Crime Story in Hindi : मणप्पुरम गोल्ड लोन और मुथुट गोल्ड लोन में डकैतियां होना कोई नई बात इसलिए नहीं है, क्योंकि इन का सोना इंश्योर्ड होता है. लेकिन हनुमानगढ़ शाखा में डकैती वहां के मैनेजर संजय सिंह ने इसलिए कराई थी ताकि अपने खुद के घोटाले को दबाए रख सके. वह कामयाब भी हो जाता अगर…
इसी साल 15 मार्च की बात है. दोपहर के तकरीबन डेढ़ बजे का समय था. राजस्थान के हनुमानगढ़ शहर में टाउन बस स्टैंड पर स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन शाखा में लंच का समय था. कर्मचारी गपशप कर रहे थे. वैसे तो इस औफिस में 5 कर्मचारी हैं, लेकिन उस समय असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह शेखावत सहित केवल 3 कर्मचारी ही औफिस में थे. एक महिला कर्मचारी किसी काम से रेलवे जंक्शन गई थी और एक महिला कर्मचारी औफिस आने के बाद तबीयत खराब होने की बात कह कर घर चली गई थी. मणप्पुरम कंपनी सोने के जेवरों पर लोन देने का काम करती है. सालों पुरानी इस कंपनी के पूरे देश में लगभग हर जिला मुख्यालय पर कईकई ब्रांच औफिस हैं.
कंपनी के लगभग सभी औफिसों में सोने के जेवर और नकदी रहती है, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होते. यही कारण है कि हर साल देश भर में इस कंपनी के 5-7 औफिसों में लूट की वारदात होती है. इन में कुछ वारदातों में अपराधी पकड़े जाते हैं और कुछ में नहीं. पकड़े गए अपराधियों से भी माल की आधीअधूरी बरामदगी ही होती है. बिहार के 2-3 कुख्यात गिरोह तो केवल गोल्ड लोन वाली कंपनियों में ही लूट की वारदात करते हैं. कंपनी की हनुमानगढ़ शाखा में भी सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं थे. सुरक्षा के नाम पर कर्मचारी औफिस समय में चैनल गेट बंद रखते थे. कोई ग्राहक आता, तो गेट खोल देते और उस के जाने के बाद बंद कर देते थे.
उस दिन भी कर्मचारियों ने औफिस का चैनल गेट बंद कर ताला लगा रखा था. दोपहर करीब पौने 2 बजे 2 युवक बैंक के चैनल गेट पर पहुंचे. उन्होंने गेट खुलवाने के लिए बाहर लगी घंटी बजाई. युवकों ने अपने चेहरे ढके हुए थे. एक युवक के पास पिट्ठू बैग था. घंटी की आवाज सुन कर औफिस के अंदर से एक कर्मचारी मोबाइल पर बातें करते हुए आया. उस ने 2 युवकों को बाहर खड़ा देखा, तो ग्राहक समझ कर उन से बिना कुछ पूछताछ किए चैनल गेट का ताला खोल दिया. चैनल गेट खुलते ही दोनों युवक औफिस के अंदर घुस गए. अंदर आते ही दोनों ने अपने कपड़ों में छिपा कर लाई पिस्तौल निकाल ली. औफिस में मौजूद तीनों कर्मचारियों पर पिस्तौल तान कर बदमाशों ने जान से मारने की धमकी दी और सोने के बारे में पूछा.
पिस्तौल देख कर कर्मचारी घबरा गए. उन्होंने सोने के जेवर लौकर में रखे होने की बात कही, तो बदमाशों ने गोली चलाने की धमकी दी. इस पर असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह ने लौकर खोल कर नीचे की दराज में रखे सोने के जेवरों के पैकेट लुटेरों के हवाले कर दिए. लुटेरों ने लौकर में रखी नकदी भी निकाल ली. एक बदमाश ने जेवर और नकदी अपने कंधे पर लटके बैग में भर लिए. इस के बाद दोनों बदमाश कर्मचारियों को धमकी देते हुए चैनल गेट खोल कर तेजी से निकल गए. बदमाशों को इस वारदात को अंजाम देने में मुश्किल से 4 मिनट लगे थे. लुटेरों के डर से औफिस के कर्मचारी कुछ देर सहमे से अंदर ही खड़े रहे.
बाद में वे औफिस से बाहर निकले और आसपास के लोगों को बताया. बाद में पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने के कुछ ही देर बाद हनुमानगढ़ एसपी प्रीति जैन, डीएसपी प्रशांत कौशिक, टाउन सीआई लक्ष्मण सिंह राठौड़ और जंक्शन सीआई नरेश गेरा आदि मौके पर पहुंच गए. पुलिस अधिकारियों ने मौकामुआयना कर कंपनी की शाखा के कर्मचारियों और आसपास के लोगों से पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि औफिस में सायरन लगा होने के बावजूद कर्मचारियों ने वारदात के दौरान या तुरंत बाद उसे नहीं बजाया. अलार्म नहीं बजाने पर एसपी ने कर्मचारियों को फटकार लगाई और 3 बार अलार्म बजा कर उस की जांच भी की.
शाखा के कर्मचारियों ने बताया कि बदमाश सोने के जेवर और कैश ले गए. कितना सोना ले गए, यह रिकौर्ड देखने के बाद बता सकेंगे. उन्होंने नकदी करीब एक लाख रुपए बताई. आसपास के लोगों से पुलिस को पता चला कि कंपनी की गोल्ड लोन शाखा के सामने टाउन जंक्शन रोड पर एक ट्रक की ओट में एक बाइक सवार खड़ा था. वारदात के बाद दोनों नकाबपोश युवक उस बाइक सवार के साथ फरार हो गए. पुलिस अधिकारियों ने शहर के सभी मार्गों पर नाकेबंदी करा दी. लुटेरों का पता लगाने के लिए गोल्ड लोन शाखा के बाहर और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी. औफिस के चैनल गेट के पास लगे कैमरे में दोनों बदमाश नजर आ गए, लेकिन उन के चेहरे ढके होने से पहचान नहीं हो सकी.
ये बदमाश दोपहर 1.47 बजे औफिस में घुसे और 1.51 बजे बाहर निकल गए थे. गोल्ड लोन शाखा में लूट की वारदात होने की सूचना पूरे शहर में फैल गई. इस से वे लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए, जिन्होंने अपने जेवर गिरवी रख कर कंपनी से लोन ले रखा था. पुलिस अधिकारियों ने इन लोगों को यह कह कर वापस भेजा कि अभी जांच चल रही है. लूटे गए जेवरों का रिकौर्ड मिलने पर ही कुछ पता चल सकेगा. वारदात के तुरंत बाद हालांकि यह पता नहीं चला कि कितना सोना और कितना कैश लूटा गया है. फिर भी एसपी प्रीति जैन ने वारदात को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों की टीम बना कर लुटेरों का पता लगाने के निर्देश दिए.
दूसरे दिन 16 मार्च को पुलिस अधिकारी जांचपड़ताल में जुटे रहे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लुटेरों की खोजबीन चलती रही. अधिकारियों ने एक बार फिर गोल्ड लोन शाखा के औफिस पहुंच कर कर्मचारियों से पूछताछ की ताकि लुटेरों के बारे में कोई सुराग मिल सके, लेकिन ऐसी कोई बात पता नहीं चली, जिस से लुटेरों का पता लगाया जाता. कंपनी के कर्मचारियों ने वारदात के करीब 32 घंटे बाद 16 मार्च की रात लगभग साढ़े 9 बजे हनुमानगढ़ टाउन पुलिस थाने पहुंच कर केस दर्ज कराया. मणप्पुरम गोल्ड लोन हनुमानगढ़ टाउन की ब्रांच मैनेजर भावना मेघवाल ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि लुटेरे सोने के जेवरों के 290 पैकेट और एक लाख 7 हजार 951 रुपए नकद ले गए.
