, पर उस के पहले ही आर्या उसे गोली मार देती है और तीसरा सीजन यहीं खत्म हो जाता है.
सुष्मिता सेन
सुष्मिता सेन का जन्म 19 नवंबर, 1975 को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार में हुआ था. उस के पिता शुबेर सेन एयरफोर्स में विंग कमांडर थे तो मां शुभ्रा सेन का दुबई में अपना डिजाइनर गहनों का शोरूम था. उस ने नई दिल्ली स्थित वायुसेना गोल्डन जयंती संस्थान और सिकंदराबाद के सेंट हाई स्कूल से पढ़ाई की थी.
19 साल की उम्र में सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स 1994 बनी. मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने के बाद सुष्मिता ने हिंदी सिनेमा में बतौर एक्ट्रेस काम करना शुरू किया. साल 1996 में उस की पहली फिल्म ‘दस्तक’ आई. इस के बाद तो वह हिंदी सिनेमा में छा गई.
सुष्मिता सेन ने तमाम फिल्मों में काम किया, जो बौक्स औफिस पर अच्छी कमाई करने में कामयाब रहीं. सुष्मिता सेन ने विवाह नहीं किया है. उस ने 2 लड़कियों को गोद लिया है, जो उस के दिल के काफी करीब हैं. वह अपनी इन गोद ली गई लड़कियों का बेटी की तरह खयाल रखती हैं.
खाली समय में सुष्मिता सेन कविताएं लिखना पसंद करती है. उस की प्रसिद्ध फिल्में हैं- ‘तुम’, ‘दस्तक’, ‘बीवी नंबर 1’, ‘नायक’, ‘बस इतना सा ख्वाब’, ‘आंखें’, ‘तुम को ना भूल पाएंगे’, ‘पैसा वसूल’, ‘फिलहाल’, ‘मैं हूं न’, ‘चिनगारी’, ‘मैं ने प्यार क्यों किया?’, ‘बेवफा’, ‘किसना: द वारियट पोएट’, ‘जिंदगी रौक्स’, ‘कर्मा और होली’, ‘दूल्हा मिल गया’, ‘नो प्राब्लम’ आदि. इस समय वह डिज्नी हौटस्टार पर आने वाली वेब सीरीज आर्या में काम कर के वह छाई हुई हैं.
इंद्रनील सेनगुप्ता
इंद्रनील सेनगुप्ता एक भारतीय अभिनेता और मौडल है. मूलरूप से कोलकाता के रहने वाले इंद्रनील का जन्म 8 सितंबर, 1974 को अहमदाबाद में हुआ था. पढ़ाई पूरी करने के बाद इंद्रनील ने मौडलिंग शुरू कर दी. उस ने डिजाइनर रोहित बल के लिए मौडलिंग की.
साल 1999 में वह ग्लेड्रैग्स मैनहंट प्रतियोगिता में फाइनलिस्ट था, जिस में जौन अब्राहम विजेता बना था. वह टाटा इंडिगो मरीना कार, वीआईपी फ्रेंची और एक्वाफिना के विज्ञापनों में भी दिखाई दिया. इस के बाद उस ने गानों के एलबम में काम किया.
साल 2004 में उस ने ‘शुक्रिया: टिल डेथ डू अस अपार्ट’ में अभिनय किया. इस के बाद साल 2008 में उस ने विक्रम भट्ट द्वारा लिखित और निर्देशित हौरर फिल्म ‘1920’ में एक ब्रिटिश भारतीय सेना के जवान मोहन कांता की नकारात्मक भूमिका निभाई, जो अपनी विद्रोही स्वतंत्रता समर्थक सैन्य रेजिमेंट को धोखा देता है.
इंद्रनील सेनगुप्ता ने हिंदी फिल्मों के अलावा टीवी धारावाहिकों तथा बंगाली फिल्मों काम किया. इंद्रनील को 2008 में आइडिया ग्लैमर फेस औफ द ईयर पुरुष के लिए आईटीए पुरस्कार मिला था. साल 2014 में बंगाली फिल्म ‘मिशावर रावोश्यो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला था.
पहली मार्च, 2008 को इंद्रनील ने बरखा बिष्ट से विवाह किया, जो ‘डोली सजा के’ और ‘एक प्यार के दो नाम, एक राधा एक श्याम’ में उस की सहकलाकार थी. अक्तूबर 2011 में इन के एक बेटी पैदा हुई, जिस का नाम मीरा है. लेकिन इंद्रनील और बरखा का 2022 में अधिकारिक रूप से तलाक हो गया है. इंद्रनील इस समय वेब सीरीज ‘आर्या’ की वजह से फिर चर्चा में है.
