उस समय सचमुच ममता घर पर अकेली थी और कमरे का दरवाजा बंद कर अपने काम में लगी हुई थी. तभी दरवाजे पर थपथपाने की आवाज उभरी, ‘‘कौन है बाहर, आती हूं.’’
मीठी सी आवाज शारिक के कानों से टकराई. वह कुछ न बोला, चुपचाप खड़ा रहा. ममता काम बीच में छोड़ दरवाजा खोलने के लिए आगे बढ़ी. उस ने दरवाजा खोला तो सामने शारिक खड़ा था, उस के दिल का राजकुमार. देखते ही उस की आंखें शारिक के चेहरे पर ठहर गईं तो शारिक भी ममता के गोरेगोरे मुखड़े पर खो गया. दोनों खड़ेखड़े अपलक एकदूसरे को देखे जा रहे थे.
ममता ने ही सन्नाटे को तोड़ा, ‘‘जी आप?’’
“हां जी, मैं. दरवाजे पर ही खड़ा रखेंगी, अंदर आने के लिए नहीं कहेंगी?’’
“ओह, नहीं. मैं तो भूल ही गई. आइए, अंदर आइए.’’
“जी शुक्रिया, जो मुझ नाचीज पर रहम आ गई.’’
“ऐसी बात नहीं है, क्या मैं आप को निर्दयी दिखती हूं.’’
“नहीं तो कौन कमबख्त कहता है कि आप निर्दयी हैं. सिर से पांव तक आप मोम ही मोम हैं.’’ शारिक ने ममता की तारीफ के पुल बांध दिए तो वह खिलखिला कर कर हंस पड़ी. फिर शारिक भी अपनी हंसी रोक नहीं पाया. ममता शारिक को कमरे के अंदर ले आई और बैड पर बैठा दिया और खुद उस के लिए चाय बनाने चली गई. जब वह किचन से लौटी तो उस के हाथ की ट्रे में 2 प्याली गरमागरम चाय थी. दोनों ने साथ बैठ कर चाय पी.
इसी बीच मौका देख कर शारिक ने दिल की बात उस से कह दी तो ममता भी अपने प्यार का इजहार किए बिना नहीं सकी. उस ने भी अपने प्यार का इजहार कर दिया, ‘‘मैं भी आप से प्यार करती हूं. आई लव यू शारिक.’’
“आई लव यू सो मच ममता, तुम जानती नहीं हो आज मेरे लिए कितनी बड़ी खुशी का दिन है. मैं अपनी खुशी का शब्दों में बयान नहीं कर सकता. मैं बहुतबहुत खुश हूं.’’ शारिक अपने दिल की बात प्रेमिका से कह कर वह बहुत ज्यादा उत्साहित था. उस के बाद दोनों घंटों बैठे इधरउधर की बातें करते रहे. फिर शारिक अपने घर वापस लौट गया तो वह खुशी से नाच उठी थी. वह पहली बार जान सकी थी कि प्यार क्या होता है.
दिनरात वह अपने प्यार के बारे में सोचती रहती थी. हर घड़ी वह शारिक को अपने इर्दगिर्द महसूस करती थी. जब वह अपनी आखें बंद करती तो उसे ऐसा लगता था जैसे उस का प्यार उसी के सामने खड़ा हो. ममता शारिक से बेइंतहा प्यार करती थी. उस के प्यार में अंधी और पागलों की तरह दीवानी हो चुकी थी. इतनी दीवानी हो चुकी थी कि एक दिन भी उसे न देखे तो जल बिन मछली की तरह तड़पने लगती थी. न ही उसे भूख लगती थी और न प्यास और न ही आंखों में नींद होती. इतना प्यार करती थी वह शारिक से. दोनों मिल कर सुनहरे भविष्य के सपने अपनी आंखों में सजोए थे.
ममता ने अपने जीवन के जिस राजकुमार के सपने देखे थे, वह राजकुमार शारिक के रूप में उसे मिल गया था. शारिक से प्यार कर के ममता बहुत खुश थी. एक दिन उस ने अपने दिल की बात मां से बता दी. यह जान कर चंपा देवी भी फूली नहीं समाई थी. उन की ओर से बेटी की पसंद पर ‘हां’ ही थी. ममता और शारिक का प्यार 2 सालों तक फूलों की तरह महकता रहा, लेकिन घटना से ठीक 6 महीने पहले यानी मई 2022 में शारिक के अतीत के बारे में ममता को कुछ ऐसी बातें पता चलीं कि उस का एक झटके में दिल टूट गया. शारिक पर जान छिडक़ने वाली ममता के दिल में उस के लिए नफरत भर गई.
