Hindi Best Story : राजा कर्ण सिंह ने अपने प्रधानमंत्री माधव की पत्नी रूपसुंदरी पर आसक्त हो कर न केवल उसे जबरन अपनी रानी बना लिया था, बल्कि माधव को भी जलील किया था. इस सब से दुखी माधव ने दिल्ली के बादशाह अलाउद्दीन से मिल कर राजा कर्ण सिंह से ऐसा बदला लिया कि वह खून के आंसू रो दिया.   दिल्ली के सुलतान अलाउद्दीन की सेनाओं के हाथों शर्मनाक पराजय के बाद देवगिरि राज्य में शरण ले कर रह रहे गुजरात के अपदस्थ राजा कर्ण सिंह को जब

यह पता चला कि उस की पटरानी कमला देवी का निकाह सुलतान से हो गया है तो उसे कोई आश्चर्य नहीं हुआ. राजा कर्ण सिंह अच्छी तरह जानता था कि अगर पराजित राजाओं की रानियां या राजकुमारियां दिल्ली के सुलतानों की सेनाओं के हाथ लग जाएं तो उन का यही हाल होता है. इसलिए वह काफी हद तक इस झटके को मानसिक रूप से झेलने को तैयार था. फिर भी वह मन ही मन बहुत दुखी हुआ. उस की हालत यह हो गई कि उस के लिए अपने पैरों पर खड़े रहना भी मुश्किल हो गया. कुछ नहीं सूझा तो वह पास पड़ी आराम शैय्या पर लेट गया. उस की निगाहें शून्य में ठहर गईं.

सोचतेसोचते राजा कर्ण सिंह को महसूस हुआ कि उस के साथ जो कुछ भी हुआ, वह शायद वैसा ही है, जैसा उस ने कभी किसी के साथ किया था. उसे अपने पुराने दंभपूर्ण दिनों का स्मरण हो आया. अचानक उस की आंखों में असहाय और अविरल आंसू बहाती हुई रूपसुंदरी का चित्र तैरने लगा. उस के कानों में रूपसुंदरी की असहाय सिसकियां और दीनतापूर्ण प्रलाप गूंजने लगा. राजा कर्ण को याद आया कि उस ने भी अपने प्रधानमंत्री माधव की पत्नी रूपसुंदरी को जबरन उस के पति से छीन लिया था. उस सब को याद कर के राजा कर्ण सिंह का मन अतीत के पन्नों पर उस वक्त की कटु यादों को कुरेदने लगा.

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