मुरादाबाद आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक गांव है शिमलाठेर, जो थाना कुंदरकी के अंतर्गत आता है. 9 सितंबर, 2017 को इसी गांव के रहने वाले 2 भाई लक्ष्मण और ओमकार अपने भतीजे शिवम के साथ अपने खेत में पानी लगाने पहुंचे. उन्हें दिन में ही पानी लगाना था, लेकिन दिन में बिजली नहीं थी, इसलिए वे रात में गए थे. रात होने की वजह से वे टौर्च भी ले गए थे.

वे खेत पर पहुंचे तो उन्हें कुछ आहट सी सुनाई दी. टौर्च की रोशनी में उन्होंने देखा तो वहां 4 आदमी खड़े थे. उन के हाथों में हथियार थे. उन्होंने गांव के ही बबलू को बांध कर बैठा रखा था. बबलू संपन्न आदमी था. उन्हें समझते देर नहीं लगी कि ये बदमाश हैं. डर के मारे वे जाने लगे तो एक बदमाश ने उन पर टौर्च की रोशनी डालते हुए चेतावनी दी, ‘‘अगर भागे तो गोलियों से छलनी कर दिए जाओगे. जहां हो, वहीं रुक जाओ.’’

तीनों निहत्थे थे, इसलिए अपनीअपनी जगह खड़े हो गए. बदमाश उन को वहीं ले आए, जहां बबलू बंधा बैठा था. उन्होंने उन्हें भी बांध कर बबलू के साथ बैठा दिया. चारों ने बबलू के साथ मंत्रणा कर के लक्ष्मण को खोल दिया. 3 बदमाश लक्ष्मण को ले कर चले गए और एक राइफलधारी बदमाश बंधे हुए लोगों के पास चौकसी से खड़ा रहा.

कुछ देर बाद वह लक्ष्मण को ले कर लौटा तो उन में से एक ने कहा, ‘‘लड़का तो अच्छा है.’’

इस के बाद चारों ने आपस में कुछ बातें की और वही 3 बदमाश उसे फिर से ले कर जंगल में चले गए. करीब 20 मिनट बाद वे लौटे तो उन के साथ लक्ष्मण नहीं था. लौट कर उन में से एक बदमाश ने कहा, ‘‘काम हो गया.’’

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