लूटे गए सोने के जेवरों का अनुमानित वजन 6 किलो से ज्यादा बताया गया. इन जेवरों में सोने की अंगूठी, कान की बाली, झुमके, कंगन, टौप्स आदि थे. हालांकि पुलिस ने शाखा मैनेजर की ओर से दी गई रिपोर्ट दर्ज कर ली, लेकिन पुलिस अधिकारियों के मन में कई सवाल भी गहरा गए थे. लूटे गए 6 किलो सोने की कीमत मौजूदा समय में करीब 3 करोड़ रुपए थी. कंपनी के अधिकारियों की ओर से करीब 30 घंटे तक रिकौर्ड का मिलान करने के बाद इतना सोना लूटे जाने की बात पुलिस अधिकारियों के गले नहीं उतरी. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कराने आई कंपनी की ब्रांच मैनेजर रायसिंहनगर निवासी भावना मेघवाल और दूसरे स्टाफ से थाने में काफी देर तक पूछताछ की.
इस में पता चला कि वारदात के समय लौकर में सोने के जेवरों के करीब 1300 पैकेट थे. असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह ने इन में से नीचे की दराज में रखे 290 पैकेट ही निकाल कर लुटेरों को दिए थे. जेवरों के बाकी लगभग एक हजार पैकेट जो ऊपर की दराज में थे, बच गए थे. सुरक्षित बच गए जेवरों के पैकेटों में जीपीएस ट्रैकर भी लगा हुआ था जबकि लुटेरों के हाथ लगे जेवरों के पैकेटों में जीपीएस ट्रैकर नहीं था. इसलिए पुलिस अधिकारियों के दिमाग में संदेह पैदा हुआ कि आखिर लुटेरों को नीचे की दराज से ही जेवरों के पैकेट क्यों निकाल कर दिए गए. लुटेरों को बिना जीपीएस ट्रैकर वाले सोने के जेवरों के पैकेट निकाल कर देने के बारे में पुलिस ने असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह ने सवाल किए, तो उस ने बताया कि ऐसा घबराहट और हड़बड़ाहट में हुआ.
पुलिस की पूछताछ में एक बार वह उखड़ भी गया और कहा कि उसे 6 हजार रुपए तनख्वाह मिलती है. इतनी सी तनख्वाह के लिए क्या मैं अपनी जान दांव पर लगा देता? तीसरे दिन 17 मार्च को एडिशनल एसपी जस्साराम बोस और डीएसपी प्रशांत कौशिक ने एक बार फिर गोल्ड लोन शाखा का बारीकी से मुआयना किया और कर्मचारियों से पूछताछ की. इस के अलावा पुलिस की टीमें सीसीटीवी में नजर आए बदमाशों का सुराग लगाने और संदिग्ध बदमाशों से पूछताछ में जुटी रही. साइबर एक्सपर्ट की टीम लुटेरों के भागने की दिशा में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देख कर रूट चार्ट बनाने में लगी रहीं.
6 किलो सोने के जेवरों की लूट के मामले में पुलिस हर एंगल से बारीकी से जांचपड़ताल करती रही. कुछ ऐसी बातें थी, जिन से पुलिस अधिकारियों का शक गोल्ड लोन शाखा के कर्मचारियों पर हो रहा था. इस में वारदात के करीब 32 घंटे बाद रिपोर्ट दर्ज कराना, मुंह पर कपड़ा बांध कर आए दोनों युवकों को बिना कोई पूछताछ किए चैनल गेट खोल कर औफिस के अंदर प्रवेश दे देना, असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह की ओर से लुटेरों को बिना जीपीएस ट्रैकर वाले सोने के जैवरों के पैकेट देना, संदेह को बढ़ावा दे रहे थे. वारदात के दौरान या तुरंत बाद कर्मचारियों की ओर से अलार्म नहीं बजाना आदि भी ऐसे बिंदु थे, जो कंपनी के कर्मचारियों को शक के दायरे में खड़ा कर रहे थे.