आर्या की बेटी अरु परफार्मेंस करना चाहती है, पर आर्या मना करती है कि घर से बाहर जाना ठीक नहीं है, लेकिन अरु कहती है कि वह यह परफार्मेंस अपने डैड के लिए करना चाहती है, तब आर्या मान जाती है और वीडियो कौन्फ्रैंसिंग द्वारा परफार्मेंस की व्यवस्था करवा देती है. अरु की भूमिका विरति बघानी ने निभाई है. यहां उस का काम तो ज्यादा नहीं है, पर वह आकर्षक चेहरे वाली है.
किस ने रची कंसाइनमेंट चुराने की साजिश
अगले दिन आर्या का कंसाइनमेंट निकलने वाला था और आर्या अपने पूरे परिवार के साथ केडिया के यहां उस की तेरहवीं में जाती है. आर्या रूप को फोन कर के पूछती है कि अपडेट क्या है. रूप बताती है कि ट्रांसपोर्ट निकलने को तैयार है.
आर्या संपत से कहती है कि मुझे हर आधे घंटे में अपडेट करते रहना. संपत का रोल विश्वजीत प्रधान ने निभाया है. पुराना कलाकार होते हुए भी वह अपना काम ऐसा नहीं कर सका कि दर्शकों पर प्रभाव छोड़ सके.
आर्या अंदर केडिया को श्रद्धांजलि देने जाती है, जहां उसे माया मिलती है और वह कहती है कि यह हमला सूरज ने करवाया था. नंदिनी को मारने के बाद वह बहुत डरी हुई है, जिस की वजह से वह अपनी गैलरी पर ध्यान भी नहीं दे पा रही है. माया की भूमिका माया सराओ ने निभाई है. तब आर्या उसे भरोसा दिलाती है कि उसे और उस के बेटे अप्पू को कुछ नहीं होने पाएगा.
कंसाइनमेंट वाला ट्रक निकलने के बाद आर्या संपत से उस पर नजर रखने को कहती है, साथ ही केडिया की मां को आश्वासन देती है कि वह उस के बेटे की मौत का बदला जरूर लेगी. सूरज प्रताप से कहता है कि रूप के निकलते ही उस का अपहरण कर लेना. अस्पताल में डाक्टर रूप को एक गोली देती है और कहती है कि इसे खाते ही अबौर्शन का प्रोसेस शुरू हो जाएगा, लेकिन बीर का मैसेज आते ही रूप टैबलेट फेंक देती है. बीर आर्या का बेटा है, जिस की भूमिका में वीरेन वजीरानी है.
कंसाइनमेंट वाला ट्रक जो ड्राइवर ले कर जा रहा था, उसे रास्ते में नाकाबंदी मिलती है. एसीपी खान अपने सहयोगियों के साथ ट्रक चैक कर रहा था. लेकिन आर्या होशियारी से अपना ट्रक निकलवा देती है. तभी पता चलता है कि रूप गायब हो गई है.
दूसरे एपिसोड में रूप का अपहरण सूरज ने करवा लिया था. वह उसे अपने अड्डे पर ला कर उस से आर्या का कंसाइनमेंट जिस कंटेनर से जाने वाला था, उस का नंबर पूछता है. पर तमाम टौर्चर के बाद भी रूप नंबर नहीं बताती. लेकिन जब बात उस के गर्भ में पल रहे बच्चे की आती है, तब वह कहती है कि कंटेनर नंबर ईमेल से उस के लैपटाप पर आएगा. सूरज रूप का लैपटाप उठवाता, उस के पहले ही आर्या ने उसे मंगवा लिया था. सूरज कहता है कि लैपटाप आर्या ने मंगा लिया होगा, इसलिए वहां जाना बेकार है.
किस ने पकड़वाई ड्रग्स की खेप
आर्या का माल ले कर ट्रक कंटेनर डिपो पहुंच जाता है. उस का माल लोड भी हो जाता है. कस्टम क्लियरेंस के बाद कंटेनर निकलने ही वाला था कि एसीपी खान अपनी टीम के साथ पहुंच जाता है और कंटेनर पकड़ लेता है. कंटेनर नंबर न मिलने से चिढ़ कर सूरज रूप की हत्या कर देता है. यहीं पर आर्या और आर्या के बेटे बीर को पता चल जाता है कि रूप के पेट में बीर का बच्चा पल रहा था.
यह जान कर आर्या संपत को दोष देती है. इस बात से नाराज संपत अपने 2 लोगों को गोली मार देता है, क्योंकि बीर पर नजर रखने की उन की जिम्मेदारी थी और उन्हें बीर और रूप के प्यार का पता था. क्योंकि इस धंधे में गलती की सजा मौत है. लोकेशन मिलने पर आर्या रूप को बचाने जाती है, पर वहां न सूरज मिलता है और न ही रूप.
तीसरे एपिसोड की शुरुआत में डर से बीर को दुखी होते दिखाया गया है. इस के बाद संपत आर्या को फोन कर के कहता है कि उस का कंटेनर सुशीला की गलती से पकड़ा गया है. जवाब में आर्या कहती है कि उन्हीं के बीच कोई गद्दार है, वरना खान को उस के कंटेनर के बारे में कैसे पता चलता. हमारा ही कोई आदमी खान का खबरी है. इसी के साथ उस ने यह भी कहा कि सूरज का आदमी कंटेनर यार्ड में होगा. उस के बारे में पता करो. उस से सूरज के बारे में पता चल जाएगा.
दूसरी ओर खान मीडिया को बता रहा था कि उसे डेढ़ सौ किलोग्राम ड्रग मिला है, जिस की कीमत तकरीबन एक हजार करोड़ है. यह समाचार देख कर एंटोन गुस्सा हो रहा था. गुस्से में उस ने सूरज को फोन कर के कहा कि उसे जो चाहिए था, वह उसे मिल गया. पर मुझे क्या मिला? पैसा कहां है? अगर पैसा नहीं मिला तो रशियन मुझे मार देंगे.
इस पर सूरज उसे धमकी देता है कि अगर उस ने फिर उसे पैसों के लिए फोन किया तो वह उस के बारे में रशियन को बता देगा. पिछली बार उन्होंने उस की अंगुली काटी थी, इस बार उस का सिर काट देंगे.इसी के साथ वह अपने लोगों से कहता है कि जब तक रशियन आर्या को मार नहीं देते, तब तक सभी लोग छिप जाएं और कंटेनर यार्ड में उन का जो आदमी मिश्रा है, उसे छिप जाने के लिए कह दें.
संपत सूरज के आदमी मिश्रा के बारे में पता कर लेता है और उस से प्रताप के बारे में पूछता है. दूसरी ओर आर्या खान पर नजर रखने वाली सुशीला से जा कर मिलती है और उस से पूछती है कि खान को वारंट नहीं मिला था, तब उस ने रेड कैसे मारी? रशियन अब किसी को नहीं छोड़ेंगे. और हां, संपत ने उसे प्रताप का नंबर भेजा होगा. वह उस की लोकेशन पता करे.
आर्या जैसे ही बाहर आती है, एंटोन उसे अपनी गाड़ी में बैठा लेता है और उस का मोबाइल ले लेता है. बीर मां को फोन करता है. आर्या फोन नहीं उठाती तो बीर को लगता है कि उस की मां उसे इग्नोर कर रही है.
खान को पता चलता है कि उस ने जिस लड़की को किडनैप होते देखा था, उस का नाम रूप है. खान धु्रव को फोन करता है. धु्रव आर्या का आदमी था. वह खान का खबरी बन गया था.
उसी की वजह से आर्या का कंसाइनमेंट पकड़ा गया था. उस से खान को बीर और रूप के संबंध के बारे में पता चलता है. खान आर्या के घर जा कर बीर और अरु को पूछताछ के लिए ले आता है. लेकिन धु्रव यहां नाटक करने लगता है कि वह बीर और अरु को नहीं ले जाने देगा.
एंटोन आर्या को नलिनी से मिलवाता है, जिसे शेर का शिकार करना बहुत पसंद है. नलिनी की भूमिका इला अरुण ने की है. वह सप्लायर है. लेकिन कहीं से भी ड्रग सप्लायर नहीं लगती. वह एक संभ्रांत परिवार की महिला लगती है. नलिनी रशियन को हेरोइन सप्लाई करती थी. यहीं अभिमन्यु मिलता है, जो कहता है कि वह रशियन का बिजनैस पार्टनर है.
वह एक औडियो सुनाता है, जिस में एंटोन सूरज से बात कर रहा था. तब आर्या को पता चलता है कि एंटोन ने ही उसे धोखा दिया था, जिस की वजह से उस का कंसाइनमेंट पकड़ा गया. अभिमन्यु एंटोन को गोली मार देता है. आर्या बहुत डर जाती है कि जो आदमी एंटोन को गोली मार सकता है तो उस के आगे उस की क्या औकात है.