प्रेमी की सच्चाई ने तोड़ दिया दिल
दरअसल, हुआ यह था कि एक दिन ममता ने शारिक को उस के ही घर में नमाज पढ़ते देख लिया. यह देख कर वह हैरान रह गई कि इतना बड़ा फरेब. जिस पर उस ने अंधा विश्वास किया था, उस ने अपने मजहब को छिपाया. बड़ा धोखा दिया है उस ने. ममता को तब और दोहरा शौक लगा, जब उसे पता चला था कि शारिक पहले से ही शादीशुदा है. उस की पत्नी अपनी ससुराल बिहार के मधुबनी में रहती है तो ममता का दिल कांच की तरह चूरचूर हो गया और उस ने सारी बातें मां से कह सुनाईं. इस के बाद वह फूटफूट कर रोने लगी.
उसी दिन से उस ने शारिक से बातचीत करनी बंद कर दी थी और उस का फोन भी वह रिसीव नहीं करती थी. अचानक ममता में आए बदलाव से शारिक परेशान हो गया था. उसे नहीं पता था कि वह उस के मुसलिम और शादीशुदा होने वाली बात को जान चुकी है, इसीलिए उस ने अपना मुंह फेर लिया है. यहां तक कि शारिक जब उसे फोन करता था तो वह उस का काल भी रिसीव नहीं करती थी.
इस से शारिक बहुत परेशान हो गया था. वह ममता से एक बार बात कर उस की परेशानी और उस से बात न करने की वजह जानना चाहता था. ममता थी कि उस की शक्ल तक देखना पसंद नहीं करना चाहती थी. अगर कहीं रास्ते में उसे देखती थी तो वह रास्ता बदल देती थी. किसी तरह शारिक को जब ममता के अचानक मुंह फेर लेने वाली बात का पता कराया तो उस का शक सच निकला. ममता उस की सच्चाई जान चुकी थी. उस के सामने उस की कलई खुल चुकी थी. फिर भी वह उस से मिलना चाहता था, लेकिन वह उस से मिलने से साफ मना कर चुकी थी.
बदले की भावना ने लिया जन्म
ममता के इस व्यवहार ने शारिक के दिल में उस के लिए बदले की भावना ने जन्म ले लिया. उस के मन में ममता के लिए नफरत का जहर भर गया था और उस ने ठान लिया कि अगर वह मेरी नहीं हो सकती है तो वह किसी और की भी नहीं हो सकती. उसे अब जीने का कोई हक नहीं है, उसे तो अब मरना ही होगा.
शारिक ने ममता को मारने की पूरी प्लानिंग बना ली थी. प्लानिंग की पहली कड़ी में उस ने सब से पहले अपना किराए का कमरा चेंज कर दिया और कहीं और जा कर रहने लगा. जहां उस के ठिकाने का पता किसी और को नहीं था. वहां से शारिक ममता पर नजर रखता था कि कब वह घर पर अकेली मिले और वो अपना इंतकाम पूरा कर सके. आखिरकार उसे वह मौका 19 नवंबर, 2022 की दोपहर में मिल ही गया, जिसे वह महीनों से जोह रहा था.
19 नवंबर की दोपहर में ममता घर पर अकेली थी. उस का भाई छोटू स्कूल गया था और मां काम पर गई हुई थी. शारिक ने ममता के घर के दरवाजे पर पहुंच कर दरवाजा खटखटाया तो उस ने दरवाजा खोल कर देखा. सामने शारिक खड़ा था. दरवाजा खुलते ही वह जबरन घर में घुस गया. इस पर ममता नाराज हो गई और डांट कर उसे घर से बाहर निकल जाने के लिए कहने लगी.
इस पर शारिक का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया. उस ने आव देखा न ताव ममता की गला घोट कर हत्या करने के बाद वह फरार हो गया. जब छोटू करीब 3 बजे घर पहुंचा और बहन को अचेत अवस्था में देखा तो मां को फोन कर के बुलाया. आगे क्या हुआ, कहानी में ऊपर वर्णित किया जा चुका है.
इस तरह एक प्यार का दुखद अंत हो गया. अपने अपराध पर शारिक को कोई पछतावा नहीं है. पुलिस उस के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी थी.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित