UP Crime News : कुशीनगर की 17 वर्षीय अमृता शर्मा और 26 वर्षीय सैफुद्दीन उर्फ सैफ अली एकदूसरे को दिलोजान से प्यार करते थे. सैफ अली का लंगोटिया यार इम्तियाज अहमद उर्फ टिंकू भी अमृता से एकतरफा मोहब्बत करता था. प्यार में अंधी अमृता एक दिन अपना घर छोड़ कर प्रेमी सैफ अली के पास आ गई. इस के बाद इन दोनों दोस्तों ने अमृता के साथ जो किया वो…

26 वर्षीय सैफुद्दीन उर्फ सैफ अली घर में नमाज अता करते वक्त इबादत कर रहा था, ”मेरी महबूबा अमृता पर किसी आवारा आशिक की बुरी नजर न लगे. वह मेरी थी, मेरी है और मेरी ही रहेगी. किसी आवारा आशिक की जब भी उस पर गंदी नजर पड़ती है या उसे घूर कर कोई देखता है तो मेरे कलेजे में आग सी लग जाती है. उस समय जी तो यही चाहता है कि उसे कत्ल कर दूं, लेकिन मैं ऐसा कर नहीं सकता. क्योंकि बेपनाह मोहब्बत करता हूं मैं उसे. पलकों पर बैठा कर रखना चाहता हूं उसे. या मेरे परवरदिगार, अगर कहीं मेरे से महबूबा की शान में कोई गुस्ताखी हो जाए तो मुझे माफ करना. आमीन.’’

सैफ अली ने अपने एक कमरे में तरीके से सारा सामान सजा कर रखा था. कमरे में एक तख्त था, जिस पर बिस्तर बिछा हुआ था. फर्श पर वह एक साफसुथरी चादर बिछा कर नमाज अता कर रहा था और महबूबा अमृता की सलामती के लिए दुआ मांग रहा था. उस वक्त शाम ढल चुकी थी. नमाज अता कर के जैसे ही सैफ अली फारिग हुआ, तभी उस का अजीज दोस्त इम्तियाज अहमद उर्फ टिंकू उस से मिलने आया. दोनों ने एकदूसरे से दुआसलाम की. तभी इम्तियाज बोला, ”कई दिनों से मैं तुम से मुलाकात करने की सोच रहा था. फिर आज आ ही गया.’’

”अच्छा किया, जो मिलने आ गए. तुम से मिलने के लिए मेरा मन भी बेचैन था.’’ सैफ अली ने कहा.

”और भाभीजान कैसी हैं?’’ टिंकू ने सैफ अली की महबूबा अमृता के बारे में सवाल किया था.

”मजे में है.’’ उस ने सपाट लहजे में जवाब दिया.

जवाब सुन कर टिंकू चुप रह गया. पल भर कमरे में सन्नाटा छा गया था. फिर सन्नाटे को टिंकू ही तोड़ा, ”दोस्त, मुझ से नाराज हो क्या?’’

”नहीं तो, बाई दि वे तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि मैं तुम से नाराज हूं?’’

”मेरी दिल्लगी करने की आदत जो है, वही कर रहा था.’’

”लेकिन मेरी ऐसा करने की कोई आदत नहीं, सो प्लीज यार, सीरियस हो जाओ.’’

”कहीं ऐसा तो नहीं, जानेअनजाने में मैं ने तेरा दिल दुखा दिया हो. अगर ऐसी बात है तो यार माफ करना मुझे, मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था, जिस से तेरा दिल दुखे और तू तकलीफ में आ जाए.’’

”खैर, छोड़ यार. वैसे भी मेरा मूड कुछ अपसेट है. थोड़ा फ्री रहना चाहता हूं. कल मिलता हूं, फिर बात करता हूं.’’

”चलता हूं.’’ इम्तियाज अहमद उर्फ टिंकू दोस्त को सलाम कर वहां से अपने घर के लिए चला गया. रास्ते भर वह यही सोचता रहा कि सचमुच दोस्त किसी बात को ले कर परेशान दिख रहा था. कहीं भाभीजान की खैरियत पूछ लेने से तो नाराज नहीं हो गया या कोई और बात है. कल मुलाकात करने पर जरूर पूछूंगा. सोचतेसोचते टिंकू घर पहुंच गया.

सैफ अली अजीज दोस्त टिंकू से वाकई नाराज था. क्योंकि उस की प्रेमिका अमृता ने सैफ को बताया था कि टिंकू उस पर बुरी तरह से फिदा है. वह भी उसे चाहता है. उस ने अपना प्रेम निवेदन मुझ तक शेयर कर के अपने दिल की बात बताई थी कि वह भी उस से दिलोजान से मोहब्बत करता है. उसे अपने दिल रूपी घर में पनाह ले लेने दे.

