Web Series Search: इस वेब सीरीज की शुरुआत एक हाई प्रोफाइल कालेज स्टूडेंट नैना मराठे के मर्डर से होती है. इस की लाश जंगल से बरामद होती है. इस केस की इन्वैस्टिीगैशन एसीपी संयुक्ता दास को मिलती है, लेकिन उस की ही टीम में विपरीत स्वभाव का पुलिस अधिकारी जय कंवल भी होता है, दोनों के मतभेद से जांच भी प्रभावित होती है. इस परिस्थिति में क्या ये इस केस को खोल पाते हैं?

निर्माता: अमृता सेन, निर्देशक: रोहन सिप्पी, लेखक: राधिका आनंद और श्रेया करुणाकरम, ओटीटी: जियो हौटस्टारा

कलाकार: कोंकणा सेन शर्मा, सूर्या शर्मा, शिव पंडित, श्रद्धा दास, ध्रुव सहगल, गोविंद नामदेव, चांदसी कटारिया, नावेद असलम, सागर देशमुख

डायरेक्टर रोहन सिप्पी जिन्होंने ‘क्रिमिनल जस्टिस’, ‘मिथ्या’, ‘दुरंगा’,  जैसी वेब सीरीज बनाई हैं. जियो हौटस्टार पर अपनी नई क्राइम थ्रिलर सीरीज ‘सर्च: द नैना मर्डर केस’ ले कर आए हैं. यह वेब सीरीज साल 2007 में आए मशहूर डैनिश शो ‘द किलिंग’ का इंडियन रीमेक है. यह सीरीज एक लड़की नैना के रेप और मर्डर की गुत्थी सुलझाने पर आधारित है. वेब सीरीज की कहानी एक काबिल और कामयाब एसीपी संयुक्ता दास (कोंकणा सेन शर्मा) के इर्दगिर्द घूमती है. संयुक्ता अपनी फेमिली लाइफ को बचाने की खातिर अपने करिअर की कुरबानी देने के लिए तैयार है. वह अहमदाबाद शिफ्ट होने की तैयारी कर रही होती है, लेकिन तभी एक कालेज स्टूडेंट नैना मराठे की हत्या की हो जाती है.

नए एसीपी जय कंवल (सूर्या शर्मा) के आ जाने के बावजूद इस केस को लीड करने की जिम्मेदारी संयुक्ता को मिलती है. जाहिर तौर पर इस से नया एसीपी जय संयुक्ता से चिढ़ा रहता है और उसे जबतब नीचा दिखाने की कोशिश करता है. नैना मर्डर की खोजबीन शुरू होती है तो शक की सूई नैना के दोस्तों, एक्स बौयफ्रेंड, टीचर से ले कर महिला हितों की पैरवी करने वाले यूथ नेता तुषार सुर्वे (शिव पंडित) तक पहुंचती है. पूरी वेब सीरीज देख कर भी यह पता नहीं चलता कि आखिर नैना का कातिल कौन है. शायद निर्मातानिर्देशक द्वारा इस सस्पेंस को अगले सीजन के लिए बचा कर रखा गया है. यही वजह है कि आखिरी एपिसोड देखने के बाद दर्शकों में एक खीझ भी पैदा होती है.

रोहन सिप्पी निर्देशित इस सीरीज की एक खासियत यह है कि क्राइम की के अपने करिअर और परिवार के बीच तालमेल बिठाने की जद्दोजहद, औरत को कम आंकने की पुरुष सत्तात्मक सोच और उस के मातहत काम करने में आड़े आने वाली मेल ईगो जैसे सामाजिक मुद्दों को बिना किसी भाषणबाजी के सहजता से उठाया गया है. सीरीज की कमजोरी है इस की छानबीन वाला पहलू, जो काफी धीमी गति से आगे बढ़ता है और दर्शकों को निराश भी करता है. हत्या और रेप केस के इनवैस्टिगेशन के तरीके में थ्रिलर वाला रोमांच नहीं है. वहीं राजनीति और नैना की फेमिली वाले सब प्लौट्स में भी ट्विस्ट की कमी खलती है.

एपिसोड नंबर 1                 

42 मिनट के पहले एपिसोड की शुरुआत  एक ऐसे खौफनाक सीन से  होती है, जिस में रात के अंधेरे में सुनसान जगह एक कार एक लड़की का पीछा कर रही है और लड़की छिपने का प्रयास करती है, मगर अगले ही पल कार की हेडलाइट उस के चेहरे पर पड़ती है और फिर चाकू के वार से लड़की ढेर हो जाती है. अगले सीन में नवी मुंबई में अपनी मम्मी के घर रह रही एसीपी संयुक्ता दास (कोंकणा सेन शर्मा) को फोन पर एक डैडबौडी मिलने की खबर मिलती है तो वह घर से निकल जाती है. बताई गई लोकेशन पर जब वह पहुंचती है तो वहां क्राइम ब्रांच के स्टाफ के साथी मिलते हैं, जिन्होंने संयुक्ता को सरप्राइज दे कर बर्थडे पार्टी में बुलाया था.

अगले सीन में कालेज में एक पौलिटिकल पार्टी के फंक्शन की तैयारियां चल रही हैं, जिस में रक्षा (श्रद्धा दास) पहुंच कर तुषार सुर्वे (शिव पंडित) के बारे में पूछताछ करती है. अगले सीन में संयुक्ता की मुलाकात यूपीएससी में 32वीं रैंक लाने वाले एसीपी जय कंवल (सूर्या शर्मा) से होती है, तभी डीसीपी राठी आ कर बताते हैं कि संयुक्ता क्राइम ब्रांच छोड़ कर साइबर ब्रांच अहमदाबाद जा रही है और आज उन का आखिरी दिन है. वह जय के साथ संयुक्ता को भेज कर एक मर्डर केस के इनवैस्टीगेशन करने के लिए भेजते हैं.

