Film Story: कंगना रनौत ने ‘तनु वेड्स मनु’ में अपने अभिनय के विभिन्न रंगों से दर्शकों का मन मोह लिया था. अब ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ में वह दोहरी भूमिका में हैं, वह भी पहली फिल्म से बेहतरीन अभिनय के साथ. रंगमंच हो या सिनेमा, अभिनय करना आसान नहीं होता. भूमिका चाहे जैसी भी हो, जो जितना अच्छा अभिनय करेगा, उसे उतना ही ज्यादा पसंद किया जाएगा, सराहा जाएगा. लेकिन यह भी सच है कि अच्छे अभिनय के अच्छे परिणाम सही मायने में तभी सामने आते हैं जब कहानी में दम हो और डाइरैक्टर अपनी कला में माहिर.

एक बात और, खूबसूरती और स्मार्टनेस अच्छे अभिनय को सजासंवार तो सकती हैं लेकिन उस की परिचायक नहीं हो सकतीं. उत्कृष्ट अभिनय के लिए संवेदनशीलता भी जरूरी है और परिपक्वता भी. संवेदनशीलता चेहरे के भावों की उत्प्रेरक बनती है तो परिपक्वता संवाद अदायगी के उतारचढ़ावों में रवानगी लाती है. बौलीवुड की चर्चित अभिनेत्री कंगना रनौत में वे सारे गुण हैं, जो किसी अच्छी अदाकारा में होने चाहिए. मासूमियत से भरा खूबसूरत चेहरा, स्लिम बौडी, भाषा और भावों पर पकड़ और संवाद अदायगी का अपना अलग अंदाज. निस्संदेह उन की मासूमियत उन के अभिनय को एक नया आयाम देती है. प्रकृतिप्रदत्त अपने इसी गुण से उन्होंने दर्शकों का मन मोहा है.

‘तनु वेड्स मनु’ की मासूमियत भरी चंचलता से ओतप्रोत तनुजा त्रिवेदी यानी तनु रही हो या ‘क्वीन’ की कहीं बुझीसहमी सी तो कहीं बिंदास नजर आने वाली रानी मेहरा, कंगना रनौत ने अपने अभिनय को कूची बना कर फिल्मी कैनवस पर इन किरदारों में जो रंग भरे हैं, उन्होंने दोनों फिल्मों को अद्वितीय बना दिया है.

‘तनु वेड्स मनु’ ने जहां कंगना के अभिनय को एक नई ऊंचाई दी, वहीं ‘क्वीन’ के शानदार अभिनय ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नेशनल अवार्ड दिलाया. एक ही क्या, 45 दिन के शेड्यूल में बनी इस फिल्म को 6 कैटगरी में फिल्मफेयर अवार्ड और 2 में नेशनल अवार्ड मिले. कंगना रनौत के कंधों पर खड़ी यह फिल्म बिजनैस के मामले में भी पीछे नहीं रही. इस फिल्म की कुल लागत 12 करोड़ 5 लाख थी, जबकि बौक्स औफिस पर इस ने  97 करोड़ रुपए कमाए.

विकास बहल द्वारा निर्देशित ‘क्वीन’ की कहानी फिल्मी नजरिए से अलग तो नहीं थी लेकिन लीक से थोड़ी हट कर जरूर थी. दिल्ली के एक हलवाई की बेटी रानी मेहरा का विजय के साथ रिश्ता हो चुका है और दोनों की शादी होने वाली है. शादी की तैयारियां हो चुकी हैं लेकिन विजय ऐन मौके पर यह कह कर शादी करने से इनकार कर देता है कि उन दोनों का मैच सही नहीं है. दरअसल, रानी परंपराओं से बंधे आम परिवार की सामान्य सी लड़की है जबकि विजय को विदेश जाना है, जिस की वजह से वह ऐसी लड़की चाहता है जो विदेश में उस के साथ एडजस्ट कर सके.

