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तीसरा एपिसोड

एपिसोड की शुरुआत में एक मुसलिम औरत अपनी बच्ची का फोटो दिखा कर पूछ रही होती है कि किसी ने इस बच्ची को देखा है क्या? एक आदमी बताता है कि ऊपर कुछ लोग रहते हैं उन से जा कर पूछो, शायद उन्हें पता हो. तब वह औरत ऊपर जा कर पूछती है और चली जाती है.

वह औरत पुलिस वाली थी, जो कबीर और विक्रम से मिली हुई थी. वह उन्हें जरार के लोगों के बारे में बता देती है. तब विक्रम और कबीर अपनी टीम के साथ उन लोगों को पकडऩे के लिए वहां जाते हैं, तभी जरार भी अपने लोगों से मिलने वहां आता है.

जब उस के साथी उसे बताते हैं कि एक औरत अपनी बच्ची के बारे मे पूछने आई थी. जरार को शक होता है और वह खिड़की से बाहर झांकता है तो उसे पुलिस दिखाई देती है. वह समझ गया कि पुलिस ने उसे घेर लिया है.

आगे मकान का गेट खटखटाया जाता है. दरवाजा खोल कर जरार के साथी गोली चला देते हैं, जिस में एक पुलिस वाला मारा जाता है. जरार खिड़की का शीशा तोड़ कर बाहर खड़े पुलिस वालों पर गोली चलाने लगता है. विक्रम मकान के अंदर आतंकियों को मारने लगता है.

इस तरह पुलिस टीम आतंकियों पर हावी हो जाती है. तभी जरार का एक साथी उसे वहां से भागने को कहता है, क्योंकि मकसद पूरा करने के लिए उस का जिंदा रहना जरूरी था. जरार चुपके से भागता है. पुलिस वाले जरार के सभी साथियों को मार देते हैं.

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