Rajasthan News: जैसलमेर से जोधपुर जाने वाली नई एसी बस 4 दिन पहले ही सड़क पर उतरी थी. चलने के कुछ देर बाद ही धमाके के साथ उस में इतनी विकराल आग लगी कि 22 यात्री भस्म हो गए और 16 गंभीर रूप से घायल हो गए. आखिर ऐसी क्या वजह रही, जो यह बस एक श्मशान बन गई?

मंगलवार, 14 अक्तूबर, 2025 को अपराह्नï 3 बजे जैसलमेर से जोधपुर के लिए एक निजी बस 57 सवारियां ले कर रवाना हुई. बस जैसलमेर से मात्र 12 किलोमीटर दूर थईयात गांव के वार म्यूजियम के पास पहुंची ही थी कि अचानक उस के पिछले हिस्से से धुआं उठने लगा. बस की बैटरी में शौर्ट सर्किट होने से एसी की गैस फैल गई और बस में भीषण आग लग गई. कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप रूप ले लिया. बस की बनावट संकरी थी तथा इमरजेंसी गेट केवल पीछे की ओर था, जबकि दोनों ओर होना आवश्यक था. नई बस में एसी की गैस पूरी भरी हुई थी. बस में फायर सेफ्टी उपकरण नहीं थे. अगर सेफ्टी उपकरण मौजूद होते तो आग पर काबू पाया जा सकता था.

बस में आग लगते ही गेट लौक हो गया, जिस से यात्री बस में ही फंस गए और यात्रियों में चीखपुकार मच गई. बस के अंदर फंसे लोग जान बचाने के लिए चीखते रहे, साक्षात मौत को सामने खड़ा देख कई यात्रियों ने खिड़कियों के कांच तोड़ कर कूदने की कोशिश की. बंबरों की ढाणी जैसलमेर निवासी पीर मोहम्मद ने चलती बस से पत्नी और साली को खिड़की से बाहर फेंक दिया, मगर उस के दोनों बच्चे डबल डेकर बस की ऊपर वाली सीट पर जिंदा जल गए. इसी तरह एकां गांव, रामदेवरा निवासी महिपाल सिंह भी झुलसने के बावजूद खिड़की से कूद गया. इस तरह कुछ लोग ही खिड़की से बाहर कूद सके.

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