सुजित अच्छा आदमी नहीं था. उस ने अस्वती को धोखा दिया था. सागिर नाम की लडक़ी के साथ उस का विवाह हो गया था और उस से उसे एक बच्चा भी था, लेकिन अस्वती को उस ने यह सब नहीं बताया था. उसे बेवकूफ बना कर उस से प्यार कर लिया था और खुद को कुंवारा बता कर उस के साथ रह रहा था.
उस ने अस्वती से कहा था कि कुछ दिनों में अपने मांबाप से बात कर के वह उस से विवाह कर लेगा. तब तक वह अपनी मां के घर में उसे रहने दे. अस्वती मान गई थी. शकुंतला के न चाहते हुए भी अस्वती और सुजित घर में पतिपत्नी की तरह रहने लगे थे. सुजित सप्ताह में 3 दिन अस्वती के साथ रात में रुकता था और घर के सदस्य की तरह रहता था.
इस के बाद फिर अस्वती से पूछताछ हुई. इस बार इंसपेक्टर टौम ने थोड़ी सख्त आवाज में कहा, “अस्वती, अब हमारे पास समय कम है, इसलिए मेरा टेंपरेचर हाई हो रहा है. तुम ने पहले भी हम से बहुत कुछ छिपाया है. लेकिन इस बार सब कुछ सचसच बताओ. और हां, एक बात बता दूं. तुम्हारी मां शकुंतला का मर्डर हो गया है और उस ड्रम में जो हड्डियां मिली थीं, वे तुम्हारी मां की थीं.”
अस्वती के प्रेम प्रसंग से खुले नए राज
टौम के रुख से अस्वती को लगा कि अब अगर उस ने सही जवाब नहीं दिया तो पुलिस सख्ती कर सकती है. इसलिए उस ने कहा, “साहब, हत्या वत्या के बारे में तो मैं कुछ नहीं जानती, पर अंतिम दिनों में जो हुआ था, वह मैं बताए देती हूं. मैं अपने प्रेमी सुजित के साथ अपनी मां के घर में रहती थी. वह सप्ताह में 3 दिन मेरे साथ रहता था, उस के बाद अपने मांबाप के पास चला जाता था. मेरे बच्चों का भी वह खूब खयाल रखता था.
“उसी बीच पहली सितंबर, 2016 को मां का एक्सीडेंट हो गया तो उन्हें वीकेएम अस्पताल में भरती कराया. बाएं पैर में फ्रैक्चर होने की वजह से स्क्रू लगाना पड़ा. 15 दिनों तक उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा. 15 सितंबर, 2016 को अस्पताल से छुट्टी होने के बाद वह घर आईं. इस के बाद हम सभी मां के घर में ही रहते रहे. 19 सितंबर, 2016 को मां को चिकन पौक्स हो गया. इस के अलावा भी अन्य इंफेक्शन थे, जिस की वजह से मैं बच्चों को ले कर एक स्थानीय लौज में रहने चली गई थी और सुजित अपने मांबाप के पास चला गया था.”
थोड़ी देर रुक कर अस्वती ने आगे कहा, “एक सप्ताह बाद 26 सितंबर, 2016 को मैं मां के घर वापस आई तो सुजित वहीं था. मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ तो मैं ने उस से पूछा. उस ने कहा कि वह अपना कुछ सामान भूल गया था, उसे लेने आया था. उस ने यह भी बताया कि वह 2 दिन पहले यहां आया था. तब मेरी मां शकुंतला किसी मिशनरी की नर्स के साथ दिल्ली चली गई हैं और वह यह कह कर गई हैं कि अब वह उसी के साथ वहीं रहेंगी.”
इतना कह कर अस्वती रुकी. उस ने इंसपेक्टर टौम की ओर देखा और एक लंबी सांस ले कर आगे कहा, “साहब, आप को लग रहा होगा कि मैं ने उस की बात पर विश्वास कैसे कर लिया? सच कहूं साहब, मेरी मां मेरे और सुजित के संबंधों को ले कर बहुत किचकिच करती थीं. इसलिए वह चली गईं, यह जान कर मैं बहुत खुश हुई. मैं ने सुजित से ज्यादा पूछताछ नहीं की और न ही पुलिस में केस किया.”
“तुम्हें पता नहीं है अस्वती कि तुम्हारी मां किचकिच क्यों करती थी?” टौम ने कहा, “क्योंकि सुजित तुम्हें धोखा दे रहा था. वह शादीशुदा था. उस की पत्नी ही नहीं, एक बच्चा भी था. वह तुम्हें छोड़ कर बाकी के दिनों में मांबाप के पास नहीं, पत्नी के पास रहता था.”
अस्वती के प्रेमी सुजित के सुसाइड से उलझी गुत्थी
इंसपेक्टर टौम के इस खुलासे से अस्वती के पैरों तले से जमीन खिसक गई. टौम ने हंसते हुए कहा, “अब मैं जो कहने जा रहा हूं अस्वती, उसे सुन कर तुम्हें बहुत बड़ा सदमा लगेगा. तुम्हारी मां की हत्या किसी और ने नहीं, सुजित ने ही की है. कुछ समय बाद मैं सारे सबूत के साथ फिर आऊंगा.”
इतना कह कर केरल के शरलौक होम्स इंसपेक्टर टौम चले गए. टौम को पूरा शक था कि सुजित ने ही शकुंतला को मारा है. पर किस तरह और क्यों मारा, यह उन की समझ में नहीं आ रहा था. इस मामले में सब से बड़ी दिक्कत यह थी कि सुजित मर चुका था. 7 जनवरी, 2018 को सीमेंट और कंक्रीट से भरे ड्रम से शकुंतला की हड्डियां, 5 सौ और सौ के नोट के साथ कुछ अन्य सामान मिला था. उस के 2 दिन बाद ही 9 जनवरी, 2018 को सुजित ने आत्महत्या कर ली थी.
जिस पर शक था, वह मर चुका था और जिस की हत्या हुई थी, उस की लाश भी नहीं मिली थी. टौम को शक था कि शायद ड्रम मिल गया था, इसलिए अपनी पोल खुल जाने के डर से सुजित ने भी मौत को गले लगा लिया था, पर टौम मामले की सच्चाई तक पहुंचना चाहते थे. इसलिए उन्होंने तय कर लिया था कि सुजित भले जीवित नहीं है, पर उस ने ही शकुंतला की हत्या की है, यह बात वह साबित कर के रहेंगे. उन्होंने फिर से पूरे तनमन से इनवैस्टीगेशन शुरू कर दी.

अस्वती 19 सितंबर, 2016 को शकुंतला को छोड़ कर लौज में रहने गई थी और 26 सितंबर को वापस आई तो मां नहीं थी. सुजित था और उसी ने बताया था कि मां दिल्ली चली गई हैं और अब वह वहीं रहेंगी. इस से टौम को लगा कि जो कुछ भी हुआ है, वह 19 सितंबर और 25 सितंबर के बीच हुआ है.
शक की सुई सुजित पर टिकी थी. इसलिए इंसपेक्टर टौम ने जांच की शुरुआत वहां से की, जहां सुजित नौकरी करता था और उस के दोस्तों से. पूछताछ का दौर चल पड़ा. सुजित के दोस्तों और पड़ोसियों के बारे में पता किया गया, साथ ही यह भी पता किया जा रहा था कि जिस ड्रम से हड्डियां मिली थीं, वह कहां से खरीदा गया था.








