Social Story in Hindi : ज्यादातर सूदखोरों का धंधा अवैध रूप से और दबंगई के बूते पर चलता है. कोई व्यक्ति इन के चंगुल में फंस जाता है तो वह इन की ब्याजरूपी दलदल से मुश्किल से निकल पाता है. डा. सिद्धार्थ तिगनाथ भी इन के जाल में इस कदर उलझ गए थे कि करोड़ों रुपए अदा करने के बाद भी वह...
22 अप्रैल, 2021 की शाम लगभग 5 बजे की बात है. मध्य प्रदेश के जिला नरसिंहपुर शहर की कोतवाली के टीआई उमेश दुबे को सूचना मिली कि नरसिंहपुर-करेली रेलमार्ग पर स्थित टट्टा पुल के पास रेल पटरियों पर एक आदमी की लाश पड़ी है. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो रेल पटरियों के बीच में एक आदमी की लाश क्षतविक्षत हालत में पड़ी थी. लग रहा था जैसे उस ने जानबूझ कर आत्महत्या की हो. वह अचानक दुर्घटना का मामला नहीं लग रहा था. उस आदमी का चेहरा पहचानने में नहीं आ रहा था. पुलिस ने सब से पहले वह शव रेल लाइनों के बीच से हटवा कर साइड में रखवा दिया ताकि उस लाइन पर ट्रेनों का आवागमन सुचारू रूप से हो सके.
इस के बाद उस के कपड़ों की तलाशी ली तो पैंट की जेब में एक मोबाइल फोन और एक चाबी मिली. तब तक कई लोग वहां इकट्ठे हो चुके थे. पुलिस ने उन से लाश की शिनाख्त करानी चाही, लेकिन कोई भी मृतक को नहीं पहचान सका. पुलिस जांच कर ही रही थी कि तभी किसी ने पुलिस को रेल लाइन के नजदीक सड़क पर खड़ी एक लावारिस स्कूटी के बारे में जानकारी दी. जांच में वह स्कूटी वहां जमा भीड़ में से किसी की नहीं थी. एक पुलिसकर्मी ने स्कूटी की डिक्की खोली तो उस में शादी का निमंत्रण कार्ड मिला, जिस के आधार पर पता चला कि वह शादी का कार्ड डा. सिद्धार्थ तिगनाथ के नाम का था.