अगले सीन में डीसीपी राठी (नावेद असलम) संयुक्ता को नए घर में शिफ्ट होने के लिए गिफ्ट दे कर क्राइम ब्रांच छोड़ कर साइबर ब्रांच में न जाने को कहते हैं, जिस पर संयुक्ता मुसकरा कर कहती हैं कि उसे अहमदाबाद जाना ही होगा. इस एपिसोड में इतने जल्दीजल्दी सीन बदलते हैं कि दर्शकों के दिमाग का दही जम जाता है. इस के आगे उद्धव (सागर देशमुख) और उस की पत्नी पायल के बीच का नोंकझोंक का मजेदार सीन है. पत्नी वाशिंग मशीन को सुधारने के लिए प्लंबर बुलाने को कहती, तभी उद्धव कहता है कि वह बड़ेबड़े ट्रक की रिपेयरिंग कर लेता है, मगर पानी का पाइप खुल जाता है. इसी सीन में पता चलता है कि उन की एक बेटी नैना है, जो उस की दोस्त लावण्या के घर पढऩे गई है.

जय और संयुक्ता कार से केस के इनवैस्टीगेशन के लिए जा रहे हैं और उन के बीच की बातचीत से लगता है कि जय अपने आप को ओवरस्मार्ट समझता है. नई सोच पार्टी के तुषार आता है तो रक्षा फारेस्ट डिपार्टमेंट से मिले ‘सेव मैंगो कैंपेन’ के कागजात पर दस्तखत कराती है. वहीं तुषार 4 हफ्ते बाद होने वाले इलेक्शन कैंपेन के लिए रणनीति बनाता है. घटनास्थल पर स्नीफर डौग स्क्वायड के साथ संयुक्ता और जय पहुंचते हैं तो टीम के सहयोगी उन्हें बताते हैं कि एक हुडी (पैंट) और सेलफोन मिला है.

अगले सीन से पता चलता है कि रक्षा और तुषार के बीच प्यार भी है. कालेज के फंक्शन में युवा नेता तुषार और सीनियर लीडर प्रदीप भोसले की मुलाकात होती है, तब प्रदीप तुषार से इस चुनाव में उसे जिताने की बात करता है और प्रौमिस करता है कि अगले चुनाव में उसे जिताएगा. कालेज के फंक्शन की शुरुआत के पहले संयुक्ता और जय वहां पहुंचते हैं तो पता चलता है नैना मराठे सहित कालेज के 4 स्टूडेंट एब्सेंट हैं. पूछताछ करने की वजह से संयुक्ता रिक्वेस्ट कर के फंक्शन को किसी और दिन कराने को कहती है, जिसे तुषार मान लेता है.

संयुक्ता और जय नैना के घर जाते हैं तो उस की मम्मी बताती है कि नैना कल शाम को लावण्या के घर पढऩे के लिए गई थी और वहां रुक कर कल कालेज जाने वाली थी. उधर सुनील बताता है कि लावण्या और सावंत तो घर पर ही हैं. इधर नैना की मां उद्धव को फोन कर के बताती है कि पुलिस घर पर नैना के संबंध में पूछताछ करने आई है तो उद्धव ओजस के घर जा कर पता करता है. ओजस बताता है कि वह रात में ही घर चली गई थी. अगले सीन में संयुक्ता को फोन कर खदान पहुंचने को कहा जाता है. खदान से एक क्रेन की मदद से निकली कार की डिक्की में नैना की डैडबौडी मिलती है.

नैना की मम्मी पायल के बताए अनुसार तभी उद्धव भी वहां पहुंच जाता है और अपनी बेटी की लाश देख कर फूटफूट कर रोने लगता है. एसीपी संयुक्ता को कार के अंदर तुषार सर्वे की पार्टी का स्टीकर मिलता है. शुरुआत की कहानी में लोचा है. क्राइम ब्रांच पहले ही नैना के घर तहकीकात करने पहुंच जाती है, जबकि उस की डैडबौडी मिलने का सीन बाद का है. यह सब दर्शकों को हजम नहीं होता.

एपिसोड नंबर 2

दूसरा एपीसोड भी 42 मिनट का है, जिस की शुरुआत में नैना की डैडबौडी का पोस्टमार्टम करने वाला डौक्टर संयुक्ता को बताता है कि आंखों में शीशे के टुकड़े मिले हैं और लंग्स में पानी भरने से मौत हुई है. नैना के मम्मीपापा वहां मौजूद हैं, जिन्हें जय भरोसा दिलाता है कि कातिल को छोड़ेंगे नहीं. अगले सीन में डीसीपी राठी संयुक्ता दास को अहमदाबाद जाने के बजाय 48 घंटे का वक्त इस केस के लिए देने को कहते हैं. इस के बाद तुषार सुर्वे को रक्षा बताती है कि उन का वीमेन सेफ्टी कैंपेन का डाटा लीक हो गया है और प्रदीप भोसले उसे आगे बढ़ा कर राजनैतिक फायदा उठाना चाहता है,

तभी संयुक्ता और जय वहां पहुंच कर उन को एक कार की फोटो दिखा कर कहते हैं कि इस कार में आप की पार्टी का स्टीकर लगा था. इस पर साहिल बताता है कि यह कार उन के इलेक्शन कैंपेन में इस्तेमाल हो रही थी. जय जब तल्ख लहजे में तुषार से पूछताछ करता है तो रक्षा उसे धमकाते हुए कहती है कि उस के एक फोन पर उसे हटाया जा सकता है. संयुक्ता उसे ट्रांसपोर्ट मैनेजर से बात करने के बहाने वहां से बाहर भेजती है और तुषार को जांच में सहयोग करने को कहती है. जय को ट्रांसपोर्ट मैनेजर उस कार के ड्राइवर मुकेश की फोटो और नंबर दे देता है.

ड्राइवर मुकेश की तलाश में संयुक्ता और जय उस के अड्ïडे पर बेलापुर जाते हैं. रात के वक्त एक पुरानी बिल्डिंग में जय नीचे और संयुक्ता ऊपरी मंजिल पर उस की तलाश करते हैं, तभी मुकेश कांच की टूटी हुई बोतल से संयुक्ता पर पीछे से हमले करने की कोशिश करता है, जिस में संयुक्ता बालबाल बच जाती है. दोनों में हाथापाई चलती है और उसी दौरान संयुक्ता के पूछने पर मुकेश बताता है कि उस रात वह गाड़ी और चाबी छोड़ कर हास्पिटल आ गया था. संयुक्ता मोबाइल में नैना की फोटो दिखा कर पूछती है कि इसे कालेज में देखा था तो वह बताता है कि उस के साथ खोपड़ी भी था. उसी समय जय आ कर मुकेश पर गोली चला देता है. वह उठ कर पीछे की तरफ कदम बढ़ाते हुए भागने की कोशिश में अगले ही पल छत से नीचे गिर जाता है.

इस के बाद दूसरे दिन सुबह घर पर संयुक्ता की मां उसे उलाहना देती है कि वह दफ्तर के काम में इतनी व्यस्त रहती है कि उसे पति भीष्म और बेटी माही का खयाल ही नहीं है. नैना के मर्डर की ब्रेकिंग न्यूज चलने के बाद तुषार सुर्वे और रक्षा संयुक्ता से मिल कर कहते हैं कि उन्हें भी मीडिया को स्टेटमेंट देना होगा, इस पर इनवैस्टीगेशन का हवाला दे कर संयुक्ता उन्हें रोकती है. जय नैना के सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ फोटो दिखाते हुए संयुक्ता से कहता है कि नैना ओजस अधिकारी से प्रेम करती थी, बाद में ब्रेकअप हो गया और नैना ने जब उसे इग्नोर किया तो जरूर उस दिलजले ने नैना का काम तमाम कर दिया होगा.

उधर से भीष्म फोन कर के नाराजगी दिखाते हुए कहता है कि ‘तुम्हारे अहमदाबाद न आने से माही के स्कूल का ओरिएंटेशन मिस हो गया, तुम न आ पा रही तो गृह प्रवेश का प्रोग्राम कैंसल कर दे रहा हूं.’

इस पर संयुक्ता कहती है कि उस ने आने के लिए परसों की फ्लाइट टिकट बुक कर ली है. तुषार और रक्षा जाह्नवी के घर जा कर उस की पार्टी से अलायंस का प्रपोजल रखते हैं. जाह्नवी अपने मैडिकल कालेज को लाइसेंस देने की शर्त पर अलायंस के लिए तैयार हो जाती है. जय कालेज के रंधीर से कालेज फेस्ट के फोटो ले कर संयुक्ता को दिखाता है. ओजस और लावण्या से भी पूछताछ होती है.

पूछताछ में पता चलता है कि ओजस कालेज में ड्रग्स सप्लाई करता था. उस दिन मजे लेने के लिए ड्राइवर मुकेश को ड्रग्स फूंकने को दिया और वह वोमेटिंग करने लगा और फिर वहां से गायब हो गया. पूछताछ के दौरान ओजस के पेरेंट्स आ कर आपत्ति जताते हुए कहते हैं कि उन के लायर की उपस्थिति में ही पूछताछ होगी. इस पर संयुक्ता उन्हें क्राइम ब्रांच आने को कहती हैं, लेकिन जय ओजस का सेलफोन ले लेता है. जय को कालेज के वाशरूम में एक लड़का दिखता है, जिस के हाथ में खोपड़ी वाला टैटू बना हुआ है. ओजस के मोबाइल में मिले फोटो में भी वही लड़का दिखता है.

अगले सीन में रात के अंधेरे में जय और संयुक्ता कालेज में अलगअलग जगहों पर तलाशी करते हैं, जहां नैना का आईडी कार्ड मिलता है और एक गद्दे पर खून के निशान के साथ दीवारों पर लिखी इबारत मोबाइल में मिली फोटो से मेल खाती है. नैना के पेरेंट्स टीवी चैनल पर न्यूज में सुनते हैं कि तुषार सुर्वे की कार में नैना का मर्डर और रेप हुआ है. इलेक्शन कैंपेन, पार्टियों के साथ अलायंस जैसे सीन जिस तरह से फिल्माए गए हैं, वह कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं. वेब सीरीज में इनवैस्टीगेशन जिस तरह से दिखाई गई है, वह दर्शकों को उबाऊ लगता है.

एपिसोड नंबर 3

37 मिनट के तीसरे एपिसोड की शुरुआत होती है कालेज की उसी बेसमेंट में बने रेस्टरूम से जहां फोरैंसिक एक्सपर्ट गद्दों पर मिले खून के निशान के नमूने ले रहे हैं. जय संयुक्ता से कहता है कि उसे गार्ड ने बताया है कि यह स्थान कालेज के स्वीपरों के रुकने के लिए था, जिसे स्टूडेंट्स ने अपना पर्सनल रेस्टरूम बना लिया था. वह आगे कहता है कि आरव और ओजस उस रात कहां थे, वे नहीं बता पा रहे, इसलिए मेरी मानो तो कांड यहीं पर हुआ है. उद्धव के घर एक छोटा लड़का तनु के बर्थडे पर केक बना रहा है. उद्धव उसे गोद में ले कर बर्थडे सौंग गाने को कहता है, तभी पायल आ कर बच्चे को अंदर भेज  कर कहती है कि मुझे पुलिस की काररवाई पर भरोसा नहीं है.

अगले सीन में तुषार और साहिल न्यूज देखते हैं, जिस में प्रदीप भोसले मीडिया से कह रहा है कि तुषार जैसा अपराधी चुनाव में खड़ा भी नहीं होना चाहिए. तभी रक्षा आ कर बैड न्यूज सुनाती है कि जाह्नवी और प्रदीप भोसले की पार्टी का अलायंस हो गया है. कैंपेन मैनेजर साहिल तुषार से कहता है कि सोशल मीडिया पर इंटरव्यू कर के सच्चाई पब्लिक को बताएंगे, तभी तुषार सुर्वे मुर्दाबाद के नारे लगाती भीड़ उन के दफ्तर में घुस आती है और तुषार के चेहरे पर कालिख पोत देती है.

डीसीपी राठी न्यूज लीक होने पर संयुक्ता और जय को फटकार लगाते हुए कहता है कि मीडिया का टारगेट पुलिस न बने. रक्षा साहिल पर शक करती है, मगर तुषार कहता है साहिल उस के बचपन का दोस्त है और मुझे उस पर पूरा भरोसा है. उस के बाद तुषार धीरेन को फोन कर के कुछ पता लगाने की बात करता है. मीडिया के सवाल पूछने पर डीसीपी राठी बताते हैं कि अपराधी को जल्द पकड़ लिया जाएगा और केस सौल्व होने तक एसीपी क्राइम ब्रांच छोड़ कर नहीं जाएंगी. तीसरे दिन तुषार सोशल मीडिया पर लाइव आ कर नैना की हत्या को दुखद बताते हुए महिलाओं की सुरक्षा पर बात करता है और पब्लिक से कमेंट करने को कहता है.

उधर संयुक्ता को फोन पर भीष्म कहता है कि मुझे न्यूज से पता चला कि तुम नहीं आ रही. वह गुस्से में कहता है कि तुम्हें हसबैंड की बजाए एक कांस्टेबल की जरूरत है. क्राइम ब्रांच में संयुक्ता और जय नैना के पेरेंट्स से पूछताछ करते हैं, तब पता चलता है कि उस की मम्मी को नैना की लाइफ के बारे में कुछ भी पता नहीं है, मगर पिता उद्धव बताते हैं कि ओजस उस का बौयफ्रेंड था. तुषार एक व्यक्ति को पैसे दे कर यह जानकारी जुटा लेता है कि उस के औफिस से साहिल के अकाउंट से जानकारी भोसले को भेजी गई है. लावण्या और आरव से संयुक्ता और जय सघन पूछताछ करते हैं, जिस में उन के बयान संदेहास्पद लगते हैं.

दोनों यह स्वीकार करते हैं कि फेस्ट के दौरान कालेज में बेसमेंट में वे स्मोकिंग के लिए गए थे. संयुक्ता आरव को बताती है कि नैना की लास्ट फोटो बेसमेंट में उस के साथ मिली है. जय फिर से संयुक्ता को अपनी कहानी सुना कर कहता है कि ओजस और आरव ने ही नैना का रेप कर के मर्डर किया है और गाड़ी में लाश ले कर गाड़ी को पानी में फेंक दिया होगा. मगर संयुक्ता इसे नकार कर कहती है कि नैना फेस्ट में जिस कास्ट्यूम में थी, लाश अलग कास्ट्यूम में मिलती है और ओजस के साथ ब्रेकअप के बाद वह बेसमेंट में उस के साथ क्यों जाएगी. अगले सीन में प्रोफेसर रंधीर नैना के घर पहुंच कर बताते हैं कि नैना और मेरे बीच ऐसी पुस्तकों का आदानप्रदान होता था, जो अभी तक किसी ने पहले पढ़ी न हो. प्रोफेसर एक पुस्तक नैना की मां को देते हैं.

यह सीन भी यहां दर्शकों को बोर करता है. सीनियर अफसर संयुक्ता को नैना की रिपोर्ट दिखाते हैं, जिस में लिखा है कि उस ने किसी तरह का ड्रग्स या अल्कोहल नहीं लिया था. वह जय की थ्योरी पर नाराजगी जताते हुए संयुक्ता को बेस्ट औफीसर मानते हैं. इधर ओजस के लायर की उपस्थिति में जब जय सख्ती से पूछताछ करता है तो लायर आब्जेक्शन करता है. संयुक्ता को ओजस पूछताछ के दौरान बताता है कि नैना कई दिनों से अजीब बिहेव कर रही थी और फेस्ट की रात भी किसी से फोन पर बात कर रही थी, इस वजह से मेरा उस से झगड़ा हुआ था. ओजस के ज्यादा शराब पीने की वजह से उस की कार कालेज में रात भर खड़ी रहती है, मगर 3 बजे रात को आरव की गाड़ी ओजस के घर के सामने सीसीटीवी कैमरे में दिखती है. इस सवाल पर वह कुछ बताने की बजाय बुरी तरह रोने लगता है.

तभी उस का लायर उसे ले कर चला जाता है. इस के बाद इनवैस्टीगेशन के तौरतरीकों को ले कर संयुक्ता और जय में तीखी झड़प होती है. जय एक पार्टी में जाता है, वहां कालेज के 2 लड़कों से दोस्ती बढ़ा कर उन से नैना के बारे में तहकीकात करता है तो उसे नैना के साथ संबंध का एक वीडियो मिलता है. इधर रक्षा और तुषार साहिल पर प्रदीप भोसले के लिए काम करने का आरोप लगाते हैं. संयुक्ता अपनी बेटी माही के लैपटाप में उस की नंगी तसवीरें देख कर उसे डांटती है तो वह भी मम्मी को उस की केयर न करने की शिकायत करती है. दोनों के बीच कहासुनी चल रही होती है, उसी दौरान जय फोन कर के उसे औफिस बुला कर नैना का वह वीडियो दिखाता है. जय को पार्टी में अनजान लड़के जिस तरह नैना के सीक्रेट बता देते हैं, यह समझ से परे है.

एपिसोड नंबर 4

33 मिनट के चौथे एपिसोड की शुरुआत में बताया गया है कि रात के समय संयुक्ता जय के साथ औफिस में नैना के उस वीडियो को देखते हैं और कब चौथे दिन की सुबह हो जाती है, उन्हें पता भी नहीं चलता. इधर नैना की मम्मी पायल मीडिया के सामने इंसाफ की मांग करती है. रक्षा तुषार के साथ जाह्नवी से मिल कर उस के ब्रिटिश आइसलैंड में करोड़ों रुपए होने की जानकारी का हवाला दे कर अपनी पार्टी के साथ अलायंस करने पर मजबूर कर देती हैं. फोरैंसिक रिपोर्ट में पता चलता है कि स्टोर रूम में मिले ब्लड सैंपल का ग्रुप-ओ पौजिटिव है, जबकि नैना का ब्लड ग्रुप-बी पौजिटिव था. रिपोर्ट में यह भी पता चलता है कि नैना के बालों से मिले कांच के टुकड़े स्टोररूम में मिले कांच के टुकड़ों से मैच नहीं कर रहे.

इस से संयुक्ता समझ जाती है कि डीपफेक की मदद से नैना का चेहरा जोड़ कर वह वीडियो बनाया गया है. संयुक्ता अब ओ पौजिटिव ग्रुप वाली लावण्या से सख्ती से पूछताछ करती है तो वह बताती है कि उस रात ओजस और आरव के साथ बेसमेंट से नैना नाराज हो कर जाने लगी तो मैं ने उसे समझाया, मगर उस ने कहा कि ओजस अच्छा लड़का नहीं है. उस ने नैना के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी, इसलिए उस से ब्रेकअप हुआ था. लावण्या ओजस को चाहती थी. नैना के जाने के बाद ओजस उस के साथ स्टोररूम में इंटीमेट होना चाह रहा था, तभी लावण्या को दिखाई देता है कि  आरव रिकौर्डिंग कर रहा है.

वह कांच की बाटल फोड़ कर अपने हाथ में मार लेती है. तब आरव ने प्रौमिस किया था कि वीडियो डिलिट कर देगा, मगर फिर डीपफेक ऐप से एडिट कर के उसे वायरल कर दिया. लावण्या ने नैना के बदलाव की जानकारी देते हुए बताया कि वह कालेज भी कम आती थी और उस के घर भी लेट नाइट आती थी. उस के पास दूसरा सेलफोन भी था, जिस पर किसी के कौल आते थे. लावण्या एक जर्नी टिकट भी संयुक्ता को देती है, जो उस जगह का था, जहां अकसर नैना जाती थी. कहानी में नैना, लावण्या, ओजस, आरव जैसे किरदारों को रहस्यमयी तरीकों से दिखाया गया है, जिस में दर्शक उन के बारे में कोई राय कायम नहीं कर पाते.

उधर जय ओजस को कार में बिठा कर खदान के पास ले जा कर टौर्चर कर के उस से सच उगलवाना चाहता है, मगर सीनियर अफसर का फोन आ जाता है. दफ्तर में उसे डांटते हुए डीसीपी राठी कहता है कि ओजस का बाप सीएम का सर्जन है. वह चेतावनी देते हुए केयरफुल तरीके से केस सौल्व करने का निर्देश देता है. अगले सीन में जय और संयुक्ता की इस बात को ले कर झड़प होती है कि वे एकदूसरे को कुछ बताते नहीं है. संयुक्ता अपनी गलती मान लेती है और जय को कौफी दे कर बताती है कि उस रात क्या हुआ था. उस रात नैना अपने साथ कपड़े ले कर कहीं जाने वाली थी. उस का फोन 8 बजे डिस्चार्ज हुआ, लेकिन उस ने चार्ज नहीं किया, क्योंकि उस के पास दूसरा फोन था.

साथ ही वह किसी ऐसे व्यक्ति से मिलने जा रही थी जो कालेज फ्रेंड से अलग कोई उम्रदराज या शादीशुदा व्यक्ति था. उसी समय जय एक बैग निकाल कर देते हुए बताता है कि यह बैग शिंदे को नैना के कबर्ड से मिला है. यह बैग जरूर उस आदमी ने दिया होगा, जिस से मिलने नैना जाती थी. नैना के पेरेंट्स को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. बातचीत के दौरान जय कहता है कि जिन के मांबाप स्ट्रिक्ट रहते हैं, उन के बच्चे झूठे होते हैं. इस पर संयुक्ता अपनी बेटी को याद कर जय से बोल कर कुछ समय के लिए घर चली जाती है. इधर पायल के पिता उद्धव को भलाबुरा कह कर इस का जिम्मेदार उसे ही ठहराते हैं. उधर संयुक्ता का बेटी से झगड़ा होता है तो बेटी उस पर तुषार सुर्वे को प्रोटेक्ट करने का आरोप लगाती है.

इसी दौरान वह बेटी का मोबाइल ले कर तसवीरों के बारे में पूछती है तो बेटी दरवाजा बंद कर लेती है. संयुक्ता उस का डाटा चैक करना चाहती है, मगर पासवर्ड बदल जाने से नहीं देख पाती. वह स्टाफ के केतन को बिना पासवर्ड बताए स्क्रीन अनलौक करने के बारे में पूछती है. इधर नैना के घर से उस की अर्थी उठ रही है. अगले सीन में जय संयुक्ता को ले कर जाता है, वहां किसी ऐप के बारे में बताता है कि कालेज स्टूडेंट इस ऐप के एडिक्ट हैं और नैना के मोबाइल में भी यह ऐप थी, जिस में कालेज प्रोफेसर रंधीर से नैना की प्राइवेट चैट मिली है. जय बताता है कि प्रोफेसर रंधीर रंगीनमिजाज आदमी है, पहले भी एक कालेज में इस का स्टूडेंट के साथ अफेयर रहा था. जब दोनों रंधीर के घर जाते हैं तो उस की वाइफ सुप्रिया से पूछताछ करते हैं.

संयुक्ता वाशरूम जाने के बहाने अंदर तहकीकात करती है, जहां उसे प्लास्टिक का एक ऐसा बैंड मिलता है, जो नैना की बौडी में बंधा हुआ था. यहीं पता चलता है कि रंधीर का तुषार सुर्वे से भी संबंध है. इधर उद्धव को जब रंधीर के नैना से कनेक्शन का पता चलता है तो वह भी कुछ करने की योजना बनाता है.

एपिसोड नंबर 5

33 मिनट के पांचवें एपिसोड की शुरुआत होती है प्रोफेसर रंधीर झा की गिरफ्तारी से. उन्हें नैना के मर्डर के आरोप में क्राइम ब्रांच लाया जाता है, जहां पर उन से पूछताछ होती है. उस के पहले उन की पत्नी सुप्रिया, गार्ड, मेड और पड़ोसियों के बयान के आधार पर संयुक्ता और जय का शक रंधीर पर गहरा जाता है. रंधीर बताता है कि उस रात नैना उस के घर आई तो थी, मगर घर के बाहर से ही मुझे बुक दे कर और बाहर पार्किंग में साइकिल छोड़ कर निकल गई थी. रंधीर भरोसे के साथ कहता है कि उस ने नैना को न कोई फोन दिया है और न ही उस के साथ कोई ऐसा रिश्ता है. तभी संयुक्ता की मां फोन पर माही के घर पर न होने की जानकारी देती है.

संयुक्ता माही के बौयफ्रेंड के आईपी एड्रेस को ट्रेस कर माही तक पहुंच जाती है. रास्ते में कार में दोनों की बहस होती है, जिस में माही उसे सेल्फिश कहती है. रास्ते में झड़प के दौरान माही भरोसे से कहती है कि मैं गलत नहीं हूं. उस के बाद घर में जब माही सो रही होती है, तब संयुक्ता ‘आई ट्रस्ट यू ऐंड आई लव यू’ लिखी एक परची लगा कर मोबाइल उस की टेबल पर रख कर वापस कर देती है. इधर संयुक्ता के साथ पूरी टीम रंधीर के घर की तलाशी ले कर सबूत इकट्ठा करने में लगी है.

इसी दौरान फर्श पर खून के निशान मिलते हैं, उसी समय डीसीपी राठी उन्हें औफिस बुला लेता है. पार्टी अलायंस की मीटिंग में रंधीर झा को ले कर जाह्नïवी द्वारा आपत्ति की जाती है और टीवी चैनल की डिबेट में भी प्रदीप भोसले तुषार पर वीमेन सेफ्टी का दिखावा करने का आरोप लगा कर उसे भी दोषी मानता है. क्राइम ब्रांच के दफ्तर में संयुक्ता की आंखों के सामने रंधीर को छोड़ दिया जाता है. डीसीपी उसे बगल के कमरे की तरफ (जहां जय एक लड़का और लड़की से पूछताछ कर रहा है) इशारा करते हुए कहते हैं कि रंधीर के घर मिला खून किसी और का है.

संयुक्ता उन के पास जाती है तो साक्षी और अमृत नाम के कपल उस रात की कहानी बताने लगते हैं. अमृत और साक्षी एकदूसरे को प्रेम करते थे, मगर अलगअलग जातियों के होने के बावजूद उन के घर वाले राजी नहीं थे. शादी करने के बाद साक्षी को उस की बहन ने बताया कि उस के बाबा उसे खोज रहे हैं और उसे वे बहुत मारेंगे. इस वजह से दोनों हेल्प के लिए रंधीर सर के पास पहुंचते हैं, मगर डर के मारे साक्षी अपना हाथ काट लेती है. खून बहता देख रंधीर उन्हें हौस्पिटल ले जाता है. यह सीन बनावटी सा ज्यादा लगता है. कहानी के हिसाब से कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाया है.

डीसीपी राठी इनवैस्टीगेशन की इस तरह के तरीके पर सवाल उठाते हुए संयुक्ता को इस केस को छोड़ कर अहमदाबाद जाने को कहते हैं. जाह्नवी तुषार को कहती है कि रंधीर झा की वजह से उस की पार्टी के 17 एमएलए पार्टी छोड़ कर दूसरी पार्टी बना रहे हैं. इस से तुम्हारे करिअर पर गलत प्रभाव पड़ेगा, तभी साहिल आ कर बताता है कि रंधीर को क्राइम ब्रांच ने क्लीन चिट दे दी है. संयुक्ता केस छोड़ कर जाने को होती है, तभी जय उसे हाफ डे का बोल कर फिर से जांच शुरू करने को कहता है. जय और संयुक्ता अब दूसरे एंगल से फिर एक पेट्रोल पंप के फुटेज देखते हैं, तभी संयुक्ता फोन आने की वजह से घर आ जाती है.

घर पर भीष्म मुंबई आ जाता है और संयुक्ता को कल की फ्लाइट से अहमदाबाद चलने को कहता है तो संयुक्ता भी राजी हो जाती है. इधर जय पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज से मिले इनपुट को संयुक्ता को भेजता है, जिस में पता चलता है कि उस कैंपेन वाली कार को ले कर उद्धव का पार्टनर विनायक ले कर आया था.

एपिसोड नंबर 6

30 मिनट के आखिरी एपिसोड की शुरुआत में जय और संयुक्ता विनायक मोरे के घर तलाशी के लिए पहुंचते हैं, जहां उन्हें नैना के फोटोग्राफ और लव लेटर मिलता है. संयुक्ता को नैना की मां बताती है कि उद्धव विनायक को भाई की तरह समझता था. विनायक मूवर्स ऐंड पैकर्स के इस काम को और आगे बढ़ाने में नंबर 2 का पैसा लगाना चाहता था, वह उद्धव को मंजूर नहीं था. जय संयुक्ता को विनायक की बैकग्राउंड हिस्ट्री बताता है कि उद्धव और विनायक गुंडागर्दी करते थे. संयुक्ता की मम्मी फोन कर के उस से भीष्म के साथ अहमदाबाद जाने के लिए कहती है. संयुक्ता केतन से विनायक की चैट हिस्ट्री चैक करने को कहती है, तभी भीष्म फोन कर के संयुक्ता को 9 बजे एयरपोर्ट के लिए निकलने को कहता है.

संयुक्ता काम का हवाला दे कर उस से कहती है कि वह सीधे एयरपोर्ट पहुंच जाएगी. रात को औफिस के बाहर तुषार संयुक्ता से मिल कर आश्वस्त होना चाहता कि अब तो कोई दिक्कत उस की पार्टी को नहीं आएगी. जय फिर संयुक्ता को एक कहानी गढ़ कर सुनाता है कि नैना का मर्डर विनायक ने ही किया, मगर संयुक्ता बिना प्रूफ के इसे मानने को तैयार नहीं होती. संयुक्ता जय के पूछने पर बताती है कि उस की एक गलती की वजह से 3 साल पहले एक निरपराध की जान चली गई थी, इस वजह से वह बिना गोली के गन रख कर काम करती है. वह समाज के उस कल्चर को भी दोषी मानती है कि समाज लड़कियों को सुरक्षित रहने को कहता है, मगर लड़कों से कुछ नहीं कहता.

संयुक्ता को नैना के मोबाइल में एक ऐप के जरिए की गई काल हिस्ट्री मिलती है, जिस में देर रात उस को एक आईडी से काल किए जाते थे. छठवें दिन की सुबह रक्षा ग्राउंड में एक्सरसाइज कर रही है और साहिल वहां पहुंच कर रक्षा को मनाने की कोशिश करता है. संयुक्ता से केतन आईपी एड्रेस न मिलने की बात कहता है तो संयुक्ता उसे कालेज के सीसीटीवी फुटेज फिर से चैक करने को कहती है, तभी डीसीपी उस के पास आ कर कहते हैं कि तुम्हारी फ्लाइट तो मिस नहीं हो जाएगी? इस पर संयुक्ता कहती है कि प्रूफ ढूंढने की कोशिश कर रही हूं. इधर उद्धव गोडाउन में विनायक को बांध कर उसे मारने दौड़ता है, मगर विनायक उसे लात मार कर गिरा देता और भागने की कोशिश करता है.

जैसे ही वह अपना मोबाइल औन करता है, जय उस की लोकेशन ट्रेस कर उस के पीछे जाता है. डीसीपी संयुक्ता को अहमदाबाद जाने को कहते हैं. इधर भीष्म और माही एयरपोर्ट पर बैठे हैं, तभी संयुक्ता भी आ जाती है. फ्लाइट की अनाउंसमेंट होते ही वे उठ कर जाने लगते हैं, तभी केतन फोन कर के बताता है कि विनायक की काल डिटेल्स में विनायक पेट्रोल पंप पर तो गया था, मगर कालेज और खदान पर नहीं गया था. वह जय को फोन करने को बोलती है. जय विनायक की लोकेशन पर पहुंचता है.  वहां उद्धव और विनायक में हाथापाई होती है. विनायक उद्धव को मारने से पहले बताता है कि वह नैना को चाहता था, मगर नैना ने मना किया तो वह पीछे हट गया था.

जैसे ही विनायक उद्धव को मारने को होता है, तभी जय उस पर गोली चला देता है. मरने से पहले विनायक कहता है कि उस ने नैना का खून नहीं किया है. इधर भीष्म और माही के साथ संयुक्ता फ्लाइट में चढऩे जाने ही वाली थी कि रक्षा फोन कर के बताती है कि उस ने झूठ बोला था, वह मर्डर वाली रात तुषार के साथ नहीं थी. उस रात नैना हमारी पार्टी के डिनर पर आई थी और तुषार से मिली थी. रक्षा यह भी बताती है कि क्राइम सेल का कोई आदमी तुषार की मदद कर रहा है. संयुक्ता के प्रूफ मांगने पर रक्षा उसे कुछ भेज कर मोबाइल चैक करने को कहती है. फ्लाइट की फाइनल कौल होते ही भीष्म संयुक्ता को बुलाता है, मगर वह बस देखती रह जाती है और विमान उड़ जाता है. यहां भी कुछ अधूरापन सा लगता है कि कैसे भीष्म और माही फ्लाइट में चले जाते हैं और संयुक्ता रह जाती है.

संयुक्ता दोबारा फिर से क्राइम ब्रांच औफिस आ जाती है और एक बार फिर से नैना के मर्डर की तहकीकात में जुट जाती है. रक्षा द्वारा भेजे गए वीडियो में नैना तुषार से मिलते हुए दिखाई देती है. उद्धव पुलिस हिरासत में संयुक्ता के सामने एक बार फिर इस मर्डर केस के किरदार एकएक कर के सामने आने लगते हैं. आखिरी एपिसोड की एंडिंग दर्शकों को निराश करती है. 6 एपिसोड के साढ़े 3 घंटे सिर खपाने के बाद दर्शकों को कुछ खास हासिल नहीं होता. इतनी मशक्कत के बाद भी कातिल का पता न लगना यह साबित करता है कि लेखकों ने यह सस्पेंस अगले सीजन के लिए बचा कर रखा है.

कोंकणा सेन शर्मा

बंगाली परिवार में 3 दिसंबर, 1979 को जन्म लेने वाली कोंकणा विज्ञान लेखक और पत्रकार मुकुल शर्मा, अभिनेत्री और फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन की बेटी है. कोंकणा ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई मौडर्न हाईस्कूल फौर गल्र्स, कलकत्ता में की है. कोंकणा ने अपनी स्नातक की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेन कालेज से पूरी की है. कोंकणा की शादी रणवीर शौरी से हुई है, उस के एक बेटा भी है जिस का नाम हारुन सेन शौरी है.

कोंकणा ने अपने करिअर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में फिल्म ‘इंदिरा’ से की थी. साल 2000 में उस ने फिल्म अभिनेत्री के रूप में बंगाली फिल्म ‘एक जे आछे कन्या’ से शुरुआत की, जिस में उस ने एक नकारात्मक चरित्र निभाया था. इस के बाद वह रितुपर्णो घोष की बहुप्रशंसित फिल्म तितली में मिथुन चक्रवर्ती और अपनी मम्मी अपर्णा सेन के अपोजिट नजर आई थी. कोंकणा को इंडस्ट्री में पहचान फिल्म ‘मिस्टर ऐंड मिसेज अय्यर’ में मीनाक्षी अय्यर के रूप में मिली, उसे इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया. इस फिल्म का निर्देशन उन की मम्मी अपर्णा सेन के द्वारा किया गया था. इस फिल्म के बाद कोंकणा फिल्म जगत की जानीमानी अभिनेत्री बन गई थी.

इस के बाद वह मधुर भंडारकर की फिल्म ‘पेज 3’ में एक पत्रकार के किरदार में नजर आई. इस फिल्म में उस की बेहतरीन अदाकारी को देख आलोचक भी उस से बिना प्रभावित हुए बिना रह नहीं सके. यह फिल्म उसे दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने में कामयाब रही. साल 2006 में फिल्म ‘ओमकारा’ में एक गरीब अधेड़ महिला का किरदार निभा कर कोंकणा ने एक बार फिर अपने प्रशंसकों को काफी प्रभावित किया था. उसे इस फिल्म के फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था. इस के बाद कोंकणा ने रितुपर्णो घोष के बंगाली कला फिल्म ‘दोसर’ में अभिनय किया, जिस का पहला प्रदर्शन कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में किया गया.

इस फिल्म के लिए उसे महिंद्रा इंडो-अमेरिकन आर्ट काउंसिल (रूढ्ढ्र्रष्ट) फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस के बाद वह फिर मधुर भंडारकर की एक फिल्म ‘ट्रैफिक सिगनल’ में दिखाई दी. इस फिल्म में वह एक वेश्या के किरदार में नजर आई थी. 2007 में आई उन की दूसरी फिल्म अनुराग बासु की ‘लाइफ इन ए… मेट्रो’ थी, यह फिल्म बौक्स औफिस पर अच्छीखासी कमाई करने में कामयाब रही थी.  इस फिल्म में मुंबई के अलगअलग लोगों के जीवन का चित्रण किया था और कोंकणा की भूमिका एक जवान और असुरक्षित महिला की थी, जिस के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.

2007 के आखिर में कोंकणा ने यशराज फिल्म्स बैनर के अंतर्गत 2 फिल्मों में अभिनय किया. पहली फिल्म प्रदीप सरकार निर्देशित ‘लागा चुनरी में दाग’ थी. यह फिल्म बनारस की पृष्ठभूमि पर आधारित थी. दूसरी फिल्म थी माधुरी की कमबैक फिल्म ‘आ जा नच ले’. इस फिल्म में कोंकणा बतौर सपोर्टिंग एक्ट्रेस नजर आई थी. 2008 में कोंकणा ने ‘दिल कबड्डी’ में अभिनय किया. उस ने एक लघु फिल्म ‘हाउ कैन इट बी?’ में भी काम किया, जिस का निर्देशन मीरा नायर ने किया था और इसे रिलीज करने से पहले 2008 के कई फिल्म समारोहों में दिखाया गया था. 2009 में वह एक कम बजट की अंगरेजी फिल्म ‘द प्रेसिडेंट इज कमिंग’ में दिखाई पड़ी, जिस का निर्देशन कुणाल राय कपूर ने किया था.

इस के बाद कोंकणा जोया अख्तर की फिल्म ‘लक बाइ चांस’ में फरहान अख्तर के अपोजिट नजर आई, लेकिन बौक्स औफिस पर फिल्म को प्रत्याशित सफलता नहीं मिली. इस के बाद सेन 2009 में अयान मुखर्जी की रोमानी हास्य फिल्म ‘वेकअप सिड’ में रणबीर कपूर के संग रोमांस करती हुई नजर आई. 2010 में कोंकणा ने अश्विनी धीर की फिल्म ‘अतिथि तुम कब जाओगे’ में अजय देवगन और परेश रावल के साथ काम किया. यह एक कौमेडी ड्रामा फिल्म थी. 2013 में वह एकता कपूर की फिल्म ‘एक थी डायन’ में नजर आई. कोंकणा सेन की आने वाली फिल्मों में ‘गौर हरि दास्तां- द फ्रीडम फाइल’, ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरका’, ‘तलवार’ और ‘कादंबरी’ शामिल हैं.

सूर्या शर्मा

सूर्या शर्मा का जन्म 27 फरवरी, 1990 को हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में हुआ था. हिमाचल प्रदेश के रहने वाले ऐक्टर सूर्य शर्मा बौलीवुड में लंबी दूरी तय कर अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब हुआ है. सूर्या शर्मा ने रिया कपूर की फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ और सुधीर मिश्रा की वेब सीरीज ‘होस्टेज’ में अपने अभिनय का परचम लहराया. उस के अभिनय की तारीफ निर्देशक अनुराग कश्यप और ऐक्टर सुधीर मिश्रा भी कर चुके हैं. 2025 में रिलीज ‘सलाकार’ वेब सीरीज में सूर्या शर्मा ने कर्नल अशफाक उल्लाह का किरदार निभा कर अपनी ऐक्टिंग का लोहा मनवाया था. उस की अदायगी आप को यकीनन उस से नफरत करने पर मजबूर कर देती है.

इस नेगेटिव किरदार को सूर्या शर्मा ने बड़ी शिद्दत से निभाया है. जियो हौटस्टार पर अक्तूबर में रिलीज हुई वेब सीरीज ‘सर्च’ में एसीपी जय कंवल के रूप में भी उस की ऐक्टिंग काबिलेतारीफ है. सूर्या की ऐक्टिंग की शुरुआत 2015 में जी टीवी के रोमांटिक शो ‘काला टीका’ से हुई, जिस में उस ने आर्यन नाम का किरदार निभाया था. इस पहले टीवी ब्रेक मिलने से पहले उसे लगभग 800 से 900 औडिशंस देने पड़े और उस 2 मिनट के छोटे रोल के लिए 1,500 रुपए मिले थे. 2019 में उस ने वेब सीरीज ‘होस्टेजेस’ में प्रिंस का किरदार निभा कर दर्शकों का ध्यान खींचा. 2020 में सीरीज ‘अनदेखी’ में वह रिंकू बना नजर आया. यह किरदार उस के लिए एक मील का पत्थर बन गया और उसे बेस्ट नेगेटिव रोल का खिताब भी मिला.

सूर्या मानता है कि अभिनय में कोई रोल छोटा या बड़ा नहीं होता. सिर्फ एक सही रोल ही आप के लिए गेमचेंजर बन सकता है. उस के पेरेंट्स ने हर कदम पर उस का समर्थन किया. खासकर उस के पिता कहा करते थे कि ‘घिसोगे नहीं तो चमकोगे कैसे’. उनकी इन पंक्तियों ने उसे हर वक्त इंस्पायर किया. 9 दिसंबर, 2023 को सूर्या ने पूर्व मिस इंडिया मानसी मोघे से शादी की. दोनों को 11 मार्च, 2025 को एक बेटा भी हुआ. सूर्या ट्रैवलिंग, पेंटिंग और फिटनैस का शौकीन है. वह सादा खाना पसंद करता है और फिट रहने के लिए रनिंग करना पसंद करता है. Web Series Search

 

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