Love Crime Story: अजय ने अरविंद के साथ दोस्ती का ही फर्ज नहीं निभाया, बल्कि हर तरह से सहारा भी दिया. इतने घनिष्ठ संबंध होने के बावजूद ऐसा क्या हुआ कि दोस्त ही दुश्मन बन गया…
सुबहसुबह गांव अहिलापुर के ग्रामप्रधान सियाराम को गांव वालों ने बताया कि बाईपास के पास गन्ने के खेत में किसी युवक की लाश पड़ी है तो सियाराम कुछ लोगों के साथ खेत के अंदर जा पहुंचे. वहां सचमुच खून से लथपथ एक युवक की लाश पड़ी थी. उन्होंने फौरन इस बात की जानकारी बरेली के थाना इज्जतनगर पुलिस को दी. कत्ल की सूचना मिलते ही थाना इज्जतनगर के थानाप्रभारी इंसपेक्टर मोहम्मद कासिम सहयोगियों के साथ घटनास्थल की ओर रवाना हो गए.

बाईपास पर पहुंच कर थानाप्रभारी ने देखा कि गन्ने के खेत में एक युवक की लाश पड़ी थी. लाश देख कर ही लग रहा था कि उस के सिर पर किसी भारी चीज से वार कर के उस की हत्या की गई थी. तलाशी में मृतक युवक के पास से ऐसा कुछ नहीं मिला, जिस से उस की शिनाख्त हो पाती. उस के एक हाथ पर एकेवाईयूएमके जरूर गुदा था. इस से पुलिस कुछ अंदाजा नहीं लगा सकी. आसपड़ोस के लोगों को घटनास्थल पर बुला कर शिनाख्त कराने की कोशिश की गई, लेकिन कोई भी उस के बारे में कुछ नहीं बता सका. इस के बाद थानाप्रभारी ने लाश की फोटो करा कर घटनास्थल की अन्य काररवाई निपटाई और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
अगले दिन के अखबार में लाश की फोटो छपवाई गई तो उसे देख कर मुरादाबाद के पिपली ठाकुरद्वारा गांव का रहने वाला सुधीर थाना इज्जतनगर पहुंचा. अखबार में छपी फोटो इंसपेक्टर मोहम्मद कासिम के सामने रख कर उस ने कहा, ‘‘साहब, इस आदमी की शक्ल मेरे छोटे भाई अरविंद से मिलती है. मैं उस लाश को देखना चाहता हूं, जिस की यह फोटो है.’’
इंसपेक्टर मोहम्मद कासिम ने एक सिपाही के साथ उस लड़के को बरेली स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया. सुधीर ने लाश देख कर उस की शिनाख्त अपने छोटे भाई अरविंद की लाश के रूप में कर दिया. लाश की शिनाख्त होने के बाद इंसपेक्टर मोहम्मद कासिम ने थाना इज्जतनगर में अपराध संख्या 610/14 पर अरविंद की हत्या का मुकदमा अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज करा कर जांच शुरू कर दी. पूछताछ में मृतक अरविंद के बड़े भाई सुधीर ने बताया था कि अरविंद बरेली के सुभाषनगर में संगीता के यहां किराए पर रहता था. वहां वह अकेला ही रहता था और औटो चलाता था.
दूसरी ओर अरविंद की हत्या की जानकारी उस के जानने वालों को हुई तो वे पोस्टमार्टम हाऊस के बाहर इकट्ठा होने लगे. अरविंद जिस संगीता के मकान में रहता था, वह भी आ गई थी. अरविंद की परिचितों में एक औरत सरला भी थी. आते ही वह संगीता पर उस की हत्या का आरोप लगाने लगी तो संगीता ने सरला को अरविंद की हत्या का जिम्मेदार ठहराया. उन की बातें सुन कर इंसपेक्टर मोहम्मद कासिम को लगा कि अगर इन दोनों महिलाओं से अरविंद के बारे में पूछताछ की जाए तो शायद हत्यारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा. इसलिए उन्होंने संगीता और सरला को पूछताछ के लिए थाना इज्जतनगर आने को कहा.