इसलिए पुलिस की एक टीम गोल्ड लोन शाखा के कर्मचारियों की कुंडली खंगालने में जुट गई. पुलिस ने 20 मार्च को 3 लोगों को गिरफ्तार कर सोने के जेवरों की लूट का खुलासा कर दिया. लूट का मास्टरमाइंड मणप्पुरम गोल्ड लोन शाखा का असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह शेखावत निकला. पुलिस ने संजय सिंह सहित मदन सोनी और पवन जाट को गिरफ्तार कर लिया. इन में संजय सिंह सीकर जिले की श्रीमाधोपुर तहसील के जालपाली गांव का रहने वाला था. मदन सोनी हनुमानगढ़ टाउन में नाथावाली थेढ़ी वार्ड नंबर 8 और संजय जाट रावतसर के निरवाल का निवासी था. इन लोगों से पूछताछ में जो कहानी उभकर सामने आई, वह इस प्रकार है—
असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह ने कंपनी की इस शाखा में काफी घोटाला कर रखा था. उस ने फरजी आईडी से कंपनी की इस शाखा में खाते खोल कर सोने के जेवर गिरवी रखे बगैर ही दूसरे कई नामों से लोन उठा रखा था. यह घोटाला वह काफी दिनों से कर रहा था, लेकिन कंपनी को पता नहीं चल सका था. पिछले दिनों कंपनी ने संजय सिंह का तबादला गुजरात कर दिया था. तबादला होने के बावजूद संजय रिलीव नहीं हो रहा था. उसे डर था कि हनुमानगढ़ शाखा से रिलीव होने पर कंपनी का हिसाबकिताब देते समय उस का घोटाला सामने आ जाएगा. इस घोटाले को दबाने के लिए संजय ने मदन सोनी के साथ मिल कर अपनी ही शाखा में लूट की योजना बनाई.
हनुमानगढ़ टाउन का रहने वाला मदन सोनी सोने का मूल्यांकन करता था. संजय ने लूट के लिए बदमाशों का इंतजाम करने की जिम्मेदारी मदन सोनी को सौंप दी. मदन सोनी ने इस काम के लिए अपने परिचित डिप्टी उर्फ अनमोल मेघवाल से संपर्क किया. डिप्टी उर्फ अनमोल हरियाणा के सिरसा जिले के बेहरवाला खुर्द ऐलनाबाद का रहने वाला था. मदन सोनी ने अनमोल को अपनी योजना बताई. इस पर अनमोल ने लूटे जाने वाले सोने में बराबर का हिस्सा लेने की बात कही. मदन ने इस पर हामी भर ली. लूटे जाने वाले सोने के बंटवारे की बात तय हो जाने पर अनमोल ने इस काम के लिए अपने परिचित बदमाश तलवाड़ा के बेहरवाला कलां निवासी सोनू, रावतसर के निरवाल गांव निवासी पवन जाट और अपने ही गांव बेहरा वालां खुर्द के रहने वाले भीम को तैयार किया.
इन में सोनू के सोपू गैंग और पवन के बीकानेर की 007 गैंग से तार जुड़े हुए थे. ये दोनों इन अपराधी गिरोह के सक्रिय बदमाश थे. सोनू के खिलाफ हत्या का प्रयास के अलावा आर्म्स ऐक्ट के मुकदमे दर्ज थे. इन लोगों ने वारदात के लिए हनुमानगढ़ के संडे मार्केट से मोटरसाइकिल खरीदी. ऐलनाबाद और तलवाड़ा से हथियार जुटाए गए. अनमोल, पवन, सोनू और भीम 12 मार्च को हनुमानगढ़ आ गए. संजय सिंह और मदन सोनी ने इन बदमाशों के ठहरने के लिए पहले ही 2 अलगअलग होटलों का इंतजाम कर रखा था. हनुमानगढ़ पहुंचने पर संजय सिंह और मदन सोनी ने लूट की अपनी पूरी योजना बता कर उन्हें सारी बातें समझा दीं.