वेब सीरीज की हीरोइन स्वाति है या दिव्या. कहींकहीं ये खलनायिका जैसी भूमिका में है. लगता है कि यह दूसरा सीजन भी जारी करना चाहते हैं लेकिन दर्शकों द्वारा इस वेब सीरीज को देखने के बाद कोई भी दूसरा सीजन देखने का साहस नहीं करेगा.
ईशा देओल
‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ में दिव्या का किरदार ईशा देओल ने निभाया है. ईशा देओल का जन्म 2 नवंबर, 1981 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था. बौलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र कुमार और ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी की बड़ी बेटी है. उन की एक छोटी बहन भी है, जिस का नाम अहाना देओल है.
अहाना देओल का जन्म 28 जुलाई, 1985 को हुआ था. 2014 में व्यापारी वैभव कुमार से अहाना की शादी हुई. अहाना एक डांसर और नृत्यांगना भी है. ईशा देओल अभिनेत्री व मौडल है. मुख्यरूप से हिंदी सिनेमा में काम किया है. कुछ तमिल तेलुगु व कन्नड़ फिल्मों में भी ईशा को देखा गया है.
उस की पहली तमिल फिल्म ‘आयथा एजुथु’ 2004 में पहली कन्नड़ फिल्म ‘फुटपाथ की देखभाल’ 2015 में आई थी. हिंदी की पहली फिल्म 2002 में ‘कोई मेरे दिल से पूछे’ है. इतने भारीभरकम फिल्मी बैनर वाले परिवार से जुड़ी होने के बाद भी ईशा देओल की फिल्म बौक्स औफिस पर असफल हो गई. ईशा देओल फिल्म निर्माता विनय शुक्ला की फिल्म में आफताब शिवदासानी के साथ थी.
संजय कपूर, जया बच्चन और अनुपम खेर सहायक भूमिका में थे. 2003 की 2 फिल्में ‘कुछ तो है’, ‘चुरा लिया है तुम ने’ भी बौक्स औफिस पर ही फ्लौप हो गई थी. हालांकि 2002 में ‘ना तुम जानो ना हम’, ‘क्या दिल ने कहा’ 2 फिल्मों में भी काम किया है.
ईशा देओल ने फिल्म ‘धूम’ में 2004 में अभिषेक बच्चन, जौन अब्राहम, उदय चोपड़ा आदि के साथ काम किया. 2005 में ‘दस’, ‘नो एंट्री’ और 2008 में फिल्म ‘संडे’ में भी ईशा देओल ने काम किया है. 2011 में ‘टेल मी ओ खुदा’ नमक फिल्म में अजय देवगन, विनोद खन्ना, ऋषि कपूर आदि के साथ ईशा देओल को भी देखा गया.
29 जून, 2012 में ईशा देओल ने मुंबई के इस्कान मंदिर में भरत तख्तानी हीरा व्यापारी से विवाह कर लिया. वह आर.जी. बैंगल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाते हैं. ईशा देओल और हीरा व्यापारी भरत तख्तानी के बीच भी इन के संबंध एक फिल्मी कहानी जैसे हैं. इन दोनों के बीच जब जानपहचान हुई तो उस समय दोनों की आयु लगभग 13 वर्ष थी.
ईशा देओल जमुना भाई नरसी स्कूल में तथा भरत बांद्रा के तर्नसे अकादमी में पढ़ते थे. इंटर स्कूल के कंपटीशन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई. दोनों की दोस्ती हुई. इस तरह दोनों के संबंध मधुर होते गए.
इसी बीच बौयफ्रेंड भरत ने प्रेम भाव का इजहार करने के लिए ईशा देओल का हाथ पकडऩा चाहा. यह हरकत ईशा देओल को बहुत नागवार गुजरी. वह इतनी नाराज हुई कि उस ने उसे एक थप्पड़ भी भरत के जड़ दिया. इस के बाद से दोनों के रिश्तों में दरार आ गई और लगभग 10 वर्ष तक दोनों के बीच कहीं कोई बातचीत नहीं हुई.
कहते हैं कि बचपन का पहला प्यार भुलाए नहीं भुलाया जाता और उस के बीज कभी भी अंकुर बन कर फूट पड़ते हैं. ऐसा ही इन दोनों के बीच भी हुआ. इसे इत्तफाक ही कहेंगे कि दोनों की मुलाकात कनाडा के नियाग्रा फाल्स यानी एक टूरिस्ट प्लेस पर भ्रमण के दौरान हुई. दोनों ने एकदूसरे को देखा तो दोनों का दिल धड़कने लगा.
बचपन का प्यार आंखों में उतर आया और दोनों एकदूसरे से मिलने को लालायित दिखाई दिए. एकदूसरे को देख कर दोनों रुक गए. अब सोच रहे थे कि बातचीत की पहल कौन करे.
