पत्नी ने बनाई हत्या की योजना
रामवीर आरती को बहुत ही प्यार करता था, लेकिन उस की शादी हो जाने के बाद वह मजबूर हो गया था. आरती ने फिर से उसे अपनाने के लिए दूसरा रास्ता दिखाया तो वह रामवीर की हत्या करने के लिए तैयार हो गया था.
वहीं आरती की हरकतों से आजिज आ कर रामवीर भी दिल्ली से नौकरी छोड़ कर बरेली अपने घर चला आया था. घर आते ही उस ने नौकरी की तलाश शुरू कर दी थी. ऐसे में मानवेंद्र और आरती के मिलन में रामवीर सब से बड़ी बाधा बन गया था. रामवीर हर वक्त उसी पर नजर जमाए रहता था. इस के बावजूद भी आरती किसी न किसी तरह से मानवेंद्र से मिलती रहती थी.
आरती को पता था कि आजकल रामवीर बरेली में ही नौकरी की तलाश में लगा हुआ है. वह टाइम टाइम पर इधरउधर जाता ही रहता है. 19 सितंबर, 2023 को भी रामवीर नौकरी की तलाश में गया हुआ था. उसी समय आरती मौका पाते ही मानवेंद्र से मिली. उस ने मानवेंद्र को रामवीर की हत्या करने की योजना पूरी तरह से समझा दी थी.
रामवीर की हत्या की रूपरेखा तैयार होते ही मानवेंद्र ने इस मामले को निपटाने के लिए अपने दोस्त सौरभ को भी शामिल कर लिया था. सौरभ उर्फ छोटे रामवीर के बचपन का दोस्त था. वह भी शराब पीने का आदी था.
उसी योजनानुसार 20 सितंबर, 2023 को मानवेंद्र ने किसी अंजान फोन नंबर से रामवीर को फोन किया, “हैलो, मैं मानवेंद्र बोल रहा हूं.’’
“हां बोल, क्या कह रहा है?’’
तभी मानवेंद्र बोला, “मामा, तुम मुझ पर गलत शक करते हो. जैसा तुम सोचते हो, आरती और मेरे बीच में ऐसा कुछ भी नहीं. मैं तो केवल उस से फोन पर कभीकभार बातचीत ही कर लेता हूं. उस का भी एक कारण है. तुम तो पहले ही जानते हो कि आरती के पड़ोस में मेरे मामा रहते हैं. मेरा वहां पर पहले से ही आनाजाना लगा रहता है. इस रिश्ते से आप तो मेरे मामा हो. फिर मैं आप के साथ ऐसा काम कैसे कर सकता हूं.’’
उस के बाद मानवेंद्र ने कहा, “मामा, आज की पार्टी मेरी तरफ से है. मामा, मैं ने तुम्हारे लिए एक नौकरी की तलाश भी कर ली है. जल्दी ही वहां पर तुम्हें नौकरी मिल जाएगी. सब इंतजाम हो गया है. आप तुरंत ही नकसुआ फाटक के पास आ कर मुझ से मिलो.’’
रामवीर नौकरी के लिए काफी समय से परेशान था. जब मानवेंद्र ने उस से नौकरी लगवाने वाली बात कही तो वह खुश हो गया. रामवीर भी पक्का शराबी था. जब बात नौकरी और शराब पीने की आई तो वह मानवेंद्र के साथ पुरानी दुश्मनी को पलभर में भूल गया.
जिस वक्त वह फोन पर मानवेंद्र से बात कर रहा था, रामवीर का भाई अशोक भी उस की बात सुन रहा था. लेकिन वह किस से बात कर रहा था, वह यह नहीं समझ पाया था. घर से निकलते वक्त रामवीर ने केवल यही कहा था कि वह एक नौकरी के लिए जा रहा है. उस के बाद फोन काटते ही रामवीर ने अपनी बाइक उठाई और वह मानवेंद्र के बुलाई जगह नकसुआ फाटक के पास पहुंच गया. रामवीर के घर से निकलते ही आरती खुश हो गई थी. उसे पता था कि आज रामवीर का आखिरी दिन है.
हत्या करने के बाद लाश फेंकी ट्रैक पर
रामवीर के घर से निकलते ही आरती ने मानवेंद्र को फोन कर कहा, “बकरा हलाल होने के लिए घर से निकल गया है. काम ठीक वैसे ही करना जैसा तुम्हें बताया गया है. इस मामले में तनिक भी चूक नहीं होनी चाहिए. वरना मेरे साथसाथ तुम्हें भी जेल की हवा खानी पड़ेगी और जैसे ही वह खत्म हो जाए उस का फोटो मेरे वाट्सऐप पर भेज देना. ताकि मेरे दुखी मन को कुछ शांति मिल सके.’’
उस दिन मानवेंद्र शराब का पक्का इंतजाम कर के लाया था. रामवीर के वहां पर पहुंचते तीनों ने वहीं बैठ कर शराब पी. शराब पीतेपीते जब तीनों को नशा चढ़ने लगा तो मौका पाते ही मानवेंद्र अपनी लाइन पर आ गया. उस ने उसी समय रामवीर को प्यार से समझाते हुए आरती को तलाक देने के लिए कहा.
लेकिन तलाक की बात सामने आते ही रामवीर बिगड़ गया. फिर वह मानवेंद्र और सौरभ को भलाबुरा कहने लगा था. रामवीर के बिगड़ते ही मानवेंद्र ने रामवीर से क्षमा मांगी. उस के बाद उस ने उसे फिर से और शराब पिलाई,जिस के बाद रामवीर नशे में धुत हो गया.
रामवीर के नशे में होते ही सौरभ ने उस के गले में गमछा डाल कर खींच दिया. गला घुटते ही रामवीर ने चिल्लाने की कोशिश की तो मानवेंद्र ने उस का मुंह दबा दिया. कुछ ही देर में सांस रुकते ही रामवीर की मौत हो गई. उस के बाद दोनों ट्रेन के आने का इंतजार करने लगे. तभी मानवेंद्र ने मृत पड़े रामवीर का फोटो खींचा और आरती को वाट्सऐप कर दिया.
उस के तुरंत बाद ही मानवेंद्र ने आरती को काल कर हत्या की बात बता दी. योजना के मुताबिक सौरभ की सहायता से मानवेंद्र ने रामवीर की लाश को रेलवे ट्रैक पर डाल दिया. फिर दोनों ही रेलवे लाइन के पास छिप गए. जैसे ही ट्रेन आई, रामवीर का शरीर 2 भागों में कट गया. रामवीर के रेल से कटते ही दोनों वहां से फरार हो गए थे.
इस केस के खुलते ही पुलिस ने तीनों आरोपियों आरती, उस के प्रेमी मानवेंद्र व सौरभ को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.
पत्रकारों के पूछने पर आरती ने बेबाकी से जबाव देते हुए कहा कि रामवीर की हत्या का उसे जरा सा भी अफसोस नहीं है. उस का कहना था कि रामवीर के साथ शादी कर के वह खुश नहीं थी. उस ने शादी से ही उसे अपना पति नहीं माना था. वह पहले से ही मानवेंद्र को अपना पति मानती आ रही थी.
उस ने कहा कि वह रामवीर की हत्या के शोक में न तो अपने बिछिया ही उतारेगी और न ही मौत के बाद की जाने वाली कोई भी रस्म निभाएगी. पुलिस पूछताछ के दौरान आरती ने कहा कि उसे तो हर हाल में रामवीर की हत्या करानी ही थी. वह तो उस की हत्या में कुछ गड़बड़ हो गई, अन्यथा वह पकड़ी नहीं जाती.