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पुलिस के गले नहीं उतरा नौकरानी का बयान

अम्माजी के कमरे में शोर सुन कर वह वहां पहुंची तो देखा कि उन के बिस्तर पर खून फैला हुआ था और वह मरी पड़ी थीं. वाश बेसिन का कांच टूटा पड़ा था. उस ने शोर मचाने की कोशिश की तो उसे भी कांच के टुकड़े से घायल कर दिया और शोर मचाने पर हत्या की धमकी दी. बदमाश अलमारी से जेवर व नकदी लूट कर भाग गए. उन के जाने के बाद उस ने शोर मचाया, तब पड़ोसी आए.

नौकरानी रेनू शर्मा की यह बात पुलिस के गले नहीं उतर रही थी. वृद्धा की हत्या व लूट की गुत्थी नौकरानी रेनू के बयानों से उलझ गई थी. जिस तरह से कमला देवी की हत्या की गई, उस से यह बात समझ नहीं आ रही थी कि हत्यारों ने वाश बेसिन पर लगा शीशा तोड़ कर उस से हत्या क्यों की? यदि हत्यारे हत्या व लूट करने ही आए थे तो अपने साथ कोई हथियार क्यों नहीं लाए?

कमला देवी ने रेनू से चाय बनाने को कहा तो जरूर परिचित ही होंगे. फिर बदमाश कमला देवी की हत्या और लूट करने के बाद प्रत्यक्षदर्शी गवाह रेनू को जिंदा क्यों छोड़ गए? रेनू की बातों से पुलिस का शक उसी पर बढ़ता गया.

पुलिस को लगा कि घटना को अंजाम देने वाले जरूर उस के परिचित हैं और उस ने ही उन्हें बुलाया होगा. ये बात पुलिस ने रेनू से कही तो वह घबरा गई और अपने को निर्दोष बताने लगी. कई घंटों की पूछताछ व पुलिस द्वारा आश्वासन देने पर कि तुम्हें कुछ नहीं होगा, रेनू टूट गई और उस ने अंत में पूरे घटनाक्रम की सही जानकारी पुलिस को दे दी.

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