थाने में की गई पूछताछ में सरला ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ बिहारीपुर में किराए के मकान में रहती थी. संगीता के यहां जाने से पहले अरविंद उसी के साथ उस के मकान में रहता था. लेकिन इधर कुछ महीनों से वह सुभाषनगर की तिलक कालोनी में रहने वाली संगीता के घर रहने चला गया था. संगीता ठीक औरत नहीं थी. 2 दिन पहले अरविंद उस से मिलने उस के घर आया था. तब उस ने मुरादाबाद जाने की बात कही थी. थोड़ी देर रुक कर वह चला गया था. बाद में जब उस ने अरविंद को फोन कर के मुरादाबाद जाने के बारे में पूछा तो उस ने फोन काट दिया था. इस से वह समझ गई कि अरविंद मुरादाबाद नहीं गया था.
सरला से पुलिस को मृतक अरविंद का मोबाइल नंबर मिल गया था. संगीता ने पूछताछ में बताया था कि इन दिनों अरविंद उसी के घर किराए पर रह रहा था, इसलिए सरला उस से जलती थी. इसी वजह से उस ने अरविंद की हत्या करा दी थी. दोनों महिलाओं से पूछताछ के दौरान इंसपेक्टर मोहम्मद कासिम ने उन के घर के सभी लोगों के मोबाइल नंबर ले लिए और उन की काल डिटेल्स निकलवाई. मृतक अरविंद के फोन नंबर की काल डिटेल्स से उस के कुछ दोस्तों के भी नंबर मिल गए थे. पुलिस ने उस के सभी दोस्तों को भी बुला कर पूछताछ की.
अरविंद के दोस्तों से पता चला कि उस की दोस्ती सरला के बेटे अजय से थी. इस के बाद अजय को भी थाने बुला कर पूछताछ की गई. इस पूछताछ में पुलिस को अजय पर शक हुआ तो पुलिस ने उस के मोबाइल नंबर की काल डिटेल्स निकलवा कर जांच की. काल डिटेल्स के अनुसार उस की घटना वाले दिन अरविंद से तो बात हुई ही थी, एक अन्य मोबाइल नंबर पर भी 6 मिनट से ज्यादा बात हुई थी. अजय से उस नंबर के बारे में पूछा गया तो वह नंबर उस की प्रेमिका कामिनी का निकला.
कामिनी का भी संगीता के यहां आनाजाना था. अरविंद भी वहीं रहता था. काल डिटेल्स से पता चला था कि अजय की कामिनी से हर रोज लंबीलंबी बातें होती थीं. इस से इंसपेक्टर मोहम्मद कासिम को लगा कि अरविंद की हत्या की वजह कहीं कामिनी तो नहीं. अगर कामिनी की वजह से हत्या हुई होगी तो यह हत्या अजय ने की होगी. संदेह होने पर थानाप्रभारी ने अजय से पूछा कि घटना वाले दिन वह उस समय कहां था, जिस समय अरविंद की हत्या हुई थी. थानाप्रभारी के इसी सवाल में अजय फंस गया और उस ने स्वीकार कर लिया कि उस ने अपने 2 दोस्तों विमल और पालू के साथ मिल कर अरविंद की हत्या की थी. अजय ने पूछताछ में अरविंद की हत्या के पीछे की जो कहानी सुनाई, वह प्रेमिका के लिए की गई हत्या की कहानी थी.
एकेवाईयूएमके यानी अरविंद कुमार यादव उर्फ मुन्नू कुमार उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के गांव पिपली ठाकुरद्वारा का रहने वाला था. उस के मातापिता गुजर चुके थे. एक बड़ा भाई था, जो गांव में ही रहता था. अरविंद की उम्र 28 साल थी. अभी उस की शादी नहीं हुई थी. गांव में खेतीबाड़ी न होने की वजह से उस ने गाड़ी चलाना सीखा और बरेली में औटो चला कर गुजरबसर करने लगा. गांव से बरेली आनेजाने में उसे परेशानी होती थी. उस ने अपनी यह परेशानी बरेली के कुछ दोस्तों को बताई तो उस के एक दोस्त अजय ने इसे गंभीरता से लिया. 19 वर्षीय अजय मां और 3 बहनों के साथ बरेली के बिहारीपुर में किराए पर रहता था. उस की बहनों में मधु उस से बड़ी थी, जबकि बाकी की 2 बहनें छोटी थीं. अजय के पिता नेत्रपाल की कुछ साल पहले बीमारी से मौत हो चुकी थी. पिता की मौत के बाद बारादरी की एक फर्नीचर की दुकान पर नौकरी कर के वही पूरे परिवार को पाल रहा था.
