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एसआईटी को मिली शिकायत

जांच टीम ने अगले ही पल फरजीवाड़े की जांच शुरू कर दी थी. जांच की शुरुआत जमीनों के दस्तावेज तैयार करने वालों पर नजर रखने से की गई. दस्तावेज में जमीन के नकली मालिक और खरीदारों के नाम आदि की जांच करना, वह भी बगैर किसी सबूत के एक बड़ी चुनौती थी.

एसआईटी जांच में तेजी लाने के लिए एसएसपी ने जिले के सभी थानों के एसएचओ को जमीन से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत की डिटेल्स मांगी थी. जल्द ही टीम को दिल्ली के पंजाबी बाग के रहने वाले दीपांकुर मित्तल की शिकायत भी मिल गई. मित्तल ने अपनी शिकायत 16 मार्च, 2023 को की थी

उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा था, ‘‘नवादा में मेरी एक जमीन है, जो मुझे पिता की 2 साल पहले देहांत के बाद मिल गई थी. यह मेरी पुश्तैनी जमीन है. उस जमीन पर हम खेती करते हैं. हालांकि मेरा उसी जमीन को ले कर ताऊ रवि मित्तल के साथ अदालत में एक विवाद भी चल रहा है.’’

उन्होंने आगे लिखा कि देहरादून तहसील में मेरी उसी जमीन का दाखिल खारिज अपने नाम कराने के लिए सुखदेव सिंह पुत्र बलवीर सिंह ने आवेदन दिया हुआ है. सुखदेव सिंह ने इस के लिए जो कागजात बनाए हैं, वे नकली और मनगढ़ंत हैं. जबकि यह जमीन काफी समय से मेरे परिवार वालों के नाम ही चली आ रही है.

मित्तल ने अपनी शिकायत में यह भी लिखा कि हम में से किसी ने भी सुखदेव को कोई जमीन नहीं बेची है. एक समय में हम ने इस जमीन पर ईंटभट्ठा भी शुरू किया था. इस जमीन पर चल रहे बिजली और पानी के कनेक्शन पहले से ही हमारे परिवार वालों के नाम हैं.

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