आखिर ऐन वक्त पर रानी की शादी टूट जाती है और वह एक दिन के लिए खुद को कमरे में बंद कर लेती है. इस से उस का पूरा परिवार दुखी होता है. शादी के बाद रानी और विजय का पेरिस जाने का हनीमून टुअर पहले से तय था. बुकिंग रानी के पिता पहले ही करा चुके हैं. अगले दिन रानी अपने परिवार से कहती है कि उसे अकेले ही अपने हनीमून पर जाने दिया जाए. थोड़ी जद्दोजहद के बाद रानी अकेले ही पेरिस जाती है, जहां उस की मुलाकात भारतीय मूल की फ्रेंच लड़की विजयलक्ष्मी से होती है जो उसी होटल में काम करती है जहां रानी ठहरी है.

कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब होटल के बाहर घूमने निकली रानी एक लुटेरे के हाथों लूटपाट का शिकार हो जाती है. इस के बाद रानी इंडिया लौटने की सोचती है. विजयलक्ष्मी उस की मदद के लिए तैयार हो जाती है पर साथ ही कहती है कि जाने से पहले वह पूरा पेरिस घूम ले. चूंकि रानी के पास पैसा नहीं है, इसलिए उसे एम्सटर्डम के एक होस्टल में जापान के टाका, फ्रांस के टिम और रूस के अलेक्जेंडर के साथ रूम शेयर करना पड़ता है. तीनों युवक रानी के साथ बड़ी आत्मीयता से पेश आते हैं.

आगे की कहानी रानी के संघर्ष की कहानी है, जिस में वह एक शैफ की चुनौती स्वीकार कर के अपने विदेशी दोस्तों की मदद से भारतीय अंदाज में गोलगप्पे बनाती और बेचती है. इस चुनौती में वही जीतती भी है. इस बीच विजय को भेजी गई रानी की सेल्फी से उसे पता लग जाता है कि रानी एम्सटर्डम में है. अब तक रानी में आत्मविश्वास आ चुका है. विजय एम्सटर्डम आ कर रानी से मिलता है और फिर से रिलेशनशिप की बात करता है, लेकिन रानी इनकार कर देती है. बाद में रानी इंडिया अपने घर लौट आती है. विजय भी वापस आ जाता है.

रानी विजय के घर जाती है. उसे देख कर विजय सोचता है कि रानी ने उसे माफ कर दिया है. तभी उस की नजर रानी के हाथ पर पड़ती है. उस की अंगुली में एंगेजमेंट रिंग देख कर विजय थैंक्यू बोलता है और रानी चेहरे पर विजयी मुसकराहट लिए घर लौट आती है. निस्संदेह क्वीन की पूरी कहानी रानी यानी कंगना रनौत के इर्दगिर्द घूमती है और उन्होंने अपनी भूमिका को बड़ी शिद्दत से निभाया है. इस फिल्म का गाना ‘पूरा लंदन ठुमकदा…’ फिल्म की यूएसपी है.

बात अगर आनंद एल. राय द्वारा निर्देशित ‘तनु वेड्स मनु’ की करें तो 2011 में आई इस फिल्म की कहानी मनोज शर्मा उर्फ मनु (आर. माधवन) और तनुजा त्रिवेदी उर्फ तनु (कंगना रनौत) के इर्दगिर्द घूमती है. एनआरआई डा. मनोज शर्मा किसी संस्कारवान भारतीय लड़की से शादी करना चाहता है. इस के लिए वह इंडिया आता है और अपने परिवार व दोस्त पप्पी के कहने पर कानपुर की तनु से मिलने के लिए तैयार हो जाता है. तनु का परिवार भी उस की शादी किसी समृद्ध परिवार में करना चाहता है. मनोज उर्फ मनु अपने परिवार और दोस्त पप्पी के साथ तनु को देखने उस के घर आता है.

दोनों परिवारों में खुशीखुशी सौहार्दपूर्ण वातावरण में बात होती है. लेकिन जब तनु को देखने की बात आती है तो तनु की मां उसे बीमार बता कर अगले दिन मिलने को कहती हैं. वजह यह कि तनु उस समय नशे में है. डा. मनु उसे देखने के बहाने सीढि़यां चढ़ कर ऊपर जाता है. तनु को उस के आने का पता चलता है तो वह साड़ी पहन कर बैठ जाती है और मनु से घूंघट की आड़ से बात करती है. मनु समझ जाता है कि वह नशे में है. इस के बावजूद मनु तनु को पसंद कर लेता है और उसे मन ही मन चाहने लगता है. जबकि मनु के मन में उस के लिए कोई फीलिंग्स नहीं हैं. बहरहाल, दोनों परिवार शादी के लिए तैयार हो जाते हैं.

