प्यार की थी वो आखिरी रात
रात 9 बजे के पहले ही दीपक जागेश्वर मंदिर परिसर पहुंच गया और बरखा की काल आने का इंतजार करने लगा. इधर बरखा व घर के अन्य सदस्य खाना खा कर आए ही थे सो सब सोने चले गए. बरखा, उस के दोनों बच्चे, बहन व मां एक कमरे में लेट गए. जबकि उस के पिता दूसरे कमरे में.
रात 10 बजे तक सभी गहरी नींद में सो गए. लेकिन बरखा को नींद कहां थी. वह छत पर जा कर चहलकदमी करने लगी. छत पर स्थित कमरे की भी उस ने साफसफाई कर दी थी.
रात करीब साढ़े 10 बजे बरखा ने दीपक को काल की और घर के दरवाजे पर आने को कहा. फोन पर बतियाते बरखा और दीपक दरवाजे पर आए. बरखा ने दरवाजा खोल कर दीपक को घर के अंदर कर लिया. इस के बाद वह दीपक को छत पर बने कमरे में ले आई. यहां दोनों ने पहले शारीरिक भूख मिटाई, फिर आपस में बतियाने लगे.
दीपक बोला, “बरखा, मैं तुम से बेइंतहा प्यार करता हूं. तुम्हारे बिना अब नहीं रह सकता. तुम मेरे साथ भाग चलो. हम दोनों अपनी नई दुनिया बसा लेंगे. इस बार हम इतनी दूर जाएंगे, जहां कोई हमें खोज न पाएगा.”
“दीपक अब यह सब संभव नहीं. अब मैं एक नहीं 2 बच्चों की मां हंू. छोटा बेटा बस 9 महीने का है. उसे छोड़ कर मैं तुम्हारे साथ नहीं जा सकती. फिर भागने से 2 परिवारों की इज्जत भी मिट्टी में मिल जाएगी. मेरा तुम्हारा मिलन जैसे आज हुआ है, वैसा आगे भी होता रहेगा. मैं भी तुम्हारे लिए तड़पती रहती हूं. तुम सदा हमारे दिल में रहते हो.”
“लेकिन मुझे अब छिपछिप कर मिलना पसंद नहीं है. तुम्हें मेरे साथ आज ही चलना होगा. नहीं चली तो अनर्थ हो जाएगा.”
“क्या अनर्थ हो जाएगा. मुझे मार डालोगे क्या?” बरखा गुस्से से बोली.
“हां, मैं तुझे मार डालूंगा और खुद को भी मिटा लूंगा,” दीपक भी गुस्से से भर उठा.
बरखा ने दीपक की बात को मजाक समझा और हंसने लगी. इस पर दीपक का गुस्सा और बढ़ गया. उस ने उस का गला पकड़ा और कसने लगा. बरखा बेहोश हुई तो दीपक ने जेब से चाकू निकाल लिया और बरखा का गला रेत दिया.
प्रेमिका की हत्या करने के बाद दीपक चला गया. प्रेमिका के घर से दीपक गुरुदेव चौराहे पर आया. यहां से आटो पर बैठ कर झकरकटी आया. अब तक वह ग्लानि व पकड़े जाने के डर से घबराने लगा था. कुछ देर वह झकरकटी पुल के नीचे रेल लाइन के किनारे बैठा रहा फिर देर रात रेल से कट कर आत्महत्या कर ली.
मायके में लहूलुहान मिली बरखा
इधर रात लगभग 12 बजे बरखा का मासूम छोटा बेटा जाग गया. भूख से वह रोने लगा तो सरला की आंखें खुल गईं. उस ने छोटी बेटी कल्पना को जगा कर कहा कि देखो बरखा कहां है? उस का बच्चा भूख से रो रहा है.
कल्पना बरखा को खोजती छत पर गई तो वहां कमरे में बरखा की खून से तरबतर लाश देख कर वह चीख पड़ी. उस की चीख सुन कर सरला वहां पहुंची फिर उस का पति ओमप्रकाश सैनी. दोनों बेटी का शव देख कर अवाक रह गए.
