Extramarital Affair : संजय और कंचन की गृहस्थी बढि़या चल रही थी. दोनों 2 प्यारेप्यारे बच्चों के मांबाप भी थे. इस के बावजूद संजय में ऐसा क्या बदलाव आ गया कि कंचन को पड़ोसी मनीष ज्यादा भाने लगा.15  दिसंबर, 2014 की सुबह करीब 10 बजे थाना बरौर के थानाप्रभारी संजय कुमार अपने कक्ष में बीती रात पकड़े गए 2 अपराधियों से पूछताछ कर रहे थे कि तभी एक अधेड़ उन के पास आया. थानाप्रभारी ने एक सरसरी नजर उस पर डाली. वह बेहद घबराया हुआ लग रहा था. उन्होंने पूछा, ‘‘कहां से आए हो? क्या काम है?’’

‘‘साब, मैं बसहरा गांव से आया हूं. मेरा नाम गोपीचंद है. बीती रात हमारे भतीजे संजय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है.’’

‘‘क्या मतलब?’’ थानाप्रभारी संजय कुमार ने गोपीचंद्र के चेहरे पर नजरें गड़ाते हुए पूछा.

‘‘यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं कि उसे कोई बीमारी नहीं थी. देर शाम तक वह मुझ से बतियाता रहा था, उस के बाद घर जा कर सो गया था. मुझे सुबह जानकारी मिली कि उस की मौत हो गई है. मुझे शक है कि उस की मौत स्वाभाविक नहीं है, मुझे लगता है उस की हत्या की गई है.’’

‘‘तुम्हें किसी पर शक है?’’

‘‘जी साब,’’

‘‘किस पर?’’

‘‘साब, यकीन के साथ तो नहीं कह सकता, लेकिन मुझे बहू कंचन पर शक है.’’

‘‘वह कैसे?’’

‘‘मुझे कंचन पर इसलिए शक है, क्योंकि पड़ोस का एक लड़का मनीष उस के यहां आता रहता है. उसे ले कर संजय और कंचन के बीच अकसर झगड़ा होता रहता था. इसीलिए मैं यह बात कह रहा हूं.’’

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