सैफ अली ने अमृता के मुंह से जब से यह बात सुनी, तब से उस के तनबदन में आग सी लग गई थी. उस की हिम्मत कैसे हुई कि उस ने मेरे प्यार को बहकाने की जुर्रत की. मजा तो इस का उसे चखा कर ही रहूंगा. अमृता मेरी थी, मेरी है और मेरी ही रहेगी. कोई भी हमारे बीच में आने की जुर्रत करेगा तो उसे अपनी जान से हाथ धोना पडेगा. टिंकू ने अमृता को बुरी नजर से देख कर उसे नापाक करने की कोशिश की है, छोड़ूंगा नहीं उसे, कल मिलता हूं फिर उसे मजा चखाता हूं. इसीलिए उसे देख कर सैफुद्दीन उर्फ सैफ अली का मूड खराब हो गया था और अपने घर से उसे जल्दी से लौटा दिया था.

सैफ अली उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के हाटा पिपरा कपूर गांव का रहने वाला था. 3 भाइयों में वह सब से बड़ा था. पढ़लिख कर भी वह बेरोजगार था. नौकरी की तलाश में वह जुटा हुआ था, लेकिन नौकरी नहीं मिलने पर वह खाली बैठा था. इसी गांव में उस की प्रेमिका अमृता शर्मा भी रहती थी.

7171 गैंग के सदस्य थे दोनों दोस्त

सोशल मीडिया पर ‘लाला 7171 गैंग’ सक्रिय था. यह रील बना कर सोशल मीडिया पर खतरनाक असलहों और धारदार हथियारों के साथ रील बना कर पोस्ट कर के लोगों में अपने गैंग का खौफ भरते थे. सैफ अली और टिंकू दोनों उस खतरनाक गैंग के सक्रिय सदस्य थे. 20 सदस्यों वाला यह गैंग किसी से झगड़ा होने पर एकजुट हो कर खतरनाक असलहे और लाठीडंडा ले कर मारपीट करने पर उतारू हो जाता था. कुशीनगर जिले में इस गैंग की इतनी दहशत थी कि कोई गलती से भी पंगा लेने के बारे में सोचता नहीं था.

इसी गैंग के सदस्य बनने के बाद सैफ अली और टिंकू दोनों एकदूसरे के निकट आए और दोनों में गहरी दोस्ती हो गई थी. इम्तियाज उर्फ टिंकू हाटा कस्बे के अंबेडकर नगर मोहल्ले में अपने परिवार के साथ रहता था. परिवार में मम्मीपापा के अलावा 4 भाईबहन थे. उन में वह दूसरे नंबर का था. वह भी पढ़लिख कर बेरोजगार था और कामधंधे की तलाश थी, इसलिए वह भर दिन यहांवहां तफरीमस्ती करता था.

पड़ोस में रहने वाली नाबालिग अमृता शर्मा (17 वर्षीय) से सैफ अली प्यार करता था. अपने दिल की हर बात वह दोस्त इम्तियाज अहमद उर्फ टिंकू से शेयर करता था. टिंकू से दिल की बात शेयर किए बिना उस का जैसे खाना हजम ही नहीं होता था. एक दिन की बात है. शाम का वक्त हो रहा था. घर पर सैफ अली का मन नहीं लग रहा था. वह हाटा कस्बे में घूमने आया तो वहां उसे टिंकू मिल गया.

उस समय सैफ अली के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे दुनिया भर की खुशियां उस की झोली में आ गिरी हों या कोई मन की मुराद पूरी हो गई हो. सैफ अली  के चमकते चेहरे को देख कर उसे रहा नहीं गया तो वह दोस्त से खुशी का राज पूछ बैठा, ”क्या बात है यार, आज तो बड़े खुश नजर आ रहे हो. भाभी ने किसविस दे दी क्या?’’

”तुम्हें जलन हो रही है मेरी खुशी देख कर,’’ टिंकू की बात सुन कर उस का पूरा मूड खराब हो गया, ”हां, किस दे दी है तो… देख रहा हूं आजकल तेरी मेरे प्यार पर कुछ खास ही नजर रहती है. बड़ा मेहरबान रहता है तू उस पर.’’

”दोस्त, मैं ने तो मजाक में ऐसे ही कह दिया था.’’ टिंकू समझ गया था कि वह नाराज हो गया है, इसीलिए वह बात बदलते हुए आगे बोला, ”अगर तुम्हें बुरा लगा हो तो माफ कर देना.’’

”देख, तू मेरा यार है, बात यारी तक ही रह जाए तो अच्छा है, वरना दोस्ती में खटास आ जाएगी, कह देता हूं.’’

”मतलब! ऐसा मैं ने क्या किया, जो तुम मेरे को धमका रहे हो कि दोस्ती में खटास आ जाएगी.’’

”तू तो ऐसा भोला बन रहा है, जैसे तेरे को कुछ पता ही नहीं. लेकिन मैं तेरे को आखिरी बार समझा देता हूं कि तू मेरे प्यार से जितनी दूरी बना कर रखेगा, तेरी सेहत के लिए उतना ही अच्छा होगा. अमृता ने मुझ से सब साफसाफ बता दिया है कि तू उस पर डोरे डाल रहा है, उसे लाइन मारता है.’’

