पुलिस उसे आरोपी न बना सके, इसलिए प्रखर ने अपनी ओर से सब कुछ किया. कंचन का वाट्सऐप व अपना इंस्टाग्राम दोस्त शीलू के मोबाइल में इंस्टाल किए. उस से अंजलि को मैसेज भेज रहा था. प्रखर को पता था कि पुलिस उस के मोबाइल की काल डिटेल्स खंगालेगी, लोकेशन देखेगी. उस की और कंचन की लोकेशन अलग आएगी. काल डिटेल्स में बातचीत नहीं निकलेगी, इसलिए वह इंस्टाग्राम पर काल कर रहा था. यदि पुलिस उस के इंस्टा प्रोफाइल की डिटेल्स निकालेगी तो भी कुछ नहीं मिलेगा. बातचीत के लिए शातिर प्रखर ने दूसरा प्रोफाइल बनाया था.
प्रखर के मुंह से यह सुन कर उस की मां भी दंग रह गई. पहले उसे लग रहा था कि प्रखर हत्या जैसी घटना नहीं कर सकता. जब अपनी आंखों के सामने बेटे को सच उगलते देखा तो वह बोली, “प्रखर, तुम ने सभी की जिंदगी बरबाद कर दी. मैं ने अपनी हैसियत से ज्यादा अच्छे ढंग से तुम्हें पाला. यदि किसी से प्यार था तो मुझे तो बताता. प्यार के लिए कोई इस तरह अपराधी नहीं बनता है.”
पुलिस ने उसी दिन दबिश दे कर गंजडुंडवारा निवासी शीलू को गिरफ्तार कर लिया. दोनों का आमना सामना कराया गया. दोनों हत्यारोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू, बाइक और खून से सना अंगोछा (गमछा) भी पुलिस ने बरामद कर लिया.
प्रखर के बाबा व पिता की हो चुकी है हत्या
सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले प्रखर गुप्ता की कहानी भी कम चौंकाने वाली नहीं है. वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कासगंज के कस्बा गंजडुंडवारा का रहने वाला है. कई साल से अपनी मां व हाईस्कूल पास छोटे भाई के साथ आगरा में रह रहा था. दयालबाग सौ फुटा रोड स्थित अपर्णा रिवर व्यू अपार्टमेंट में किराए पर फ्लैट ले रखा है.
उस के बाबा की रंजिश में हुत्या हुई थी. पिता विष्णुरत्न गुप्ता भी हत्या के मामले में पहले जेल गए थे. जेल से बाहर आने के बाद विरोधियों ने 2013 में उन की भी हत्या कर दी. उस समय प्रखर 11 साल का था. मां आगरा में संजय पैलेस में एक कंपनी में काम करती है. 21 वर्षीय प्रखर ने इंटर तक पढ़ाई की है. उस ने मां से कहा कि अब वह व्यापार करेगा. उस की जिद पर मां ने 2 लाख रुपए की बाइक दिलाई थी.
कच्ची उम्र के प्यार की सनसनीखेज कहानी—
कारोबारी बजाज दंपत्ति अपनी इकलौती बेटी कंचन को एक निजी स्कूल में पढ़ा रहे थे. मां अंजलि बेटी की पढ़ाई पर काफी ध्यान दे रही थीं. पुलिस पूछताछ में पता चला कि कंचन का स्कूल में एक दोस्त है कुशल. प्रखर कुशल का दोस्त था.
कुशल ने ही उस की प्रखर से पहचान कराई थी. प्रखर ने कंचन से दोस्ती ही झूठ बोल कर की थी. उस ने बताया था कि वह डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) में ग्रैजुएशन का छात्र है. वह जिम भी जाता है. गांव में खेती है और मां नौकरी करती है.
पहली ही मुलाकात में कंचन उस से प्रभावित हो गई. अपनी कीमती बाइक पर प्रखर कंचन को स्कूल छोडऩे व लेने जाने लगा. यह सब कंचन को बहुत अच्छा लगता. धीरेधीरे उन की दोस्ती प्यार में बदल गई. ये बात जनवरी, 2023 की है.
मार्च के महीने में कंचन अपने घर से बिना बताए प्रखर के साथ बाहर घूमने चली गई थी. कई घंटे बाद घर लौटी. वापस लौट कर आई तो मां बहुत नाराज हुई. पूछा कहां गई थीं, किस के साथ गई थीं? इस घटना के बाद मां ने उस का मोबाइल भी चैक किया और सोशल मीडिया प्लेटफार्म खंगाला.