अरविंद ने जब अजय से अपनी परेशानी बताई तो उसे उस पर तरस आ गया था. उस ने अरविंद के सामने अपने साथ रहने का प्रस्ताव रखा. हालांकि अजय उम्र में अरविंद से काफी छोटा था, लेकिन वह उसे पक्का दोस्त समझता था. दोस्त के इस प्रस्ताव पर उस की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए. उसे अजय की दोस्ती पर गर्व महसूस हुआ. जिस हौसले से उस ने अरविंद को अपने घर में रहने को कहा था, अरविंद की नजरों में उस का कद काफी बढ़ गया था. अरविंद अजय के घर रहने लगा. कुछ ही दिनों में अरविंद अजय की मां एवं बहनों से इस तरह घुलमिल गया, जैसे वे सब उस की अपनी हों. अजय की बहनें भी उसे सगे भाई की तरह मानती थीं. अरविंद अजय के घर रहनेखाने के रूप में एक तय रकम देता था. अजय के घर रहने से अरविंद को अपने काम पर जाने में काफी आसानी हो गई थी.
उस का काम ऐसा था कि हर रोज नएनए लोगों से मुलाकात होती थी. इन में अच्छे लोग भी होते थे और बुरे लोग भी. एक दिन अरविंद के औटो में एक महिला सवार हुई. बातचीत में उस ने अरविंद से उस के बारे में पूरी जानकारी ले ली. अरविंद ने उसे उस के घर छोड़ा और अपना किराया ले कर चला गया. लेकिन उस दिन के बाद उस महिला को जब भी कहीं आनाजाना होता, वह अरविंद के ही औटो से आतीजाती. लगातार मिलते रहने की वजह से अरविंद उस महिला से काफी घुलमिल गया.
अरविंद के पूछने पर उस हंसमुख स्वभाव की महिला ने अपना नाम संगीता बताया. संगीता का पति मोहरपाल भी औटो चलाता था. उस के 3 बच्चों में 2 बेटे आकाश उर्फ बबलू, विशाल और एक बेटी पूजा थी. अरविंद अविवाहित था, इसलिए हंसमुख स्वभाव की संगीता उसे काफी अच्छी लगी. बातचीत और हावभाव से उसे लगा कि अगर वह संगीता के ऊपर थोड़ा खर्च करता है तो संगीता जल्दी ही उस के काबू में आ सकती है. दूसरी ओर खुले विचारों वाली संगीता के दिल में भी अरविंद के प्रति कुछ ऐसी ही सोच थी. अरविंद ने संगीता से नजदीकियां बढ़ाने के लिए कोशिशें तेज कर दीं. वह संगीता को मुफ्त में सैरसपाटा कराने के साथसाथ उस पर पैसे भी खर्च करने लगा.
संगीता ने अरविंद का झुकाव अपनी ओर देखा तो उस ने उसे खुली छूट दे दी. इस का नतीजा यह निकला कि उन दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए. इस के बाद संगीता के करीब आने के लिए अरविंद बेचैन रहता था. संगीता को भी अरविंद से जो सुख मिलता था, उस के लिए वह भी परेशान रहने लगी थी. इस दिक्कत को दूर करने के लिए अरविंद अजय का घर छोड़ कर संगीता के यहां रहने आ गया. सरला की समझ में यह नहीं आया कि इतना प्यार मिलने के बावजूद अरविंद अचानक उस का घर छोड़ कर क्यों चला गया? लेकिन अजय अरविंद का दोस्त था, इसलिए उसे अरविंद के जाने की वजह पता थी. लेकिन यह बात वह मां को बता नहीं सकता था.
इधर कुछ दिनों से संगीता के घर एक खूबसूरत लड़की कामिनी आनेजाने लगी थी. अरविंद ने उस के बारे में पूछा तो संगीता ने बताया कि उसे काम की तलाश है. दरअसल संगीता चालू किस्म की औरत थी. वह भोलीभाली और गरीब लड़कियों को नौकरी दिलाने का झांसा दे कर अपने परिचित ग्राहकों के आगे परोसती थी. कामिनी संगीता की इस वास्तविकता को नहीं जानती थी. वह जब भी संगीता से मिलने आती, संगीता उसे अपने पास बिठा कर सुनहरे ख्वाब दिखाती. इस बीच अगर वहां अरविंद होता तो वह कामिनी से हंसीमजाक कर के उस के करीब आने की कोशिश करता. जबकि कामिनी उसे जरा भी तवज्जो नहीं देती थी.
अरविंद भले ही अजय का घर छोड़ कर चला आया था, लेकिन उन की दोस्ती अभी भी पहले जैसी ही थी. इसलिए अजय अकसर उस से मिलने संगीता के घर आता रहता था. इसी आनेजाने में किसी दिन अरविंद ने अजय का परिचय कामिनी से करा दिया. अजय और कामिनी हमउम्र थे, इसलिए दोनों में दोस्ती हो गई, जो जल्दी ही प्यार में बदल गई. अजय और कामिनी में निकटता बढ़ी तो एक दिन कामिनी ने अजय से अरविंद की शिकायत करते हुए कहा कि अरविंद की नीयत उस के प्रति ठीक नहीं है. जब देखो, तब वह उस से छेड़छाड़ करता रहता है.