”क्यों बकवास किए जा रहा है यार.’’ टिंकू दोस्त पर बिदक गया, ”झूठ बोलती है, वो. मैं सच कहता हूं कि ऐसा कुछ भी नहीं है. दोस्त, हमारी पाक दोस्ती के बीच गलतफहमी पैदा कर वह हमें आपस में लड़ाना चाहती है. दोस्तों के बीच दरार पैदा करना चाहती. कसम से कह रहा हूं कि मेरे दिल में भाभी के लिए सिर्फ इज्जत है और कुछ नहीं.’’

”झूठ नहीं बोलती वो.’’ सैफुद्दीन जोर से चीखा. चीख सुन कर आसपास के लोग दोनों को देखने लगे कि वे क्यों झगड़ रहे हैं.

”झूठ तू बोल रहा है. हमारे बीच गलतफहमी का बीज वो नहीं बो रही है, तू बो रहा है. तू उस पर फिदा है, मरता है तू उस पर. तूने अपनी मोहब्बत का पैगाम उसे दिया, उस ने तेरे प्यार को ठुकरा दिया और कहता कि वह हमारे बीच दरार डालने की कोशिश कर रही है. देख टिंकू, मैं सब कुछ बरदाश्त कर सकता हूं, लेकिन मेरे प्यार के साथ कोई छेड़छाड़ करे, ये कतई बरदाश्त नहीं कर सकता. समझे.’’

”बात मान यार मेरी तू, अमृता भाभी मेरे पर जो इलजाम लगा रही है, सरासर गलत है. ऐसा मैं ने कुछ नहीं किया है, जो मेरे पर इलजाम लगाए. ये सब बेबुनियाद इलजाम हैं. तू यकीन कर मेरे दोस्त.’’

”चल, कुछ देर के लिए मैं ने तेरी बात मान ली, अमृता तुझे बदनाम करने के लिए झूठ बोल रही थी. तू सोच वह झूठ क्यों बोलेगी? ऐसा कर के उसे क्या मिलेगा? वह क्यों खुद के ऊपर कीचड़ उछालेगी, जिस से वह खुद ही गंदी हो जाए. है तेरे पास इस का कोई जबाव तो बता.’’

सैफ अली की बात सुन कर टिंकू एकदम चुप रह गया. कोई उत्तर नहीं दिया.

”नहीं हैं न, तेरे पास इस का कोई जवाब. मतलब साफ है कि तू झूठ बोलता है न कि अमृता. बस बहुत हो गया, उस से दूर हो जा, नहीं तो मैं दोस्ती तोडऩे में जरा भी वक्त नहीं लगाऊंगा. ये मेरी पहली और आखिरी चेतावनी है. आगे तेरी मरजी.’’

इम्तियाज ने इस तरह रची खतरनाक साजिश

एक लड़की के चलते पहली बार टिंकू को इतना जलील होना पड़ा था. सैफ अली ने पहली बार अपनी प्रेमिका के लिए अपने अजीज दोस्त को जलालतमलामत का सबक सिखाया था. जबकि उन की दोस्ती लोगों में मिसाल बना करती थी. यह बात टिंकू को बहुत बुरी लगी थी. उसे कतई अमृता से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि मेरे प्रेम निवेदन वाली बात दोस्त से साझा कर देगी. उसी पल टिंकू ने कसम खाई कि अमृता मेरी नहीं हुई तो मैं किसी और की नहीं होने दूंगा. उस के जीवन में ऐसी आग लगाऊंगा कि वह उस की आग में अपनी सारी खुशियां झुलसा देगी. दोस्तों के बीच गहरी खाई खोद कर अच्छा नहीं किया है.

दरअसल, टिंकू दोस्त की प्रेमिका अमृता शर्मा से एकतरफा प्यार करने लगा था. चूंकि अमृता अपने प्रेमी का दोस्त समझ कर उस से हंसबोल लिया करती थी. उस की उसी हंसी को वह प्यार समझने की भूल कर बैठा था. ऊपर से सैफ अली भी अपने प्यार का बखान समयसमय पर उस के सामने करता रहता था. इसी से उस का झुकाव अमृता की ओर बढ़ता गया और उसे उस से प्यार हो गया था. लेकिन अमृता उसे प्यार नहीं करती थी, बल्कि वह इस बात से अंजान थी टिंकू भी उस से प्यार करता था.

खैर, टिंकू दोस्त से हुए अपमान को बदला लेने के लिए फडफ़ड़ाने लगा था. उस ने फैसला कर लिया था कि अगर वह मेरी नहीं हुई तो मैं किसी और की भी नहीं होने दूंगा. दोस्त सैफुद्दीन उर्फ सैफ अली और अमृता के बीच चल रहे प्यार वाली बात अमृता के घर वालों को बता देगा. उस के बाद जो खेल होगा, उस में हाथ सेंकने में बड़ा मजा आएगा. तब कहीं जा कर मेरे कलेजे को ठंडक पहुंचेगी. टिंकू ने जैसा सोचा था, वैसा ही किया. 10 जुलाई, 2025 की दोपहर वह अमृता के घर पहुंच गया. उस समय वह घर पर नहीं थी, स्कूल गई थी. उस के घर पर उस की मम्मी और उस क ी बहनें थीं. यही मौका उसे सही और उचित लगा था घर वालों को भड़काने के के लिए.

