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विकास के पास ही बजरंग यादव नाम का युवक रहता था. वह भी जयपुर के जालासू, काला डेरा का रहने वाला था. वह जयपुर से एमए बीएड करने के बाद मुरादाबाद से एमएड करने आया था. पासपास रहने की वजह से दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई.

विकास ने हाल में ही एक नई मारुति स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी थी. उस के एक परिचित ने उसे घर में झाड़ूपोंछा करने के लिए एक लड़की से मिलवाया. वह कोई और नहीं, आरती थी. आरती का खूबसूरत चेहरा और स्लिमट्रिम फिगर देख कर विकास का उस पर मन डोल गया. उस ने उसे तुरंत अपने घर के काम के लिए रख लिया.

जब आरती झाड़ूपोंछा करने आती तो दोनों में बातचीत होती. बातोंबातों में विकास उसे बहलानेफुसलाने लगा. वह उसे खर्च करने को अलग से पैसे देता और कार में बैठा कर घुमाताफिराता. आरती भी जान गई कि विकास उस पर इतना मेहरबान क्यों है. आरती का एक ही मकसद था, जिंदगी में पैसा कमाना. चाहे उस के लिए उसे कुछ भी क्यों न करना पड़े.

आरती जब कार में उस के बराबर वाली सीट पर बैठती तो विकास जानबूझ कर उस के शरीर को टच करता. आरती चूंकि उस का विरोध नहीं करती थी, इस से विकास का हौसला बढ़ गया. फिर एक दिन जब विकास ने आरती को प्यार से अपनी बांहों में भर लिया तो उस ने तनिक भी विरोध नहीं किया. उल्टा वह उस की बाहों में सिमट कर उस के सीने से लग गई.

आरती की मंशा जानने के लिए विकास के लिए इतना काफी था. इस के बाद उस ने अपनी हसरतें पूरी कीं. संबंधों में प्रगाढ़ता आई तो दोनों दूर न रह सके. विकास ने उसे अपने साथ ही कमरे पर रहने के लिए बुला लिया. दोनों बिना शादी किए एक साथ पतिपत्नी की तरह रहने लगे.

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