शुभांगी जोगदंड नांदेड़ के राजकीय आयुर्वेदिक मैडिकल कालेज से बीएचएमएस (बैचलर औफ होमियोपैथिक मैडिसिन ऐंड सर्जरी) कर रही थी. वह तृतीय वर्ष की छात्रा थी. जनवरी 2023 का महीना था. इन दिनों वह अपने गांव पिंपरी महीपाल में थी. उस का गांव मुंबई से लगभग 600 किलोमीटर दूर नांदेड़ जिले में स्थित है.

गांव में आने पर भी शिवांगी अपने दोस्तों से बातें जरूर किया करती थी. पिछले 2-3 दिनों से उस के दोस्तों का शुभांगी से संपर्क नहीं हो पा रहा था. उस का मोबाइल भी लगातार स्विच्ड औफ चल रहा था. उन्होंने सोशल मीडिया के द्वारा शुभांगी से संपर्क साधने की बहुत कोशिश की, मगर फिर भी उन का संपर्क नहीं हुआ तो सभी परेशान हो गए.

इसी बीच 26 जनवरी, 2023 को किसी व्यक्ति ने शुभांगी के लापता होने की जानकारी नांदेड़ के लिंबगांव थाने में दे दी तो वहां मौजूद एसआई चंद्रकांत इस सूचना की तसदीक करने के लिए शिवांगी के गांव पिंपरी महीपाल निकल गए.

एसआई चंद्रकांत जब शुभांगी के घर पहुंचे तो वहां उस के पिता जनार्दन जोगदंड मौजूद थे. उन्होंने जब उन से शुभांगी के बारे में पूछताछ की तो वह गोलमोल जवाब देने लगे.

एसआई पूछताछ के लिए उसे थाने ले आए. थाने में जनार्दन जोगदंड से शुभांगी के बारे में सख्ती से पूछताछ की गई तो उस ने बड़ी ही आसानी से उस की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली.

उस के मुंह से बेटी की हत्या की बात सुन कर एसआई चंद्रकांत भी चौंक गए. उन्होंने पूछा, ‘‘उस की लाश कहां है?’’

‘‘सर, लाश खेत में जलाने के बाद उस की राख और अस्थियां नदी में बहा दीं. इस काम में उस के बेटे, भतीजे और साले ने सहायता की थी.’’ जनार्दन ने बताया.

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