फिर क्या था, टिंकू ने मौका देख कर चौका मार दिया. उस ने अमृता की मम्मी से सैफ अली और उस की बेटी की प्रेम लीला वाली बात खोल अपनी जलन पर बर्फ का मरहम लगा लिया और वहां से अपने घर लौट आया. अब जा कर उस के कलेजे को ठंडक पहुंची थी. एक दूसरे समुदाय के लड़के से अमृता प्यार करती है, यह बात सुन कर फेमिली वाले आगबबूला हो गए थे. बेटी से उन्हें कतई ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वह अपनी कुलच्छन हरकत से घर वालों का नाम डुबोएगी. शाम में जब अमृता के पापा राघव कामधंधे से वापस घर लौटे तो उन की पत्नी ने बेटी की करतूतों की पोटली उन के सामने खोल कर रख दी थी.

बेटी की करतूत सुन कर राघव का खून खौल उठा था. उन्होंने आव देखा न ताव, हाथ में जो भी मिला, उसी से बेटी को पीटने लगे. उसे बुरी तरह लात, चप्पल और डंडे से तब तक पीटते रहे, जब तक उन का गुस्सा शांत नहीं हुआ. जब गुस्सा शांत हुआ, तब पत्नी से बोल दिया कि उसे घर में कैद कर के रखो और इस का स्कूल जाना बंद कर दो. इस पर इतनी कड़ाई करो कि इस के सिर से उस बेहूदा इश्क का भूत उतर जाएगा. अगर तुम से यह नहीं हो सकता तो बता दो मैं ही कोई इंतजाम कर दूं. इस नालायक ने तो हमारी इज्जत मटियामेट कर दी है.

अमृता पापा की मार से बुरी तरह आहत थी. रोरो कर उस का बुरा हाल था. गनीमत थी कि उस का फोन उसी के पास सुरक्षित रह गया था. वह छीन नहीं पाए थे. यह सोच कर उसे थोड़ी तसल्ली हुई. थोड़ी देर बाद जब उस का मन शांत हुआ तो उस ने प्रेमी सैफ अली के पास चुपके से फोन किया. उस समय रात के करीब 9 बज रहे थे. प्रेमिका का रात के समय फोन आया देख सैफुद्दीन घबरा गया और कमरे से फोन ले कर बाहर निकल आया.

”हैलो! इतनी रात गए तुम ने फोन क्यों किया?’’ दबी जुबान में उस ने पूछा.

”मैं हमेशाहमेशा के लिए घर छोड़ कर आप के पास रहने आ रही हूं.’’ अमृता सुबकती हुई बोली.

”पहले तुम रोनाधोना बंद करो और बताओ बात क्या है? किसी ने तुम्हें कुछ कहा है या कोई और बात है. साफसाफ बताओ मुझे.’’

”हमारे प्यार के बारे में मेरे घर वालों को पता चल गया. पापा ने डंडे से मुझे बहुत मारा है. मुझे घर से निकलने पर पाबंदी लगा दिए हैं. मैं आप के बिना  जी नहीं सकती, मर जाऊंगी. मुझे आप के साथ रहना है.’’

”आखिर उन्हें हमारे प्यार के बारे पता कैसे चला?’’

”कैसे पता चला! अपने दोस्त टिंकू से पूछिए. उसी ने जा कर मेरे घर वालों को बताया है.’’

”टिंकू ने ऐसा किया!’’ सैफुद्दीन चौंक पड़ा, ”मुझे यकीन नहीं हो रहा कि टिंकू ने ऐसी गद्दारी की हमारे साथ. उस हरामी के पिल्ले को तो मैं छोड़ूंगा नहीं, लेकिन तुम इतनी रात गए घर से निकलना मत. थोड़ा सोचने का मौका दो.’’

”मैं कुछ नहीं जानती हूं. मुझे अब घर नहीं रहना तो नहीं रहना. बस कह दिया मैं ने. मैं आ रही हूं घर छोड़ कर.’’

”ठीक है, नहीं मानोगी तो गांव के बाहर आ कर मिलो. मिल कर फिर सोचता हूं कि क्या करना है.’’ कह कर फोन डिसकनेक्ट कर दिया सैफ अली ने और आगे के रास्ते के बारे में सोचने लगा.

अमृता अपनी जिद पर अड़ी रही और उस ने घर छोडऩे का पक्का मूड बना लिया. बस घर वालों के गहरी नींद में जाने के इंतजार में बेकरार थी.

अमृता का फोन आने के बाद से सैफ अली का दिमाग काम करना बंद कर दिया था. जैसे उस की सोचनेसमझने की शक्ति कम हो गई थी. वह बुरी तरह परेशान हो कर इधरउधर टहलता रहा. दिल जोरजोर से सीने में बेखौफ धड़कने लगा था और माथे पर पसीने की बूंदें चुहचुहा उठी थीं. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि उसे इतनी रात गए घर पर तो नहीं ला सकता था. घर वाले जानेंगे तो क्या सोचेगें. अब्बूअम्मी तो मेरी जान ले लेंगे. यह किस मुसीबत में डाल दिया तूने टिंकू. मैं तेरे को छोड़ूंगा नहीं.