इतने में भरत ने जहां से रिश्ता टूटा था वहीं से बात शुरू की और कहा कि क्या मैं आप का हाथ पकड़ सकता हूं. ईशा देओल ने तत्काल ‘हां’ ही नहीं कहा, बल्कि हाथ भी बढ़ा दिया. इस तरह दोनों में संबंध फिर मधुर हो गए.
ईशा देओल ने सब से पहले अपनी मां हेमा मालिनी से भरत की मुलाकात कराई. उन्होंने इन दोनों के संबंध को ले कर कोई आपत्ति नहीं की या यह कहिए कि अपनी रजामंदी दे दी. ईशा देओल ने उस के बाद अपने पिता धर्मेंद्र से भरत की मुलाकात कराई. धर्मेंद्र ने करीब एक घंटा तक भरत से बातचीत की. धर्मेंद्र को भी अपनी बेटी के लिए रिश्ता उचित लगा और उन्होंने भी हामी भर दी.
विवाह के बाद ईशा फिल्मी दुनिया से दूर हो गई और अपने पारिवारिक जीवन को सफल बनाने में अपने पति के साथ रहने लगी. दोनों के आंगन में पहली किलकारी 2017 में गूंजी. बेटी का नाम राध्या रखा गया. 10 जून, 2019 को दूसरी बेटी ने जन्म लिया, जिसे मिराया नाम दिया गया.
यह तो सभी जानते हैं कि धर्मेंद्र का पहला विवाह प्रकाश कौर के साथ परंपरागत हुआ था. इन से धर्मेंद्र की 4 संताने हैं, जिस में सनी देओल, बौबी देओल, विजेता देओल और अनीता देओल शामिल हैं.
दोनों पत्नियों और बच्चों के बीच सगे सौतेले का कोई विवाद तो सामने नहीं आया है, लेकिन सनी देओल के बेटे करण की शादी में हेमा मालिनी और उन की दोनों बेटियां शामिल नहीं हुई थीं. इसी तरह ईशा देओल की शादी में भी सनी व बौबी शामिल नहीं हुए.
पारिवारिक जीवन का भरपूर आनंद लेने के बाद ईशा देओल ने 2019 में फिल्मी दुनिया में फिर वापसी की. उन्होंने एक वेब सीरीज ‘रूद्र: द एज औफ डार्कनेस’ 2022 में भी काम किया है. वेब सीरीज ‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ में मुख्य भूमिका में है, लेकिन कलाकारी का वह प्रदर्शन नहीं कर पाई, जिस की इस से अपेक्षा की जाती है.
ईशा देओल एक पत्रकार होते हुए भी हीरो विक्रम के साथ गुंडों से फाइटिंग करती है. जबकि पत्रकार का काम कलम चलाना होता है. विक्रम के साथ गुंडों के ऊपर फाइटिंग और फायरिंग से ऐसा लगता है जैसे कि वेब सीरीज की हीरोइन ईशा देओल है.
विक्रम के साथ ईशा देओल लड़ाई झगड़ा करती है. विक्रम पर जानलेवा हमला भी होता है. तब वह एक खलनायिका के रोल में नजर आती है. अंत में अपनी बहन की यानी डेविड की बच्ची को पा कर अपनी भूमिका पूरी करती है.
बरखा बिष्ट
बरखा बिष्ट सेनगुप्ता फिल्म व टीवी एक्ट्रैस है, जो हिंदी सिनेमा और टीवी के अलावा बंगाली सिनेमा में सक्रिय है. ‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ में बरखा बिष्ट ने वेब सीरीज के हीरो विक्रम की पत्नी स्वाति की भूमिका में काम किया है.
बरखा का जन्म 28 दिसंबर, 1979 को हिसार, हरियाणा में हुआ था. उस के पिता सेना में कर्नल थे. उस की मां एक गृहिणी थीं. इस की 2 बहनें भी हैं, जिन का नाम अपर्णा और शंका है. बड़ी बहन होटल मैनेजर है. दूसरी बहन फैशन डिजाइनर है.
बरखा का पूरा बचपन कोलकाता में बीता. जब उस की उम्र पढऩेलिखने की हुई, तब उस के मातापिता ने उसे सेंट्रल स्कूल फोर्ट विलियम कोलकाता में भरती करा दिया था.
जहां से उस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी. स्कूल में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उस की सक्रिय भूमिका रहती थी. नाटक आदि कार्यक्रम में उस की अदाकारी व डांस देख कर उस के एक शिक्षक ने कहा था कि यह लड़की आगे अभिनय में अच्छा प्रदर्शन करेगी.
बरखा बिष्ट ने ग्रैजुएशन पूरा करने के लिए सिम्बोयसिस कालेज में एडमिशन ले लिया था. यह कालेज पुणे में स्थित है. इस कालेज से बरखा बिष्ट ने बीकौम किया. शादी करने से पहले उस ने अपने प्रेमी करण सिंह ग्रोवर से सगाई की थी, लेकिन यह रिश्ता 2006 में समाप्त हो गया था.
बरखा की शादी टीवी, फिल्म ऐक्टर इंद्रनील सेनगुप्ता से हुई थी. दोनों की मुलाकात ‘प्यार के दो नाम एक राधा एक श्याम’ के सेट पर हुई थी. यह दोस्ती प्यार में बदल गई. बाद में 2008 में इन की शादी हो गई. इन के एक बेटी पैदा हुई, जिस का नाम मीरा है.
बरखा ने अपने करिअर की शुरुआत टीवी शो ‘कितनी मस्त है जिंदगी’ से की, इस के बाद वह स्टार प्लस के टीवी शो ‘प्यार के दो नाम एक राधा एक श्याम’ में नजर आईं.
बरखा टीवी की दुनिया के कई हिट टीवी सीरीज का हिस्सा रह चुकी है, जिस में ‘कसौटी जिंदगी की’, ‘क्या होगा निम्मो का’, ‘बाबुल की बिटिया’, ‘डोली सजा के’, ‘काव्यांजलि’, ‘परवरिश’, ‘नामकरण’, ‘तेनालीराम’ जैसे टीवी शोज शामिल हैं.
बरखा ने फिल्मी दुनिया में कदम 2010 में फिल्म ‘राजनीति’ से रखा, इस के बाद उस ने इसी साल बंगाली सिनेमा में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. बरखा ने अपने करिअर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी. उस ने ‘मुझ से दोस्ती करोगे’ में छोटी करीना कपूर टीना की भूमिका निभाई. इस के अलावा उस ने उस ने धारावाहिक एमटीवी फनाह में वेदिका के रूप में अपनी छोटी भूमिका भी
निभाई थी. बरखा ने जनवरी 2018 में अपना यूट्यूब चैनल भी शुरू किया. उस ने प्लीज फाइंड अटैच्ड, वर्क लाइफ बैलेंस, इंजीनियरिंग गल्र्स, मर्डर मेरी जान, नेटफ्लिक्स के मसाबा मसाबा जैसे कई लोकप्रिय वेब शो भी किए.
उस की एक वेब सीरीज अभिषेक बनर्जी के साथ ‘द ग्रेट वेडिंग औफ मुन्नेस’ थी. 2021 में उसे फिल्म ‘साइलेंस: कैन यू हियर इट’ में देखा गया था. मनोज बाजपेयी अभिनीत 2022 में उसे 2 फिल्मों ’36 फार्महाउस’ और ‘माजा मां’ में मुख्य भूमिका में देखा गया.
अभिनय के अलावा बरखा ने सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले शो ‘कौमेडी सरकस के अजूबे’ 2012 और जूम टीवी पर प्रसारित होने वाले ‘पौपकार्न’ 2006 जैसे शो को भी होस्ट किया. वर्ष 2008 में सहारा वन पर प्रसारित होने वाले डांस शो ‘सास बनाम बहू’ में उस ने एक प्रतियोगी के रूप में भाग लिया. बरखा बिष्ट 2010 की बौलीवुड फिल्म ‘राजनीति’ के ‘इश्क बरसे’ एक गाने में दिखाई दी.
वह एक भारतीय टेलीविजन प्रस्तोता और फिल्म अभिनेत्री है, जो टीवी शृंखला में अपने काम के लिए जानी जाती है. वह बौलीवुड और बंगाली फिल्मों में भी नजर आ चुकी है.
‘काव्यांजलि’, ‘कसौटी जिंदगी की’, ‘साजन घर जाना है’, ‘कैसा ये प्यार है’, ‘बाबुल की बिटिया चली डोली सजा के’, ‘ये है आशिकी’, ‘संकटमोचन महाबली हनुमान’ उस के कुछ शो हैं. उस ने कई टेलीविजन शो की मेजबानी की है, जिन में ‘कौमेडी सरकस के अजूबे’ और ‘पौपकार्न न्यूज’ जैसे रियलिटी शो शामिल हैं. सोनी टीवी के ओपेरा ‘परवरिश- कुछ खट्टी कुछ मीठी’ में ‘पिंकी’ की भूमिका में थी. ‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ में बरखा बिष्ट विक्रम की तलाकशुदा पत्नी स्वाति के किरदार में है.