ओमप्रकाश सैनी ने पहले बरखा के पति कृष्णकांत को मौत की सूचना दी फिर थाना नवाबगंज पुलिस को बेटी की हत्या की खबर दी. सूचना पाते ही एसएचओ प्रमोद कुमार पांडेय पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर आ गए. उन की सूचना पर पुलिस कमिश्नर बी.पी. जोगदंड, एडिशनल डीसीपी (सेंट्रल) आरती सिंह तथा एसीपी (कर्नलगंज) मो. अकलम भी घटनास्थल आ गए.
पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. मृतका बरखा की उम्र 30 वर्ष के आसपास थी. उस की हत्या चाकू जैसे किसी नुकीले हथियार से की हुई लग रही थी. घटनास्थल से पुलिस को मृतका का मोबाइल फोन मिला, जिसे अधिकारियों ने अपनी सुरक्षा में ले लिया.
अब तक मृतका का पति कृष्णकांत तथा उस के मातापिता भी आ गए थे. पुलिस अधिकारियों ने मृतका के माता पिता तथा पति से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि रात 9 बजे तक सब कुछ सामान्य था. उस के बाद सब सो गए. आशंका है कि रात में बदमाश लूटपाट के इरादे से घुसे, शायद बरखा जाग गई तो उन्होंने उस का गला रेत दिया. पूछताछ के बाद अधिकारियों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए लाला लाजपत राय अस्पताल भिजवा दिया.
रेलवे लाइनों में मिली दीपक गुप्ता की लाश
ओमप्रकाश सैनी के घर के ठीक सामने जागेश्वर मंदिर है. वहां सीसीटीवी कैमरे लगे थे. पुलिस अधिकारियों ने फुटेज चैक किए तो रात करीब साढ़े 10 बजे एक युवती फोन पर बतियाते घर से बाहर निकलते दिखाई दी. दूसरी तरफ एक युवक घर में प्रवेश करते दिखा. इस के बाद रात 11:35 पर वही युवक घर से बाहर जाते दिखा.
यह फुटेज ओमप्रकाश सैनी व कृष्णकांत को दिखाया गया तो उन्होंने बताया कि फोन पर बतियाती युवती उन की बेटी बरखा है. कृष्णकांत ने बताया कि फोन पर बतियाते दिख रहा युवक उस की पत्नी बरखा का प्रेमी दीपक गुप्ता है, जो उस के पड़ोस में रहता है.
इंसपेक्टर प्रमोद कुमार ने बरखा के फोन से दीपक को काल की तो जीआरपी थाने के एक सिपाही ने काल रिसीव की. उस ने बताया फोन धारक ने रेल से कट कर आत्महत्या की है. उस का शव अज्ञात में पोस्टमार्टम हाउस भेजा जा चुका है. दीपक के पिता विमल गुप्ता से शव की शिनाख्त कराई गई तो उन्होंने शव को तुरंत पहचान लिया.
पुलिस ने बरखा और दीपक के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स निकलवाई तो पता चला कि मरने से पहले दोनों के बीच 23 बार बात हुई थी. पिछले 2 महीने में दोनों के बीच 500 बार बात मोबाइल फोन पर हुई थी. जांचपड़ताल से स्पष्ट था कि दीपक ने ही पहले प्रेमिका की हत्या की फिर खुद रेल से कट कर आत्महत्या कर ली.
मृतका बरखा के पति कृष्णकांत ने पत्नी की हत्या की रिपोर्ट दीपक के खिलाफ दर्ज कराई. लेकिन दीपक द्वारा भी आत्महत्या कर लेने से पुलिस ने इस मामले को बंद कर दिया.
कथा संकलन तक मृतका के दोनों बच्चे नानानानी के पास पल रहे थे. कृष्णकांत को अपने बच्चों की चिंता सता रही थी. वह उन का पालनपोषण स्वयं करना चाहता है. इस के लिए उस के मांबाप भी राजी हैं.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित