Rashtrapati Bhavan: भारत, अमेरिका और फ्रांस के राष्ट्रपति भवन की खूबियों    की तरह तुर्की में बने नए राष्ट्रपति भवन ने भी दुनिया की आलीशान इमारतों में प्रमुख स्थान हासिल कर लिया है. इतना ही नहीं, यह दुनिया के सब से बड़े लग्जरी पैलेस के रूप में जाना जाता है. दशकों पूर्व विशाल राष्ट्रपति भवन की बात आती थी तो भारत के राष्ट्रपति भवन का नाम लिया जाता था. यह भवन पहले वायसराय हाउस था. इस का निर्माण 1912 में शुरू हो कर 1929 में पूरा हुआ, यानी 2 लाख वर्गफुट में बने इस भवन के 340 कमरों को बनाने में 18 साल लगे थे.

इस विशाल भवन को बनाने में 70 करोड़ ईंटें और 30 लाख क्यूबिक फुट स्टोन का इस्तेमाल किया गया था. इस के निर्माण व वास्तुकला में भारतीय, रोमन, बौद्ध, मुगल और यूरोपियन कलाकारों की मेहनत दिखाई देती है. 26 जनवरी, 1950 को जब डा. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने, तब इस वायसराय हाउस को राष्ट्रपति भवन का नाम दिया गया था. विश्व के प्रमुख राष्ट्रपति भवनों की चर्चा होती है तो वाशिंगटन स्थित अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है. 14 हजार 280 वर्गफुट में बनी इस इमारत के बनने की शुरुआत सन 1792 में हुई थी और यह 9 साल में बन कर तैयार हुआ था.

इस भवन में 132 कमरे हैं. मेहमानों के ठहरने के लिए यहां 16 गेस्टरूम हैं. पूरी इमारत एक्वा क्रीक सैंडस्टोन से बनी है. यह खास तरह का पत्थर होता है, जो भूरे व सफेद रंग का होता है. सन 1812 के युद्ध में ब्रिटिश सेना ने भवन को जला दिया था. बाद में इस क्षतिग्रस्त इमारत का पुनर्निर्माण सन 1829 तक पूरा हुआ. इस भव्य भवन के पत्थरों की पुताई पर 1136 लीटर आयल पेंट खर्च होता है.

अमेरिका के व्हाइट हाउस के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति भवन ‘पैलेस द एल्सी’ की भी सफेद सोने की नक्काशी की वजह से अलग पहचान है. फ्रांस की राजधानी पैरिस में स्थित यह भवन पहले एक होटल था. इस का निर्माण 1718 से 1722 तक किया गया था. सन 1871 के बाद यह होटल राष्ट्रपति भवन कहलाया. इस भवन में 3 फ्लोर हैं, 7 बडे़ हाल हैं, जिन की साजसज्जा में भारी मात्रा में सफेद सोने की नक्काशी की गई है. उस नक्काशी में फ्रांस की संस्कृति साफ दिखाई देती है. लेविश डेकोरेशन व यूनिक फर्निशिंग इस भवन को फ्रांस के सब से प्रेस्टीजियस पैलेस में शुमार करती है.

अब बात आती है तुर्की के राष्ट्रपति भवन की. अंकारा में 32 लाख वर्गफुट पर बने राष्ट्रपति भवन ‘एके सराय’ में 1150 कमरे हैं. इस हिसाब से यह दुनिया का सब से बड़ा राष्ट्रपति भवन है. जितने कमरे हैं, यहां उतने ही सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं, जबकि प्रेसीडेंशियल पैलेस में 40 सुरक्षा गार्ड थे.

यह विशाल भवन तुर्की के प्रभावशाली नेता रचैप तैय्यप एर्दोआन ने अदालती आदेशों को दरकिनार करते हुए बनवाया था. वे प्रधानमंत्री थे और अगस्त, 2014 में राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए थे. इस विशाल पैलेस की लेविश डिजाइन पर ही उन्होंने 3 हजार 800 करोड़ रुपए खर्च किए थे. इतने बड़े खर्चे पर देश की जनता में आक्रोश पनप गया था.

बहरहाल, खर्च पर देश में कितना भी होहल्ला मचा हो, इस भवन की वजह से तुर्की की पूरे विश्व में अलग पहचान बन गई है. दुनिया के सब से बड़े इस लग्जरी पैलेस को तुर्की में व्हाइट हाउस कहा जाता है. Rashtrapati Bhavan

 

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