कलाकार: सुष्मिता सेन, इंद्रनील सेनगुप्ता, विरती वाघानी, सिकंदर खेर, इला अरुण, विकास कुमार, विश्वजीत प्रधान, माया सराओ, गीतांजलि कुलकर्णी, सोहेला कपूर आदि
लेखक: खुशबू राज, अमित राज और अनु सिंह चौधरी
निर्देशक: कपिल शर्मा, श्रद्धा पासी जयरथ और राम माधवानी
निर्माता: अमित माधवानी, राम माधवानी और एंडेमौल शाइन इंडिया
ओटीटी: डिज्नी प्लस हौटस्टार
आर्या सरीन जिस की भूमिका सुष्मिता सेन ने की है, वह सत्ता के शिखर पर पहुंचना चाहती है. इस के लिए वह जहां नए लोगों को अपने साथ जोड़ रही है, वहीं उसे नए और पुराने दुश्मनों का सामना भी करना पड़ रहा है. क्योंकि सीजन एक और 2 में वह अपने परिवार की सुरक्षा के लिए भागती नजर आई थी.
अब उस के सामने अपने परिवार वालों का असली चेहरा सामने आ गया है, इसलिए उस ने लडऩे का फैसला तो कर लिया, पर हाय रे डायरेक्टर और लेखक, वह कहीं भी लड़ती नजर नहीं आई. उसे ताकतवर बनाने की बात तो की गई है, पर सीजन 3 के चारों एपिसोडों में वह हर जगह मात ही खाती नजर आ रही है. उस के ऐक्शंस में ताकत दूरदूर तक नजर नहीं आती. वह कहती तो बहुत कुछ है, पर कर कुछ नहीं पाती.
इस से सीरीज के ये चारों ही एपिसोड बेकार नजर आते हैं. गौडमदर बनने की कोशिश करने वाली आर्या को हर जगह मात खाते दिखाना वेब सीरीज का मजा किरकिरा कर देता है. लेखक को लिखते समय और डायरेक्टर को निर्देशन के समय यह विचार करना चाहिए कि दर्शक हीरो या हीरोइन को देखते पसंद नहीं करता.
चारों एपिसोड में कहानी जैसा तो कुछ दिखता नहीं, केवल खूनखराबा ही दिखाया गया है. न कहीं सस्पेंस है और न ही कहीं ऐक्शन, इसलिए चारों एपिसोड दर्शकों को बोर करते हैं. मेरी समझ से तो ये चारों एपिसोड दर्शकों का केवल समय बरबाद करते हैं, इसलिए इसे देख कर अपना समय न बरबाद करें.
शुरुआत में फ्लैशबैक में दिखाया जाता है कि आर्या के पति तेज का अफीम का बिजनैस था, जो बहुत रिस्की था. एक दिन उस के पति तेज को गोली मार दी जाती है, जिस के पीछे उस के पिता का हाथ था. आर्या अपने सभी दुश्मनों से लड़ती है, जिस में पुलिस अफसर खान भी उस की मदद करता है.
लेकिन रशियन डीलर उस के पीछे पड़ जाते हैं, इस में आर्या अपने तीनों बच्चों को बचाने के लिए उस से जो बन पड़ता है, वह वो करती है, यहां तक कि वह ड्रग्स के धंधे में भी उतर जाती है, ताकि उस के परिवार पर कोई आंच न आए.
कुछ लोग आर्या का साथ देते हैं, जबकि ऐसे भी कुछ लोग हैं, जो उस के दुश्मन बन जाते हैं, जिस में उस के परिवार वाले भी शामिल हैं. इस में उस का भाई संग्राम मारा जाता है. यहां यह पता चलता है कि आर्या उदयवीर की बेटी है. इतने सालों तक आर्या को इस बात का पता नहीं था. आर्या और उस की दोस्त माया गलती से नंदिनी को मार देती हैं, जो उदयवीर की बेटी थी. इसी वजह से नंदिनी का पति सूरज आर्या का दुश्मन हो जाता है और उस की जान के पीछे पड़ जाता है. इसी के बाद शुरू होती है ‘आर्या सीजन 3’ की कहानी.
पहले एपिसोड में ही दिखाया जाता है कि आर्या को गोली लग जाती है और वह गिर जाती है. इस के बाद 4 सप्ताह पीछे की कहानी दिखाई जाती है, जिस में आर्या अफीम के खेतों के पेपर देख रही है.