इसी बीच दोनों परिवार एक तीर्थयात्रा पर जाते हैं. यात्रा के दौरान ट्रेन में तनु मनु से कहती है कि वह किसी और से प्यार करती है, इसलिए उस से शादी नहीं कर सकती. यहां तक कि वह नशे की गोलियां ले कर उस से यह कह देती है कि उस के सीने पर उस के बौयफ्रैंड के नाम का टैटू गुदा है, इसलिए वह शादी से इनकार कर दे. ऐसा ही होता भी है. मनु तनु को पसंद करने के बावजूद उस से शादी करने से इनकार कर देता है. इस से मनु के परिवार को काफी दुख होता है.

डा. मनु शादी के लिए कई लड़कियों से मिलता है, लेकिन वह तनु को नहीं भूल पाता. जिन लड़कियों से वह मिलता है, उन में राजा (जिमी शेरगिल) की बहन आयुषि भी है जिस के एक हाथ में कुछ प्रौब्लम है. राजा छोटामोटा बदमाश है. राजा मनु से कहता है कि वह आयुषि से शादी कर ले, लेकिन मनु यह कह कर इनकार कर देता है कि वह किसी और से प्यार करता है. राजा ही वह शख्स है जो रानी से प्यार करता है. इस के बावजूद राजा और मनु दोनों एकदूसरे के काफी करीब आ जाते हैं.

डा. मनु लंदन लौटने का फैसला कर लेता है. तभी राजा उसे बताता है कि वह एक लड़की से प्यार करता है और उस के साथ भाग कर शादी करना चाहता है. इस काम में वह मनु से मदद करने को कहता है. तनु भी मनु को बताती है कि उस का प्रेमी आ रहा है और वह उस के साथ कोर्ट में जा कर शादी कर लेगी. मनु शादी के लिए कपड़े वगैरह खरीदने में तनु की मदद करता है. अगले दिन राजा जब तनु को लेने आता है तो मनु को पता चलता है कि तनु का प्रेमी राजा है. तनु और राजा भाग कर शादी के लिए कोर्ट जाते हैं लेकिन पेन न मिलने की वजह से दोनों की शादी नहीं हो पाती. फलस्वरूप दोनों को अपनेअपने घर लौटना पड़ता है.

पंजाब में पप्पी के एक दोस्त जस्सी की शादी है. वह मनु को भी पंजाब जाने के लिए तैयार कर लेता है. जिस लड़की पायल (स्वरा भास्कर) से जस्सी (एजाज खान) की शादी हो रही है, वह तनु की दोस्त है इसलिए वह भी शादी में आती है. शादी में मनु और तनु की फिर से मुलाकात होती है. वहां पर मनु तनु के विभिन्न मुद्राओं में फोटोग्राफ खींचता है. वापस लौटने पर राजा मनु से कहता है कि वह तनु को भगा कर शादी नहीं करना चाहता इसलिए वह उस की और तनु की शादी के लिए तनु के पिता को राजी करे. मनु कोशिश करता है तो तनु के पिता शादी के लिए तैयार हो जाते हैं. फलस्वरूप दोनों तरफ शादी की तैयारियां शुरू हो जाती हैं.

मनु इस मौके पर गिफ्ट के रूप में तनु को एक बड़ा सा पोस्टर भेंट करता है, जिस पर उस के द्वारा विभिन्न मौकों पर खींची गईं उस की तसवीरें चिपकी हुई हैं. उस पोस्टर को देख कर तनु को महसूस होता है कि मनु उसे प्यार करता है. तनु की दोस्त पायल भी उसे एहसास कराती है कि वह मनु को प्यार करने लगी है. यहां नाटकीय घटनाक्रम के तहत तनु डा. मनु से शादी के लिए तैयार हो जाती है. दूसरी ओर राजा को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है. लेकिन जब मनु तनु से शादी करने के लिए बारात ले कर आता है तो ऐन वक्त पर राजा भी बारात ले कर आ जाता है. वह मनु को जान से मार डालने की धमकी देता है. पर जब वह मनु के प्रति तनु के प्यार को देखता है तो दोनों के रास्ते से हट जाता है. तनु और मनु की शादी हो जाती है.

