True Crime: हर बहन को अपने भाई से रक्षा की उम्मीद होती है लेकिन आरिफ ऐसा भाई था जो बहनों की रक्षा करना तो दूर उन के जिस्म से खेलना चाहता था. मां भूरी भी बेटियों की नहीं सुनती थी. इसी दौरान एक दिन तो...

23 मई, 2015 को सुबह के कोई 11 बजे रुखसार और शमीमा थाना काशीपुर के थानाप्रभारी के पास पहुंची. दोनों ही काफी परेशान सी दिख रही थीं. उन्हें देखते ही थानाप्रभारी समझ गए कि इन का कोई पारिवारिक झगड़ा हुआ होगा. उसी झगड़े की शिकायत करने आई होंगी. इसलिए उन्होंने उन से पूछा, ‘‘बोलो, क्या बात है?’’

उम्र में बड़ी दिखने वाली रुखसार ने बताया, ‘‘सर, हम लोग यहीं के ढेला बस्ती के मधुवननगर में रहते हैं. पिछले 16 दिनों से हमारी बहन सायरा गायब है. हमें शक है कि हमारे भाइयों व अम्मी ने मिल कर उस की हत्या कर दी है.’’

हत्या की बात सुन कर थानाप्रभारी चौंके, ‘‘क्या! यह तुम क्या कह रही हो?’’

‘‘हां, सर, मैं सही कह रही हूं. हमारे घर के एक कोने से तेज बदबू भी आ रही है.’’

यह सुन कर थानाप्रभारी हैरत में पड़ गए. पहली बार तो उन्हें उन की बातों पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने गहराई से सोचा तो उन्हें इन लड़कियों ने जरूर कोई ऐसीवैसी बात देखी होगी, तभी तो ये इस तरह की बात कह रही हैं. वह उसी समय दोनों बहनों को ले कर उन के घर पहुंच गए. घर पहुंचते ही दोनों बहनें थानाप्रभारी को अपने घर में उस जगह ले गईं, जहां पर मिट्टी खुदी नजर आ रही थी. वहां पहुंचते ही थानाप्रभारी ने तेज दुर्गंध महसूस की. उस वक्त उस घर में उन दोनों बहनों के अलावा कोई नहीं था. उस समय बाकी लोग कहीं गए हुए थे.

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