किस ने चलाई थी आर्या पर गोली
आर्या का एडवाइजर केडिया बताता है कि एक किसान है, जो पेपर पर साइन नहीं करना चाहता. उस का नाम है गरोडिय़ा, जो बहुत लालची इंसान है. केडिया आगे कहता है कि जब ट्रांसपोर्ट का धंधा अच्छा चल रहा है तो अफीम के बिजनैस में जाना जरूरी है क्या? वेब सीरीज में केडिया की भूमिका तारिक वासुदेव ने की है. जबकि आर्या अपने बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट और सप्लाई दोनों धंधों को कंट्रोल चाहती थी.
आर्या का सोचना था कि उस के पति को उस के पिता ने क्यों मारा, जबकि उस के पति को मारने वाला दौलत था, जो उसी दिन जेल से रिहा हो रहा था. दौलत का रोल सिकंदर खेर ने किया है. आर्या उसे लेने जाती है. वह आर्या का बहुत वफादार था. आर्या उस से कहती है कि आज पति की डेथ एनिवर्सरी है. एक बार उस ने उस की जान बचाई थी, इसलिए उस ने उसे जेल से रिहा करा कर हिसाब बराबर कर दिया. अब उसे उस की जरूरत नहीं है.
अगले दिन आर्या जमींदारों के साथ मीटिंग करती है, जिस में एक किसान गरोडिय़ा साइन करने से मना करता है तो आर्या उस का अंगूठा काट कर कागज पर लगवा लेती है.
इस के बाद आर्या घर से निकलती है तो उस पर गोलियां चलने लगती हैं. इस फायरिंग में एक गोली केडिया को लग जाती है. इस गोलीबारी में आर्या के सभी गार्ड मारे जाते हैं. आर्या केडिया को अस्पताल ले जाती है. तभी उस के बच्चों का फोन आता है तो वह बच्चों को घर से बाहर जाने से मना करती है.
इस के बाद सूरज फोन कर के कहता है कि वह उसे छोड़ेगा नहीं. उस ने नंदिनी को मारा है, जिस का बदला वह ले कर रहेगा. अगली बार वह नहीं बचेगी. सूरज की भूमिका में इंद्रनील सेनगुप्ता है, पर देखा जाए तो वह भूमिका में बिलकुल फिट नहीं बैठता. आर्या का कहना था कि इस में उस की कोई गलती नहीं है. वह जो कुछ भी हुआ था, शेखावत की वजह से हुआ था.
आर्या अपने घर की सिक्योरिटी बढ़वा देती है. तभी अस्पताल में एसीपी खान पहुंच जाता है. वह पूछता है कि यह हमला पर्सनल था. एसीपी खान की भूमिका विकास कुमार ने की है. एक पुलिस अधिकारी की भूमिका के अनुसार वह काम नहीं करते हैं.
डाक्टर आर्या को बताता है कि वह केडिया को नहीं बचा सके, इस से आर्या बहुत दुखी हो जाती है. केडिया ने उस के लिए जान दी थी, इसलिए वह उस की जान का बदला जरूर लेगी. आर्या अपने घर आती है और बच्चों के साथ पति के फोटो के सामने दीया जलाती है. वहां उस के साथ उस के भाई संग्राम का बेटा भी मौजूद होता है.
अगले दिन रूस से एंटोन आर्या से मिलने आता है और उसे सब से बड़ा हजार करोड़ का ट्रांसपोर्टेशन डील देता है, लेकिन विनीत, जो केडिया का काम संभाल रहा होता है, वह कहता है कि यह डील बहुत बड़ी है. आर्या का कहना था कि वह यह सब अपने और अपने बच्चों की सिक्योरिटी के लिए कर रही है.
केडिया की जान चली गई, पर अब आगे किसी की जान नहीं जाएगी. कंसाइनमेंट पहुंच जाने के बाद रशियन सूरज को ढूंढ कर मार डालेंगे.
दूसरी ओर सूरज अपने एक खास आदमी प्रताप को बता रहा होता है कि वह आर्या के कंसाइनमेंट को कैसे चुराएंगे. इसके बाद प्रताप रूप का पीछा करने लगता है, क्योंकि कंसाइनमेंट का सारा सामान उसी की दुकान में पैक हो रहा था.
रूप अस्पताल में सोनोग्राफी कराने जाती है तो पता चलता है कि उस के पेट में पल रहा बच्चा 7 सप्ताह का हो चुका है. रूप अपने बच्चे का अबौर्शन करना चाहती है, क्योंकि वह जो काम कर रही है, उस में बच्चे के लिए कोई जगह नहीं है. रूप की भूमिका में श्वेता पसरीचा है, जो खूबसूरत तो है, पर उस का भी काम ऐसा नहीं है कि तारीफ की जाए.