Bareilly News : इमरान प्रियांगी उर्फ प्रिया को प्यार ही नहीं करता था, बल्कि धर्मांतरण करा कर उस से शादी करना चाहता था. इतना गहरा प्रेम होने के बावजूद दोनों के बीच ऐसा क्या हुआ कि इमरान को प्रियांगी उर्फ प्रिया के खून से हाथ रंगने पड़े. बरेली के थाना प्रेमनगर की शास्त्रीनगर कालोनी के रहने वाले राजेश गंगवार थे तो इंजीनियर, लेकिन जब उन्हें नौकरी रास नहीं आई तो वह समाजसेवा में जुट गए. दिल्ली के चर्चित निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड के विरोध में 17 दिनों तक चले आंदोलन में उन्होंने बढ़चढ़ कर भाग लिया था. उन के परिवार में पत्नी पुष्पा के अलावा 2 बच्चे थे, बेटी प्रियांगी उर्फ प्रिया और बेटा प्रियांश.
प्रिया बीटेक करने के बाद मेरठ के साईं कालेज से बीएड कर रही थी, जबकि बेटा प्रियांश एनआईटी, कालीकट, केरल से बीटेक कर रहा था. नवंबर, 2014 के पहले हफ्ते में प्रिया अपने घर बरेली आई थी. उसे आंखों में तकलीफ थी, इसलिए 5 नवंबर की दोपहर को 2 बजे वह अपनी स्कूटी से डा. भृमरेश शर्मा के आई क्लीनिक जाने के लिए घर से निकली. उन का क्लीनिक धर्मकांटा के पास था. प्रिया को घर से निकले एक घंटे से ज्यादा हो गया था. अब तक उसे घर लौट आना चाहिए था, लेकिन जब वह घर नहीं लौटी तो पिता राजेश ने उसे फोन किया. फोन बंद था, इसलिए बात नहीं हो सकी. प्रिया कभी फोन बंद नहीं करती थी, इसलिए राजेश को थोड़ी चिंता हुई.
थोड़ीथोड़ी देर में वह बेटी को फोन करते रहे, लेकिन हर बार फोन बंद मिला. जब प्रिया का फोन नहीं मिला तो वह डा. भृमरेश शर्मा के क्लीनिक जा पहुंचे. वहां पता चला कि प्रिया ढाई बजे के करीब दवा ले कर चली गई थी. दवा ले कर प्रिया को घर जाना चाहिए था. घर जाने के बजाय बिना बताए वह कहां चली गई? इस बात को ले कर राजेश गंगवार परेशान हो उठे. घर आ कर उन्होंने यह बात पत्नी को बताई तो वह भी परेशान हो गईं. संभावित जगहों पर उन्होंने उस की तलाश शुरू की, लेकिन कहीं भी उस का पता नहीं चला. बेटी को ढूंढ़तेढूंढ़ते काफी रात हो गई तो वह घर आ गए.