जल्द ही रीना और सुरेंद्र ग्वालियर के शील नगर में लिवइन रिलेशनशिप में रहने लगे. सुरेंद्र ने अपने मकान मालिक से रीना का परिचय पत्नी के रूप में करवाया. हालांकि इस फैसले को ले कर रीना को उस की एक सहेली ने काफी समझाया था कि वह गलत कर रही है. सुरेंद्र उस से 13 साल छोटा भी था. किंतु तब तक रीना पर सुरेंद्र के इश्क का भूत ठीक उसी तरह सवार हो चुका था, जिस तरह एक समय में वह कुणाल के इश्क की दीवानी बनी हुई थी.
रीना ने अपने नाबालिग बेटे दीपेश को भी ननिहाल से बुलवा लिया था. उसे सुरेंद्र पास की एक बेकरी में काम पर लगवा दिया था. वह दोपहर बेकरी पर जाता था और रात के 9 बजे सुरेंद्र उसे अपने साथ वापस कमरे पर ले आता था.
कुछ दिनों तक सुरेंद्र ने रीना को अच्छी तरह से रखा. बाद में वह एकएक पैसे के लिए मोहताज रहने लगी. अब उसे कुणाल को छोड़ कर सुरेंद्र की बातों में आने का पछतावा होने लगा था. कुछ दिनों से रीना फिर से कुणाल के संपर्क में आ गई. उन के पुराने रिश्ते फिर से रंग भरने लगे. एकदूसरे के साथ जीवन भर निर्वाह करने के कसमेवादे करने लगे. रीना चाहत थी कि वह कुणाल के पास फिर से रहने लगे.
प्रेमी क्यों बना कातिल?
18 फरवरी, 2023 की दोपहर एक बजे के करीब सुरेंद्र शिवमंदिर में पूजा अर्चना कर के लौटा तो बेडरूम में रीना को कुणाल के साथ हंस हंस कर बातें करते सुन लिया. यह देखते ही उस का खून खौल उठा. रीना की बेवफाई और बेरुखी ने सुरेंद्र के गुस्से को हवा दे दी.
वह रीना को गालियां देते हुए उस के साथ मारपीट करने लगा. इस पर रीना को भी गुस्सा आ गया. वह बोली, ”मैं तुझे छोड़ कर हमेशा के लिए अपने कुणाल के पास जा रही हूं.’’
रीना के मुंह से इतना सुनते ही सुरेंद्र भी गुस्से में बोल पड़ा, ”देखता हूं हरामजादी तू वहां कैसे जाती है.’’
रीना भी कहां चुप रहने वाली थी. वह सुरेंद्र के साथ बदतमीजी से पेश आने लगी. उसे गालियां देने लगी और बोली, ”तो क्या तू मुझे जबरदस्ती जाने से रोकेगा, कान खोल कर सुन ले कि जहां मेरी मरजी होगी, मैं वहां जाऊंगी. जिस से मेरा मन मिलेगा, वहीं रहूंगी.’’
रीना का इतना कहना था कि सुरेंद्र ने उसे धमकी दी और बोला, ”रीना, जिद मत कर यही तेरे लिए बेहतर रहेगा. वरना मैं भी अच्छे के साथ अच्छा और बुरे के साथ बुरा हूं.’’
”कमीने शिवरात्रि के व्रत के दिन तूने मेरे साथ मारपीट की है. मैं अब किसी भी सूरत में तेरे पास एक भी पल के लिए नहीं रुकने वाली.’’
रीना भदौरिया की यह बात सुरेंद्र को बहुत ही बुरी लगी. उस ने उसे धक्का दे दिया. वह जमीन पर गिर पड़ी. इस बीच सुरेंद्र ने उस की साड़ी को उस के बदन से खींच कर गले में फंदा डाल दिया. वह तब तक साड़ी के फंदे को खींचता रहा,जब तक रीना बेसुध नहीं हो गई. उस के बाद सुरेंद्र मेला घूमने चला गया और रात के करीब 9 बजे उस के बेटे को ले कर कमरे पर आया.
वहां रीना को मृत अवस्था में देख कर परेशान होने का नाटक किया. फिर उस ने अपने एक दोस्त कालू के माध्यम से एंबुलेंस बुलाई. उस पर रीना की लाश रखवा कर उस के गांव इंगुरी भेज दी. साथ में उस के बेटे दीपेश को भी बिठा दिया. सुरेंद्र ने इस की जानकारी रीना के पति दशरथ भदौरिया को फोन पर दे दी
लाश को गांव पहुंचने से पहले ही कुछ दूरी पर एंबुलेंस से उतरवा दी. दीपेश वहां से भागता हुआ अपने पिता दशरथ के पास गया और मम्मी की मृत्यु की सूचना दी.
दशरथ घबराया हुआ लाश के पास पहुंच गया. उस ने जैसे ही रीना के कान से खून और गले पर किसी चीज से कसे जाने के निशान देखे तो उसे हत्या का शक हुआ. उस ने तुरंत पवई पुलिस को इस की सूचना दे दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की तो मामला संदिग्ध नजर आया.
घटनास्थल ग्वालियर होने की वजह से पवई पुलिस ने रीना के शव को मृतका के परिजनों के साथ वापस ग्वालियर भेज दिया. मृतका के परिजन शव को ले कर ग्वालियर थाने पहुंचे तो पुलिस ने मामला दर्ज कर रीना का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
19 फरवरी, 2023 की सुबह ग्वालियर थाने के एसएचओ राजेंद्र परिहार की टीम ने सुरेंद्र धाकड़ को जलालपुर फिल्टर प्लांट से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली. इस टीम में एसआई रमाकांत उपाध्याय, हेमेंद्र राजपूत, योगेंद्र मावई, एएसआई हरिराम नागर शामिल थे. पुलिस के सामने उस ने अपने जुर्म स्वीकार कर लिया.
पूछताछ के बाद सुरेंद्र धाकड़ को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.