सैफ अली सोचता हुआ घर वालों से झूठ बोल कर बाइक ले कर गांव के बाहर चकरी पट्टी नहर पहुंच गया, जहां अमृता शर्मा उस से मिलने आ रही थी. इस से पहले उस ने टिंकू को फोन कर के गांव के बाहर बुला लिया था. टिंकू की हरकतों से वह गुस्से से लालपीला हुआ जा रहा था.

साजिश में शमिल हो गया सैफ अली

सैफ अली का फोन रिसीव कर टिंकू गांव के बाहर पैदल ही आ चुका था. टिंकू को देखते ही सैफुद्दीन का पारा सावतें आसमान पर चढ़ गया. इस बात पर दोनों आपस में झगड़ते रहे कि उस ने प्यार वाली बात अमृता के फेमिली वालों को क्यों बताई? इस पर सफाई देते हुए उस ने कहा, ”तू उस की मक्कारी को समझ नहीं रहा है, वह तुझे अंधेरे में रख कर मेरे से नैन मटक्का करती है. पूछने पर कहती है कि वह मुझ से प्यार करती है. तुम से नहीं.’’

”जानता है तू इस प्यार के लफड़े ने हमें कितनी बड़ी मुसीबत में डाल दिया है. वह हमेशाहमेशा के लिए अपना घर छोड़ कर मेरे पा रहने आ रही है. तू बता मैं क्या करूं? कहां रखूं उसे?’’

”क्या..? अमृता घर छोड़ कर आ रही है? वह भी इतनी रात गए?’’ टिंकू भी चौंके बिना नहीं रह सका. वह भी उतना ही परेशान हुआ था, जितना सैफ अली परेशान था.

”यार, मैं तो कहता हूं इस संकट की घड़ी में हम अपनी दुश्मनी भुला कर कोई रास्ता निकालते हैं, जिस से सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.’’

”सारे फसाद की जड़ तू है. न तू अकड़ दिखाता और न ही हमें फंसना पड़ता.’’

”देख भाई, जो होना था सो हो गया. अब क्या करना है उस के बारे में सोच. कैसे इस मुसीबत से बाहर निकला जाए, उस के बारे में सोच.’’

”तू ही बता इस मुसीबत से कैसे बाहर निकला जाए?’’

”बात मानोगे भाई मेरी?’’

”बक, क्या बकना चाहता है?’’

”इस लड़की ने हमारी दोस्ती में दरार डाली और हमारे बीच गलतफहमी पैदा की है. जब तक जिंदा रहेगी, यूं ही परेशान करती रहेगी.’’

”क्या मतलब है तेरा?’’

”इसे रास्ते से हटा दो भाई. सारा लफड़ा ही खत्म हो जाएगा.’’ टिंकू ने उसे सुझाव दिया.

”कह तो तू ठीक ही रहा है.’’ सैफ अली को टिंकू की बात में दम दिखाई दिया, ”जैसे भी हो, गले की इस हड्डी को अपनी जिंदगी से दूर करना है, वरना हमारा मरना तय है.’’

”तो ठीक है, आने दो साली को, आज ही निबटा देते हैं. सारे फसाद की जड़ ही खत्म हो जाएगी.’’

”तो ठीक है, जो करना है आज ही करना है, मार दो साली को.’’ सैफ अली ने सारे शिकवेगिले भुला कर टिंकू से हाथ मिला लिया और चकरी पट्टी नहर पर अमृता के आने का इंतजार करने लगा. टिंकू को भी वहीं मिलने को बुलाया था. फिर दोनों ने मिल कर आगे की योजना बनाई. अमृता की हत्या कर उस की लाश वहां दूर रामपुर कारखाना स्थित नहर में डाल देंगे, जिस का पता किसी को कभी नहीं हो सकता.

दोनों की जैसे ही बातें पूरी हुईं, अमृता वहां आ धमकी थी. उसे सामने देख दोनों ही हक्काबक्का रह गए थे. मन ही मन उस की दिलेरी को सलाम किया और उस की हिम्मत देख कर दंग रह गए. गजब की दिलेर लड़की है, बिना डरे इतनी रात गए यहां आ सकती है तो आगे हमारे लिए परेशानी का बड़ा सबब भी बन सकती है, इसे जल्द से जल्द रास्ते से हटा देना ही अच्छा होगा. उस समय दोनों के सिर से इश्क का भूत उतर चुका था. अब वही अमृता दोनों के लिए विष का प्याला जैसी दिख रही थी.

आते ही अमृता सैफ अली से बोली, ”सदा के लिए मैं ने अपने मम्मीपापा का घर छोड़ कर आप के पास आ गई हूं. चलिए, यहां से कहीं दूर ले चलिए मुझे, जहां हमारे प्यार के सिवाय कोई और न रहता हो. हमें कोई रोकनेटोकने वाला न हो और न ही बोलने वाला हो. दोनों एकदूसरे की बाहों में लिपटे प्यार करते रहें. बस, ऐसी जगह हमें ले चलिए.’’