मोबाइल में अंजलि ने प्रखर के साथ उस के फोटो देख लिए तो उन्होंने घर में बहुत क्लेश किया. पूछा, “ये लडक़ा कौन है?”
तब कंचन ने बताया कि उस का दोस्त प्रखर गुप्ता है. यह सुन कर मां ने उसे डांटा. फोन पर प्रखर से भी बात की और बेटी से दूर रहने को कहा. मां की सख्ती के चलते करीब एक महीने प्रखर उस से मिल नहीं पाया था. चोरीछिपे केवल फोन पर बातचीत होती थी.
बेटी के आपत्तिजनक फोटो देख कर परेशान थीं अंजलि
घटना से 20 दिन पहले अंजलि को कंचन की प्रखर के साथ फिर से दोस्ती की भनक लग गई थी. उन्होंने बेटी से इस संबंध में बात की तो बेटी ने कहा कि प्रखर उस से बहुत प्यार करता है. अंजलि ने कंचन के मोबाइल में प्रखर के साथ उस के आपत्तिजनक फोटो देख लिए थे. फोटो देख कर अंजलि परेशान हो गई.
उन्हें लगा कि यदि बेटी को काबू में न रखा गया तो वह समाज में बजाज परिवार की नाक कटा देगी. उन्होंने बेटी पर पहरा बैठा दिया. फोन काल से ले कर हर चीज पर नजर रखी जाने लगी. कुछ दिन सब कुछ ठीक रहा, लेकिन इस के बाद वह फिर से प्रखर को चोरीछिपे फोन करने लगी. उन का प्रेम प्रसंग जारी रहा. जब मां को यह बात पता चली तो उन्होंने बेटी के न मानने पर प्रखर को पोक्सो एक्ट में जेल भिजवाने की धमकी दी.
यह भी कहा कि नाबालिग का बयान कोई मायने नहीं रखता है, इन फोटो व चैट से ही प्रखर को जेल जाना पड़ेगा. यह बात कंचन ने अपने बौयफ्रैंड प्रखर को बता दी. जेल जाने की बात से प्रखर परेशान हो गया. उसे लगा कि यदि वह जेल चला जाएगा तो कारोबारी की इकलौती बेटी को पाने का उस का सपना अधूरा रह जाएगा. उस का प्यार उस से छिन रहा था. प्रेमिका पर लगाई जा रही बंदिशों से वह आजिज आ चुका था. जेल जाने के डर से प्रखर ने अंजलि बजाज की हत्या की योजना बनाई.
अंजलि बजाज की हत्या के लिए प्रखर को एक साथी की तलाश थी. वह अकेले अंजलि की हत्या नहीं कर सकता था. वह अपने गांव गंजडुंडवारा गया और वहां 10 दिन रुका. इस बीच उस का दोस्त शीलू मिला. वह घर में खाली बैठा था. उस से बातचीत की और उसे 10 हजार रुपए का लालच दिया. उस से कहा कि स्कूल में झगड़ा हो गया है एक को सबक सिखाना है.
शीलू इस के लिए तैयार हो गया. वह शीलू को 3 जून को आगरा बुला लाया. दोनों आईएसबीटी के पास एक होटल में ठहरे. वहां 2 दिन रुकने के बाद दोनों सिकंदरा स्थित होटल में आ गए.
कंचन ने बहाने से बुलाया था मां को
साजिश के तहत कंचन 7 जून को अपने शास्त्रीपुरम स्थित घर से दोपहर में निकल कर पार्क में जा कर छिप गई. थोड़ी देर बाद उस ने अपनी मां अंजलि को फोन कर बताया कि वह अपने बौयफ्रैंड के साथ जा रही है. यदि आखिरी बार मिलना है तो मिल लो. यह सुन कर अंजलि घबरा गईं.
थोड़ी देर बाद बेटी ने वाट्सएप पर लोकेशन भेजी. लोकेशन ककरैठा स्थित वनखंडी महादेव मंदिर की थी. बेटी ने प्रेमी के साथ जाने का नाटक कर मां को वनखंडी मंदिर पर भेज दिया. लेकिन अंजलि के साथ पति उदित को देख कर प्रखर ने कंचन को फोन से मैसेज भेज कर दोनों को अलग करने को कहा. इस पर कंचन ने पिता को फोन कर स्वयं को ले जाने की बात कह कर मंदिर पर मां से अलग कर हत्यारों के सामने भेज दिया. जबकि खुद पार्क में छिपने के बाद मां और पिता को भ्रमित करने के बाद घर आ गई.