चारों बदमाशों ने मणप्पुरम गोल्ड लोन शाखा की 2 दिन तक बाहर से रैकी कर वारदात करने और भागने के रास्ते देख लिए. बाद में सभी ने मिल कर लूट की योजना को अंतिम रूप दिया. यह तय किया गया कि वारदात 15 मार्च को दोपहर एक से 2 बजे के बीच लंच टाइम में की जाएगी. लंच का समय इसलिए चुना गया क्योंकि इस दौरान आमतौर पर कोई ग्राहक नहीं होता. योजना के अनुसार, पवन और सोनू शाखा में घुसे. सोनू ने 315 बोर की पिस्तौल और पवन ने एयरगन दिखा कर कर्मचारियों को डराया और गोली चलाने की धमकी दी. इस दौरान असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह ने बदमाशों के धमकाने पर लौकर में से सोने के जेवरों के पैकेट निकाल कर उन्हें दे दिए.
पवन और सोनू 4 मिनट में ही वारदात को अमलीजामा पहना कर बाहर निकल आए. गोल्ड लोन शाखा के बाहर एक ट्रक की आड़ में भीम पहले से ही मोटरसाइकिल पर तैयार खड़ा था. भीम ही इन दोनों को होटल से मणप्पुरम गोल्ड लोन शाखा तक लाया था. वारदात के दौरान वह बाहर खड़ा था. इस दौरान वह पवन जाट से मोबाइल पर सीधे संपर्क में था. पवन ने हैडफोन लगा अपना मोबाइल चालू रख रखा था ताकि कोई खतरा होने पर बाहर खड़ा भीम उन को सचेत कर सके. वारदात के बाद भीम के साथ मोटरसाइकिल पर बैठ कर पवन और सोनू भाग लिए. हनुमानगढ़ से ये तीनों मसीतांवाली हैड होते हुए हरियाणा चले गए. बाद में मदन सोनी और डिप्टी उर्फ अनमोल ने इन तीनों से मिल कर लूटे गए जेवर और नकदी का बंटवारा कर लिया.
संजय सिंह को लौकर में रखे सारे जेवरों के बारे में पता था. उसे पता था कि लौकर में ऊपर की दराज में जेवरों के पैकेट जीपीएस ट्रैकर सिस्टम के साथ रखे हुए हैं और नीचे की दराज में रखे जेवरों के पैकट में जीपीएस ट्रैकर नहीं है. इसलिए उस ने चालाकी से बिना जीपीएस ट्रैकर वाले जेवरों के पैकेट नीचे की दराज से निकाल कर लुटेरों के हवाले कर दिए. दरअसल, कंपनी ने लूट व चोरी की वारदातों को देखते हुए सुरक्षा के तौर पर लौकर में जेवरों के साथ जीपीएस ट्रैकर रखे हुए हैं. ये जीपीएस ट्रैकर ऊपर वाली दराज में जेवरों के पैकेट के बीच में ही रखे गए थे ताकि कोई वारदात होने पर जीपीएस ट्रैकर के जरिए अपराधी तक पहुंचा जा सके.
संजय सिंह की इसी कारस्तानी ने पुलिस अधिकारियों के दिमाग में संदेह पैदा किया और वह लुटेरों तक पहुंच गई. वारदात के बाद पुलिस ने मणप्पुरम गोल्ड लोन शाखा के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में नजर आए लुटेरों की तलाश में हनुमानगढ़ टाउन और जंक्शन के तमाम होटल, धर्मशालाओं के अलावा बसअड्डे और रेलवे स्टेशन पर जांचपड़ताल की. इन जगहों पर लगे कैमरों की फुटेज देखी. इस जांचपड़ताल में हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित कमल होटल और अमर होटल में वारदात से 3-4 दिन पहले रुके लोगों के फुटेज और वारदातस्थल की फुटेज में दिखे संदिग्ध लुटेरों से मिलान कर गए. इन संदिग्धों ने 15 मार्च को ही होटल से चैकआउट कर दिया था.