सैफ अली को अमृता की इन रोमांटिक बातों में जरा सी भी दिलचस्पी नहीं थी. वह तो पहले से ही यह सोचसोच कर परेशान हो रहा था कि इस मुसीबत से कैसे छुटकारा पाए. ऊपर से यह थी कि बकबक किए जा रही थी. सैफ अली उस के किसी भी सवाल का जबाव देना उचित नहीं समझ रहा था. योजना के मुताबिक, इतने में उस ने टिंकू को इशारा किया कि वह धीरे से अमृता के पीछे पहुंचे और उसे दबोच ले. इशारा पा कर वह दबे पांव अमृता के पीछे जा पहुंचा और उसे कस कर अपनी मजबूत बांहों में जकड़ लिया. अचानक खुद को टिंकू की बाहों में जकड़ा देख वह घबरा गई और उस की बाहों से आजाद होने के लिए छटपटाने लगी, ”यह क्या बत्तमीजी है टिंकू. छोड़ो मुझे.’’

”सौरी अमृता, हमें माफ कर देना. तुम्हारा खेल खत्म. तुम्हारे सपने कभी पूरे नहीं हो सकते. तुम हमेशा के लिए हमें छोड़ कर जा रही हो, अलविदा.’’ कह कर सैफुद्दीन उर्फ सैफ अली के दोनों हाथ उस की गरदन की ओर बढ़ गए. उस ने उस का गला तब तक कस कर दबाए रखा, जब तक कि अमृता की मौत न हो गई. दोनों ने अमृता को हिलाडुला कर देखा. उस के शरीर में कोई हरकत नहीं थी. जब वे पूरी तरह संतुष्ट हो गए कि वह मर चुकी है तो सैफ अली ने बाइक स्टार्ट कर ड्राइविंग खुद संभाली.

टिंकू अमृता को बीच में बैठा कर खुद पीछे बैठ गया और दोनों अपनी योजना में तबदीली लाते हुए देवरिया के बजाय कुशीनगर के ही हाटा रजवाहा नहर पहुंचे. वहां लाश नहर में फेंक कर अपनेअपने घर वापस लौट आए. यह सब करतेकरते रात के करीब 3 बज गए थे. घर आ कर दोनों आराम से सो गए.

नहर में मिली अमृता की लाश

इधर पूरी रात बीत गई. अगली सुबह यानी 11 जुलाई, 2025 को अमृता घर नहीं लौटी तो घर वालों को चिंता सताने लगी थी. उस के नाना विश्राम शर्मा ने नतिनी अमृता की चिंता में पूरी रात आंखों में काट दी थी. जब उन्हें उस का कहीं पता नहीं लगा तो वह तहरीर ले कर हाटा कोतवाली पहुंच गए और कोतवाल रामसहाय चौहान को विस्तार से पूरी बात बता कर अमृता की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई. गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने आगे की काररवाई शुरू की.

12 जुलाई, 2025 को देवरिया जिले के थाना रामपुर कारखाना स्थित नहर में एक लड़की की लाश पाई गई. यह सूचना हाटा कोतवाली को मिली तो यहां की पुलिस वादी विश्राम शर्मा को साथ ले कर रामपुर कारखाना पहुंची, ताकि लाश की शिनाख्त की जा सके. क्योंकि लाश की कदकाठी 2 दिनों से गुम हुई अमृता शर्मा की कदकाठी से काफी मेल खा रही थी. नाना विश्राम शर्मा ने लाश की पहचान कर ली. वह लाश अमृता की थी. फिर क्या था? लाश मिलते ही घर में कोहराम मच गया था. सभी का रोरो कर हाल बुरा हुए जा रहा था.

हाटा पुलिस ने लाश पोस्टमार्टम के लिए कुशीनगर जिला अस्पताल भेजवा दी और अपनी टीम के साथ थाने वापस लौट आए और आगे की काररवाई में जुट गए. उन्होंने अमृता की गुमशुदगी को बीएनएस की धारा 103(1) (हत्या) और 238 (सबूत मिटाने) में तरमीम कर कातिलों की तलाश शुरू कर दी थी. कोतवाल रामसहाय चौहान ने घटना की सूचना एसपी संतोष कुमार मिश्र और एएसपी निवेश कटियार को दे दी. एसपी संतोष मिश्र ने एएसपी निवेश कटियार के नेतृत्व में पुलिस की 4 टीमें गठित कर के केस का जल्द से जल्द खुलासा करने का निर्देश दिया. निवेश कटियार ने कोतवाल रामसहाय चौहान को मृतका के सिम नंबर की काल डिटेल्स निकाल कर उसे खंगालने के आदेश दिए, ताकि जल्द से जल्द सच तक पहुंचा जा सके.