कामिनी की इस शिकायत पर अजय ने अरविंद से कहा कि वह कामिनी से प्यार करता है, इसलिए वह उसे परेशान न करे. इस के बाद अरविंद कामिनी को और परेशान करने लगा. तब अजय ने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे डाली. अरविंद ने उस की धमकी एक कान से सुनी और दूसरे से निकाल दी. जब भी उस की मौजूदगी में कामिनी संगीता से मिलने आती, वह उसे पटाने की कोशिश में लग जाता. अरविंद की इन ओछी हरकतों का कामिनी ने विरोध भी किया, लेकिन संगीता की ओर से खुली छूट मिली होने की वजह से अरविंद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था. कामिनी के खूबसूरत जिस्म को पाने के लिए उस का मन मचल रहा था. वह जब भी कामिनी को छेड़ता, कामिनी उस की शिकायत अपने प्रेमी अजय से करती. इस के बाद अजय गुस्से में अरविंद के पास पहुंच जाता और उस से लड़ाईझगड़ा करता.
इस तरह कामिनी को ले कर दोनों के बीच आए दिन लड़ाईझगड़ा होने लगा. जब अजय ने देखा कि अरविंद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है तो उस ने अपने दोस्तों, विमल पुत्र रामशरण निवासी कोधल, थाना सिकंदरा, आगरा और पालू पुत्र सूरजपाल निवासी नौरंगपुर, थाना ममौरा, बरेली के साथ मिल कर अरविंद की हत्या की योजना बना डाली. विमल पहले आगरा में रहता था. वह फेसबुक के जरिए अजय की बड़ी बहन मधु के संपर्क में आया था. दोनों में घनिष्ठता बढ़ी तो वह मधु से मिलने बारबार बरेली आने लगा. मधु से मिलनेजुलने में परेशानी न हो, इस के लिए उस ने उस के भाई अजय से दोस्ती गांठ ली थी. अजय से दोस्ती के बाद विमल उस के घर बेरोकटोक आनेजाने लगा था. मधु के ही लिए विमल अरविंद की हत्या की योजना में अजय का साथ देने को तैयार हुआ था.
27 नवंबर को अजय ने कामिनी को फोन किया तो उस ने एक बार फिर अरविंद की शिकायत की. तब अजय ने कहा, ‘‘आज के बाद अरविंद तुम्हें फिर कभी परेशान नहीं करेगा.’’
यह सुन कर कामिनी खुश हो गई. उसी रात अजय लोहे की रौड ले कर अरविंद को सबक सिखाने के लिए बाईपास के सुनसान रास्ते पर पहुंच गया. विमल और पालू भी उस के साथ थे. कुछ देर इंतजार करने के बाद जब अरविंद आया तो तीनों ने उसे घेर लिया. अरविंद कुछ समझ पाता, अजय ने लोहे की रौड से पीटपीट कर उसे मौत के घाट उतार दिया. अरविंद की हत्या करने के बाद लाश को घसीट कर उन्होंने सड़क के किनारे के एक गन्ने के खेत में फेंक दिया और खून से सनी वह रौड भी उन्होंने वहीं फेंक दी थी.
पुलिस ने अजय की निशानदेही पर लोहे की वह रौड भी बरामद कर ली थी, जिस से उस ने अरविंद की हत्या की थी. दोनो अन्य अभियुक्तों, विमल और पालू में से पुलिस ने विमल को तो अजय के घर से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन पालू पकड़ में नहीं आया. पूछताछ के बाद अजय और विमल को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया. पालू की तलाश की जा रही है. Love Crime Story
कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित. संगीता और कामिनी प


 
 
 
            



 
                
                
                
                
                
                
                
               
 
                
                
               
