घटना वाली रात पुष्पा कोहली के मोबाइल पर आनेजाने वाली कुल 3 काल्स पाई गई थीं. पहली काल रात 8 और 9 बजे के बीच आई थी जोकि मिस्ड काल थी. इसी नंबर पर पुष्पा कोहली के मोबाइल से 10 बजे के आसपास एक मिस्ड काल दी गई थी. तीसरी और आखिरी काल पुष्पा कोहली की नौकरानी सपना के मोबाइल से आई थी, जिसे रिसीव किया गया था. पुलिस ने उस नंबर पर जिस से मिस्ड काल आई थी और जिस पर पुष्पा ने मिस्ड काल दी थी, फोन किया तो वह नंबर लगातार बंद मिला.
जब उस नंबर की जांच की गई तो पता चला कि उस नंबर की सिम पंजाब से नकली आईडी और फरजी पते पर खरीदी गई थी. लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि घटना वाली रात उस नंबर की लोकेशन सेक्टर-45 और उस के आसपास थी. ऐसा लग रहा था जैसे उस नंबर का इस्तेमाल किसी खास मकसद से ही किया गया था.
इस से शक की सुई पूरी तरह से पुष्पा कोहली पर आ कर ठहर गई. अपने शक को और पुख्ता करने के लिए जब पुलिस ने पुष्पा की नौकरानी सपना से उस के द्वारा की गई फोन काल के बारे में पूछा तो इस हत्याकांड की तसवीर काफी हद तक साफ हो गई. लेकिन कुछ कारणों से पुलिस अब भी पुष्पा कोहली से पुलिसिया तरीके से पूछताछ नहीं कर सकती थी क्योंकि वह शिकायतकर्ता होने के साथसाथ महिला भी थी.
अंतत: इंसपेक्टर विमल कुमार ने अपने उच्चाधिकारियों से विचारविमर्श कर के 3 जनवरी 2014 को पुष्पा को हिरासत में ले लिया. जब सपना द्वारा दिए गए बयान को आधार बना कर उसे घेरा जाने लगा तो पहले तो वह पुलिस को बरगलाती रही लेकिन अंत में टूट गई. आखिर उस ने स्वीकार कर लिया कि उस ने ही सुपारी दे कर अपनी बेटी किरन की हत्या कराई थी.
दरअसल पुष्पा की नौकरानी सपना ने घटना वाली रात कोठी के आगे वैगनआर कार खड़ी देखी थी. बाद में उस ने पुष्पा को फोन कर के पूछा था कि क्या घर में कोई मेहमान आया है. चूंकि पुष्पा ने सपना की काल रिसीव की थी इसलिए यही उस के लिए मुसीबत बन गई क्योंकि यह बात सपना ने पुलिस को बता दी थी. जबकि पुलिस को दिए बयान के अनुसार उस वक्त पुष्पा बेहोश थी.
पुलिस को दिए गए इकबालिया बयान में पुष्पा कोहली ने बताया कि किरन की आदतों और व्यवहार से वह तनावग्रस्त रहने लगी थी. अपनी इस समस्या को हल करने की योजना के तहत उस ने अपने गांव के मुंहबोले चाचा हवलदार कुलविंदर सिंह, जोकि जालंधर के कैंट थाने में तैनात था, को हत्या की रात फरीदाबाद बुलाया.
कुलविंदर अपने एक अन्य साथी के साथ वैगनआर कार से 27 दिसंबर की देर शाम फरीदाबाद पहुंच गया था. वह अपना मोबाइल फोन जालंधर में अपने घर छोड़ आया था ताकि पुलिस की जांच में उस पर कोई आंच आए तो वह साबित कर सके कि वह हत्या के वक्त जालंधर में था.
कुलविंदर पंजाब से फरजी आईडी पर खरीदी गई नई सिम अपने साथ लाया था. इसी सिम को उस ने दूसरे मोबाइल में डाल कर पुष्पा कोहली को मिस्ड काल दे कर अपने फरीदाबाद पहुंचने की सूचना दी थी. पूर्व नियोजित योजना के तहत पुष्पा ने अपने मोबाइल से उसे मिस्ड काल दी जिस का मतलब था कि रास्ता साफ है, कभी भी अंदर आ सकते हो.
इस के बाद रात के अंधेरे में कुलविंदर और उस के साथी ने घर के अंदर घुस कर किरन की गला रेत कर हत्या कर दी और कमरे में रखी अलमारी का सामान इधरउधर बिखेर दिया ताकि मामला लूट व हत्या का लगे. हत्या के वक्त पुष्पा कोहली अपने बेडरूम में चली गई थी और अपने कानों को तकिए से ढक लिया था ताकि बेटी के चीखने की आवाज उसे सुनाई न दे.
इस हत्या की एवज में पुष्पा कोहली ने कुलविंदर को 1 लाख रुपए व सोने के कुछ गहने दिए थे जिन्हें ले कर वह उसी रात अपने साथी के साथ पंजाब लौट गया था.
पुष्पा के बयान के आधार पर पुलिस ने इस मामले में भादंवि की धारा 302, 494 के अलावा 34 भी जोड़ दी. पुष्पा कोहली को विधिवत 4 जनवरी 2014 को गिरफ्तार कर के फरीदाबाद की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
कुलविंदर व उस के साथी की गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस टीम जालंधर गई लेकिन वह भूमिगत हो गया था. शायद उसे हरियाणा पुलिस के आने की सूचना पहले ही मिल गई थी. फरीदाबाद पुलिस उच्चाधिकारियों द्वारा दबाव बना कर फरार चल रहे हवलदार कुलविंदर और उस के साथी की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है. पुष्पा कोहली जेल में बंद है.
इस मामले में पुलिस किरन की हत्या की जो थ्योरी बता रही है, वह गले नहीं उतरती. क्योंकि कोई भी मां केवल अपने तनाव को दूर करने के लिए सुपारी दे कर बेटी की हत्या नहीं करा सकती. संभव है, पुलिस जांच में कोई और सच्चाई सामने आए. लेकिन इस की संभावना फिलहाल कम ही है.
—कथा पुलिस सूत्रों, परिजनों के बयानों पर आधारित है.