काल डिटेल्स की गहन जांचपड़ताल करने पर 2 फोन नंबर ऐसे मिले थे, जिस से मृतका की अकसर लंबीलंबी बातें होती थीं. घटना वाली रात भी उन्हीं दोनों में से एक नंबर पर उस की बात हुई थी. उस के बाद मृतका का फोन स्विच्ड औफ हो गया था. जांच में दोनों नंबरों में एक नाम सैफुद्दीन उर्फ सैफ अली निवासी पिपरा कपूर (हाटा) और दूसरा नाम इम्तियाज अहमद उर्फ टिंकू प्रकाश में आया. आगे की काररवाई और कौल डिटेल्स की पड़ताल से मामला दोनों प्रेमियों द्वारा प्रेम संबंधों में दावे को ले कर हुई हत्या के रूप में सामने आया. जैसे ही यह खुलासा हुआ कि हत्या में विशेष समुदाय के लोग शामिल हैं, कस्बा तनाव की आग में जल उठा.

चूंकि दोनों प्रेमी विशेष समुदाय के थे, यह बात गांव की फिजा से तैरती हुई पौलिटिक्स के गलियारों तक पहुंच गई थी. सूचना मिलते ही कुशीनगर के सांसद विजय कुमार दूबे, हाटा के विधायक मोहन शर्मा, रामकोला के विधायक विजय प्रकाश गौड़ और खड्डा के विधायक विवेकानंद पांडेय पिपरा कपूर गांव पहुंच गए और उन्होंने मृतका के फेमिली वालों से मिल कर उन्हें न्याय दिलाने और बेटी के हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया. इस के बाद गांव वालों को साथ मिला कर आंदोलन छेड़ दिया और थाने का घेराव कर के बेटी अमृता के कातिलों को अतिशीघ्र गिरफ्तार करने का दवाब बनाया.

आंदोलन भयानक रूप ले चुका था. तनावपूर्ण स्थिति देखते हुए एसपी संतोष कुमार मिश्र ने पिपरा कपूर गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी थी, ताकि कोई अप्रिय घटना न घट सके. इधर पुलिस कातिलों की तलाश में जुटी हुई थी. कातिलों के जहां छिपे होने की संभावना थी, वहां छापे डाल रही थी, लेकिन वे उन की पकड़ से काफी दूर थे. आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और 15 जुलाई, 2025 को रात के समय आरोपी सैफुद्ïदीन उर्फ सैफ और इम्तियाज अहमद उर्फ टिंकू को हाटा से उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वे कहीं भागने की फिराक में बस का इंतजार कर रहे थे. इस के बाद पुलिस ने ‘लाला 7171 गैंग’ के दरजन भर सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया.

गैंग के सभी सदस्यों ने थाने में हाथ जोड़ कर माफी मांगते हुए कसम खाई कि भविष्य में वह कोई भी गलत काम नहीं करेंगे और एएसपी निवेश कटियार के सामने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों आरोपियों ने उन के सामने घुटने टेक दिए. उन्होंने कुबूल कर लिया कि उन दोनों ने ही मिल कर अमृता की हत्या की थी. अगले दिन यानी 16 जुलाई को एसपी संतोष कुमार मिश्र और एएसपी निवेश कटियार दोनों अधिकारियों ने कुशीनगर पुलिस लाइंस में संयुक्त प्रैसवार्ता बुला कर घटना का खुलासा कर दिया और आरोपियों को अदालत में पेश कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

17 वर्षीय अमृता शर्मा कुशीनगर के हाटा कोतवाली के पिपरा कपूर गांव की रहने वाली थी. राघव शर्मा उस के पिता का नाम था. उन का अपना खुद का व्यापार था. उसी की आमदनी से घरपरिवार चलाते थे. मजे से परिवार का भरणपोषण होता था. राघव के पड़ोस में सरफुद्दीन अली परिवार के साथ रहते थे. सैफुद्दीन उर्फ सैफ अली उन का बड़ा बेटा था. इंटर तक पढ़ाई पूरी करने के बाद उस ने आगे की पढ़ाई छोड़ कर ‘लाला 71-71 गैंग’ जौइन कर लिया था, जिस का कहानी में पहले जिक्र किया जा चुका है.

किशोरावस्था में ऐसे परवान चढ़ा प्यार

बात करीब 3 साल पहले की थी. अमृता शर्मा बेहद चंचल और हंसमुख के साथ खूबसूरत भी थी. सजसंवर कर जब घर से निकलती थी तो सैफ की नजर उस पर पड़ ही जाती थी और उसे तब तक निहारता रहता था, जब तक वह उस की नजर से ओझल नहीं हो जाती थी. सैफ का प्रेम भरी नजरों से उसे देखना बहुत अच्छा लगता था. उस का रोमरोम खिल उठता था. मन ही मन वह बहुत खुश होती थी. बदले में अमृता भी उसे चाहत भरी नजरों से देखती थी.

धीरेधीरे दोनों के दरमियान दोस्ती हुई. इस दोस्ती ने प्यार का रूप ले लिया, न तो अमृता जान पाई और न ही सैफ को अहसास हुआ. दोनों को इस का तब पता चला, जब वे एकदूसरे से अलग होते थे. उस के बाद जो तड़प होती थी, वे दोनों समझ नहीं पाते थे ऐसा क्यों हो रहा है. दिल की तड़प ने अहसास दिलाया. उन्हें एकदूसरे से प्यार हो गया है. फिर दोनों ने अपने प्यार का इजहार एकदूसरे के सामने कर दिया. धीरेधीरे दोनों का प्यार जवां होता गया. दोनों ही भविष्य के सपने संजोने लगे थे. चाहत की दुनिया बसाने के लिए अपने पंख फैलाए जीने की हसरतें पालने लगे.