इन फुटेज के आधार पर पुलिस ने बदमाशों से पूछताछ कर सब से पहले पवन जाट को पकड़ा. पूछताछ में उस ने मदन सोनी और संजय सिंह का नाम लिया. संजय सिंह पहले से ही पुलिस के शक के दायरे में था. पुलिस ने इन दोनों को भी पकड़ कर पूछताछ की, तो लूट की सारी कहानी सामने आ गई. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया. इन तीनों से पूछताछ के आधार पर दूसरे दिन 21 मार्च को पुलिस ने सोनू और डिप्टी उर्फ अनमोल मेघवाल को भी गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की जांच में सामने आया कि असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह ने कंपनी की हनुमानगढ़ शाखा में 841 ग्राम सोने के लोन का घोटाला किया था.
उस ने गोल्ड वैल्यूअर मदन सोनी, उस के भाई और दूसरे परिचितों के नाम से गोल्ड लोन के नाम से फरजी खाते खोल कर रुपए उठा लिए थे. संजय ने फरजीवाड़ा कर कंपनी के कागजातों में इन लोगों से सोना जमा करना दिखाया था, जबकि सोना कंपनी में जमा नहीं हुआ था. कंपनी की औडिट होने पर वह सोने के जेवरों के पैकेट औनलाइन रिलीज कर अकाउंट होल्ड कर देता था. औडिट टीम के जाने के बाद वह लोन के जेवर जमा बता कर पैसा रिलीज करना दिखा देता था. इस तरह कंपनी की औडिट में भी उस का फरजीवाड़ा पकड़ में नहीं आया था. तबादले के बाद रिलीव होने पर चार्ज देने के समय उस का घोटाला सामने आ सकता था, इसीलिए उस ने कंपनी में लूट की वारदात करवा कर नमकहरामी की.
बाद में पुलिस ने 21 साल के भीम उर्फ भीमसेन मेघवाल और 29 साल के सुभाष जाट को भी इस मामले में गिरफ्तार कर लिया. ये दोनों हरियाणा के बेहरवाला खुर्द ऐलनाबाद के रहने वाले थे. पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर 4 किलो 862 ग्राम सोने के आभूषण बरामद कर लिए. इन में सोने की चूडि़यां, अंगूठी, बाजूबंद, हार, मंगलसूत्र व टौप्स आदि शामिल थे. बदमाशों ने सोने के इन जेवरों से करीब 350 ग्राम वजन के डोरे, चीड व स्टोन आदि ब्लेड से काट कर जला दिए थे. कंपनी की मैनेजर ने लूटे गए जेवरों का कुल वजन 6 किलो 136.87 ग्राम बताया था. इस में से असिस्टैंट मैनेजर संजय सिंह की ओर से फरजीवाड़ा किया गया 841 ग्राम सोना केवल कागजों में ही था.
यानी लूटे गए सोने के जेवरों का असल वजन 5 किलो 295.87 ग्राम था. इस में 4 किलो 862 ग्राम जेवर बरामद हो गए और 350 ग्राम वजनी नग वगैरह जला दिए गए. इस तरह लूटे गए लगभग 99 फीसदी जेवर बरामद हो गए. बदमाशों से पुलिस ने एक लाख 390 रुपए नकद, वारदात में इस्तेमाल एक देसी कट्टा, एक एयरगन, 6 कारतूस और मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली. गिरफ्तार बदमाश भीम उर्फ भीमसेन वारदात के दौरान बाहर मोटरसाइकिल ले कर खड़ा था. वारदात के बाद पवन और सोनू उसी के साथ बाइक पर भाग गए थे.
बदमाशों ने लूटे गए सोने के जेवर और नकदी हरियाणा के बेहरवाला खुर्द गांव में सुभाष जाट के खेत में बने कमरे में 2 फुट गहरा गड्ढा खोद कर दबा दी थी. सुभाष जाट को लूट का माल अपने खेत में छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. Crime Story in Hindi