UP Crime News : आज के जमाने में लड़केलड़की की दोस्ती कोई गुनाह नहीं है, लेकिन घर वालों की अत्यधिक छूट और लाड़प्यार जब किसी लड़के या लड़की को बिगाड़ने लगे तो घर वालों को सतर्क हो जाना चाहिए. अगर सावन जैन के घर वाले अपने लाडले को संभाल लेते तो उसे और उस के पिता व दादा को जेल न जाना पड़ता. देवालिका उर्फ काकू सुंदर भी थी और पढ़ाई में होनहार भी. जब बच्चे ऐसे हों तो मातापिता, नातेरिश्तेदार ऐसे बच्चों पर गर्व करते हैं. देवालिका पर भी सभी गर्व करते थे. वह मेरठ के एक प्रतिष्ठित स्कूल में 12वीं की पढ़ाई कर रही थी. छुट्टी के दिन को छोड़ कर, सुबह स्कूल जाना, दोपहर में वापस आना और शाम को स्कूटी से ट्यूशन जाना, यही उस की दिनचर्या थी.

देवालिका नौचंदी थाना क्षेत्र में नई सड़क स्थित एक ट्यूशन सेंटर में 4 से 6 बजे तक ट्यूशन पढ़ती थी. घर आने के बाद वह बाहरी दुनिया से प्रत्यक्ष ताल्लुक कम ही रखती थी. घर वाले भी यही चाहते थे कि उन की बेटी केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे, ताकि किसी काबिल बन सके. देवालिका उत्तर प्रदेश के मेरठ की मोती प्रयाग कालोनी में रहने वाले प्रदीप कुमार यादव की बेटी थी. प्रदीप व उन की पत्नी रूबिया यादव मेरठ डिग्री कालेज में प्रोफेसर थे. प्रदीप यादव की 2 बेटियां थीं, जिन में देवालिका दूसरे नंबर की थी. बड़ी बेटी सुभि बीटेक की पढ़ाई कर रही थी. यादव दंपति उच्च शिक्षित थे, समाज में उन्हें सम्मान की नजरों से देखा जाता था. समयाभाव के चलते वे लोगों से ज्यादा मिलजुल नहीं पाते थे.

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