उसी गांव में सैफ का दोस्त इम्तियाज अहमद उर्फ टिंकू पुत्र मैनुद्दीन भी रहता था. टिंकू का एक मकान हाटा कस्बे के वार्ड नंबर 10, अंबेडकरनगर में भी था. घर के आधे सदस्य वहां रहते थे और आधे गांव वाले मकान में. सैफ अली और टिंकू के बीच दांत काटी रोटी जैसी दोस्ती थी. एकदूसरे के दुखसुख में साथ देते थे. अमृता से प्यार हो गया है, सैफ अली ने जब अपने दिल का हाल दोस्त टिंकू के सामने बयान किया तो वह खुशी से झूम उठा था. सैफ ने ही प्रेमिका अमृता से दोस्त टिंकू का परिचय करवाया था, ”अमृता, ये मेरा बचपन का दोस्त टिंकू है. समझो, दो जिस्म एक जान हैं हम. इस के बिना मैं नहीं और मेरे बिना ये नहीं.  एकदूसरे के बिना हम दोनों अधूरे हैं.’’

टिंकू का परिचय जान कर अमृता हौले से मुसकरा दी थी. कोई जवाब नहीं दिया. अपनी प्रेमिका अमृता के सामने दोस्त सैफ अली द्वारा दोस्ती का बखान सुन कर टिंकू का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था. उसे अपनी दोस्ती पर नाज हो गया था. टिंकू जब भी सैफ से मिलता था, वह अपनी प्रेम कहानी उसे सुनाने लगता था. दोस्त की जुबान से उस की प्रेम कहानी सुनसुन कर टिंकू भी अमृता की ओर आकर्षित होता चला गया. चंूकि वह जब भी टिंकू से कहीं भी मिलती थी तो उसे रोक कर अपने प्रेमी सैफ का हालचाल पूछ बैठती थी. खुशदिलमिजाज अमृता की बात करने की अंदाज और बातबात पर मुसकरा कर बात करने की अदा ने टिंकू के दिल में घर बना लिया था.

टिंकू अमृता से एकतरफा प्यार करने लगा था. जबकि अमृता उस के इस भाव से बेखबर थी कि टिंकू के दिल में उस के प्रति प्रेम का अंकुर फूट चुका है और वह उसे चाहता है. एक फूल पर 2 आवारा भौंरों ने अपना कब्जा जमा लिया था. एक दिन टिंकू ने अपना प्रेम निवेदन अमृता के सामने रख दिया कि वह भी उस से बेहद प्यार करता है. उस के बिना जी नहीं सकता. उस के प्यार पर अपनी स्वीकृति की मोहर लगा कर जीवनदान दे दो.

टिंकू की जुबान से यह सुन कर वह हक्कीबक्की रह गई थी. उस ने साफसाफ कह दिया था कि वह सिर्फ सैफ से प्यार करती है, सिर्फ उस के बारे में सोचती है. उस के अलावा किसी के बारे में सपने में भी नहीं सोचती. वही उस का पहला और आखिरी प्यार है. थोड़ी सी हंस कर बात क्या कर ली, उसे प्यार समझ बैठे तो इस में मेरी क्या गलती है. टिंकू के प्रेम निवेदन वाली बात अमृता ने अपने प्रेमी सैफ को बता दी थी. उस के जुबान से यह बात सुन कर वह आगबबूला हो गया था. इस बात को ले कर दोनों के बीच में झगड़ा भी हो गया था. अपनेअपने तरीके से दोनों दावे करने लगे थे कि अमृता तुम से नहीं मुझ से प्यार करती है. इसी टकराव के चलते उन की दोस्ती में खटास आ गई थी.

टिंकू ने तय कर लिया था कि अगर अमृता मेरी नहीं हो सकती तो किसी और की भी नहीं होने दूंगा. साम दाम दंड भेद चाहे जैसे भी हो, उस की जिंदगी झंड बना दूंगा. और फिर उस ने अमृता के घर वालों के सामने उस की और सैफ की प्यार वाली बातें बता कर आग लगा दी. प्यार का दावा करने वाले दोनों प्रेमियों ने इस आग के दरिया में अमृता को झोंक कर उस की जिंदगी लील ली.             खैर, कुशीनगर सांसद विजय कुमार दूबे, हाटा विधायक मोहन शर्मा, रामकोला विधायक विजय प्रकाश गोंड और खड्डा विधायक विवेकानंद पांडेय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने और कातिलों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की गुहार लगाई.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की सही जांच करने और अमृता के कातिलों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दिलाया है. यही नहीं, आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलवाने के जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर जांच जारी थी. कथा लिखे जाने तक उन के घरों पर कोई काररवाई नहीं हुई थी. UP Crime News

(कथा में अमृता शर्मा परिवर्तित नाम है)

 

 

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