इस फिल्म में आर. माधवन की भूमिका कंगना रनौत से कमतर थी, इस के बावजूद उन्होंने अपने अभिनय से डा. मनु के किरदार में जान डालने में कोई कमी नहीं रहने दी. कंगना रनौत का अभिनय तो था ही बेमिसाल. इस फिल्म में उन के अभिनय के कई आयाम देखने को मिले. कहीं मासूम, कहीं बिंदास, कहीं बिगड़ी हुई लड़की तो कहीं वह चंचलता से ओतप्रोत नजर आईं. हर रूप में कंगना ने अपने अभिनय से मन को मोहने वाले रंग भरे. यह उन के अभिनय का ही दम था कि 17 करोड़ 5 लाख में बनी इस फिल्म ने 56 करोड़ रुपए की कमाई की.

4 साल बाद आनंद एल. राय अब ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ ले कर आए हैं. स्टारकास्ट लगभग पुरानी ही है लेकिन कहानी आगे की है, जिस में कंगना डबल रोल में हैं. ‘तनु वेड्स मनु’ की कहानी जहां खत्म हुई थी, ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ की कहानी वहीं से शुरू होती है. दरअसल, लंदन जा कर डा. मनु अपने काम में व्यस्त हो जाता है. तनु वहां जा कर शुरू में तो खुश रहती है लेकिन धीरेधीरे ऊबने लगती है. इस बीच वह पूरी तरह अंगरेजी मेम बन चुकी है. जब वह बुरी तरह ऊब जाती है तो भारत लौट आती है. डा. मनु को भी उस के पीछेपीछे भारत आना पड़ता है. मनु चूंकि विदेश में रह कर लौटी है इसलिए उस के नखरे अंगरेजी मेम से भी ज्यादा हैं.

कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब तनु और मनु की मुलाकात ठेठ हरियाणवी खिलंदड़ लड़की दत्तो से होती है, जो कंगना रनौत की ही दूसरी भूमिका है. यानी एक ओर विदेश से लौटी देसी मेम और दूसरी ओर ठेठ हरियाणवी लड़की. चूंकि नायक एक ही है, इसलिए मजेदार सिचुएशन में दोनों का टकराव स्वाभाविक ही है. इस रोमांटिक कौमेडी फिल्म में सारा जलवा कंगना रनौत का ही है. जाहिर है बेस्ट हीरोइन का नेशनल अवार्ड जीतने के बाद कंगना रनौत का कौंफीडेंस लेवल भी बढ़ गया है इसलिए निस्संदेह उन्होंने पहली फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ से भी बेहतरीन अभिनय किया है, खासकर दत्तो वाली भूमिका में.

इस किरदार में कहीं वह मस्ती में मंदमंद बहती बयार सी लगती हैं तो कहीं पत्थरों से अठखेलियां करती चंचल पहाड़ी नदी सी. ठेठ हरियाणवी अंदाज को मासूमियत में पिरो कर उन्होंने जो अभिनय किया है, वह किसी का भी मन मोह लेगा. लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने विदेश से लौटी देसी मेम की भूमिका में कोई कमी छोड़ी है. दोनों ही भूमिकाओं में कंगना के अभिनय की उत्कृष्टता साफ नजर आती है. आर. माधवन का अभिनय ‘तनु वेड्स मनु’ जैसा ही गंभीर और आकर्षक है लेकिन ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ में रनौत की दोहरी भूमिका के बीच उन की भूमिका कमतर है. फिर भी अपने अभिनय के बूते पर उन्होंने इस भूमिका के साथ पूरा न्याय किया है. Film Story

 

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