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सीरीज में कुल 28 गाने हैं, जो गिप्पी ग्रेवाल, मिका सिंह, मलकीत सिंह, एम सी स्क्वायर, अफसाना खान, असीस कौर, सुनिधि चौहान, कंवर ग्रेवाल, शाचत सिंह, जागीर सिंह, मैंडी गिल, जतिंदर शाह, स्टेबिज बेज, प्रिंस कंवलजीत, हरजोत कौर, मन्ना सिंह व अन्य गायकों ने गाए हैं.

वेब सीरीज 'चमक’ में इन 28 गानों को पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के 14 गायकों ने न सिर्फ गाया है, बल्कि उन पर ये तमाम गाने फिल्माए भी गए हैं. कहानी की रवानगी में जहां भी मौका मिला है, गीत और संगीत का इस्तेमाल किया है. इस में कुछ गाने जरूर सार्थक हैं. सार्थक गानों के कारण 'चमक’ के सही मायनों में म्यूजिकल थ्रिलर होने का एहसास बना रहता है.

गालियों का क्यों किया गया इस्तेमाल

तारा सिंह के इंट्रोडक्शन सीन से ले कर काला के रैप बैटल 'मत मारी...’, पीर साहब के मेले में उस की पहली परफारमेंस, जुगराज का रियाज, उस की बेटी लता के साथ काला का पहला गाना या काला के घर पर हाउस वार्मिंग पार्टी... ऐसे कई लम्हे आते हैं, जहां संगीत ने अपनी भूमिका जरूर थोड़ी जिम्मेदारी के साथ निभाई है. गीतों का सूफियाना टच जरूर सुकून देता है. पंजाबी भाषा में होने के बावजूद 'चमक’ सीरीज हिंदी भाषी दर्शकों को भी बांध कर रखती है.

हालांकि कुछ जगहों पर मुश्किल पंजाबी संवादों को स्क्रीन पर लिख कर समझाया गया है. इस से भाषा न समझने की दिक्कत पैदा नहीं होती. कुछ किरदारों के संवादों में हिंदी मिश्रित है.

संगीत में दिलचस्पी रखने वालों के लिए 'चमक’ एक मुकम्मल सीरीज है, जिन को संगीत में रुचि नहीं, उन के लिए इस में कुछ खास नहीं है. मगर एक बात जरूर है सीरीज 'चमक’ में, वह है यह सीरीज सितारों की बारात है.

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