लेखक - मृणालिका दुबे, Suspense Story: प्रिया अपने करोड़पति बाप की बहुत ही लाडली थी. इस के बावजूद उस ने अपनी सौतेली मां अंजलि को सगी मां की तरह ही मानसम्मान दिया, लेकिन लालची अंजलि के मनमस्तिष्क में तो एक खतरनाक योजना बन चुकी थी. प्रिया की शादी के मौके पर उस ने उस योजना को अंजाम तो दिया, लेकिन इस में वह अपनी सगी बेटी मीनू का ही मर्डर कर बैठी. आखिर क्या थी उस की योजना?

घर के सभी लोग शादी की तैयारियों में बिजी थे. तभी अंजलि ने बेटी को आवाज दी, ''प्रिया... प्रिया..! किधर हो बेटा तुम?’’

मम्मी की आवाज सुनते ही प्रिया ने फटाफट मोबाइल फोन स्विच औफ किया और दौड़ती हुई अपने रूम से बाहर आ कर थोड़ा झुंझलाहट से बोली, ''क्या हुआ मम्मी? क्यों परेशान हो रही हैं आप?’’

''अरे तू बस दिनरात मोबाइल पर ही चिपकी रह! अरे, कुछ वक्त हमारे साथ भी तो बिता ले.’’ अंजलि ने उसे प्यार से झिड़कते हुए कहा.

यह सुनते ही प्रिया बड़े प्यार से मम्मी के गले में झूल गई, ''ओ मम्मी, आप कितनी अच्छी हो.’’

अंजलि ने प्यार से उसे चूमते हुए कहा, ''मेरी प्रिंसेस! कितनी सुंदर लग रही है तू, किसी की नजर न लगे मेरी लाडो को.’’

''अरे नजर तो लग चुकी है मम्मी प्रिया दी को,’’ प्रिया की छोटी बहन मीनू ने हंसते हुए कहा.

अंजलि चौंक कर बोली, ''क्या बोल रही है तू? किस की नजर लग गई मेरी प्रिया को..?’’

''राज जीजू की नजर,’’ मीनू खिलखिला कर बोली.

तभी बाहर गाड़ी रुकने की आवाज आई और प्रिया के पापा यानी धनराज मित्तल अपने भाइयों विजय, रमेश और शंकर के साथ अंदर आए. धनराज एक बड़े बिजनैसमैन थे और उन के तीनों भाई अलगअलग शहरों में बड़े सरकारी ओहदे पर थे. धनराज मित्तल का ध्यान बचपन से ही पढ़ाई में नहीं लगा और इसीलिए उन्होंने बिजनैस पर अपना फोकस किया और सफल रहे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
सब्सक्राइब करें

बुकलेट की सुपर डील!

(डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन + बुकलेट!)
₹ 1534₹ 999
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...