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एक दिन अचानक आधी रात को काल लग गई. ड्राइवर ने उसे काल करने से मना किया. हिदायत देता हुआ बोला, ‘‘कुछ दिन काम रोक दो. ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है. उस का भी किसी ने नाम दे दिया है, इसी कारण फोन बंद रखता है.’’

मुश्किल से 8-10 सेकेंड की इस बातचीत में उस ने महादेव, पैसा या ब्रोकर आदि के बारे कुछ नहीं बताया. उस वक्त दिनेश को कुछ समझ में नहीं आया. सिर्फ ऐसा एहसास हुआ जैसे उस के सिर पर किसी ने हथौड़ा मार दिया हो. वह झल्लाता हुआ अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को बालों में डाल कर तेजी से सिर खुजलाने लगा.

तभी उस का मोबाइल छूट कर जमीन पर गिर गया, जो छिटक कर बैड के नीचे चला गया था. पैर फंसा कर मुश्किल से मोबाइल निकाला और बैड पर झुंझलाते हुए बैठ गया. घोर चिंता में पड़ गया था. पूरी रात उसे नींद नहीं आई.

सुबह होते ही उस ने अपने रिश्तेदार को फोन मिला दिया. उस ने भी वही हिदायत दी कि कुछ दिनों के लिए काम रोक दे. महादेव चल रहा है और लोग पहले की तरह ही उस में सट्टा लगा भी रहे हैं, लेकिन दिल्ली में सभी जगह ईडी की छापेमारी में कुछ लोग पकड़े भी गए हैं. उस में महादेव का नाम भी आ गया है. पता नहीं उन में से कौन पूछताछ में कब उन का भी नाम बता दे.

दिनेश ने सहमते हुए मासूमियत से पूछा, ‘‘ईडी क्या होता है? सीबीआई की छापेमारी के बारे में तो सुना है, लेकिन ईडी फीडी की छापेमारी!’’

‘‘अरे, तू इस के बारे में ज्यादा जानने की कोशिश मत कर. हवाला सुना है न! कालेधन का पैसा इधरउधर करने का धंधा!…उसी को पकडऩे का काम ईडी करती है.’’

‘‘पकड़ेगा बड़े नेताओं को, जिन के पास काला धन होगा? हमें क्यों?’’ दिनेश ने जिज्ञासा जताई.

‘‘तू नहीं समझेगा. काला धन लाने और पहुंचाने का काम बड़े नेता नहीं करते हैं, वह दूसरों से करवाते हैं. ईडी जहां कहीं बेतहाशा पैसा खर्च होता देखती है, उस पर अपनी नजर टिका देती है. उस के अधिकारी उन से हिसाबकिताब लेने पहुंच जाते हैं. इस तरह की छापेमारी में पहले बिचौलिए के ही नाम आते हैं और उन को पूछताछ के लिए बुला लिया जाता है. घंटों पूछताछ की जाती है.’’ दिनेश को उस के रिश्तेदार ने समझाने की कोशिश की.

‘‘उस के बाद..’’ चिंतित दिनेश बोला.

‘‘फिर उस के बाद… मैं कह रहा हूं कि ईडी, सीबीआई, हवाला, सट्टेबाजी और महादेव का नाम मत ले. कुछ दिन शांत बैठ. इस के चक्कर में बड़ेबड़े नेता फंस चुके हैं. जेल जा चुके हैं.’’  दिनेश के रिश्तेदार ने डपटते हुए समझाया.

उन सभी के समझाने पर दिनेश कुछ दिनों तक सट्टेबाजी से दूर रहा. हालांकि कई महीने बीत गए, लेकिन न तो उस के पास ड्राइवर आया और न ही उस का कोई फोन ही आया. यहां तक कि उस का नंबर भी अनरिचेबल बना रहा. अपने रिश्तेदार से मालूम हुआ कि वह नोएडा में सट्ेटबाजी के गैंग से जुड़ा हुआ था.

इस का परदाफाश 7 फरवरी, 2023 को नोएडा पुलिस ने किया. पुलिस को औनलाइन बेटिंग ऐप महादेव के जरिए सेक्टर 108 के एक मकान में रैकेट के चलने की जानकारी मिली थी, जिस में 16 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जिस में हो न हो वह ड्राइवर भी हो.

यह जान कर दिनेश और दूसरे साथी सचेत हो गए थे. हालांकि आर्थिक तंगी और महादेव से नुकसान की वह भरपाई नहीं कर पा रहा था. काफी तनाव में रहने लगा. सट्टे से अधिक पैसा कमाने के लालच में काफी पैसा गंवाने वाले दिनेश की तरह अनेक लोग थे.

उन में कुछ ने आत्महत्या करने की कोशिश की तो कुछ ब्रोकर के खिलाफ पुलिस में शिकायत ले कर स्थानीय थाने जा पहुंचे थे. लेकिन यह मामला फाइनैंस से जुड़ा हुआ था, इसलिए महादेव ऐप के खिलाफ सट्टे की काररवाई केंद्रीय वित्त मंत्रालय के विभाग प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जाने लगी.

महंगी शादी, फिल्मी सितारे और महादेव

इस मामले में महादेव ऐप के खिलाफ कई केस छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी दर्ज किए थे. हालांकि दूसरे राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली एनसीआर और पश्चिम बंगाल से भी इस इस की शिकायतें आ रही थीं. इस में एक केस था मनी लांड्रिंग का. पुलिस भी अपने स्तर पर जांच और गिरफ्तारी कर रही थी.

इसी बीच फरवरी, 2023 के महीने में एक महंगी शादी की खबर मीडिया में तेजी से फैल गई. जिस का कनेक्शन छत्तीसगढ़ के भिलाई, बौलीवुड सितारे, महादेव बुक और राजनेताओं तक से जुड़े हुए थे.

यह शादी किसी अमीरजादे या सिनेमा सिलेब्रेटी की नहीं, बल्कि 28 वर्षीय युवक सौरभ चंद्राकर की थी. यह भव्य शादी दुबई के पांचसितारा होटल में हुई थी. उस में बौलीवुड के नामीगिरामी सितारों ने परफारमेंस किया था. सनी लियोनी से ले कर आज के रणबीर कपूर तक कई फिल्मी सितारों ने इस में ठुमके लगाए थे.

मेहमानों को कपिल शर्मा और भारती सिंह की कौमेडी ने हंसाहंसा कर लोटपोट कर दिया था तो नेहा कक्कड़ और राहत फतेह अली खान की लाइव परफारमेंस से गजब का समां बंध गया था. मीडिया में वायरल हुई इस की तसवीरें और वीडियो के अनुसार यह करीब 200 करोड़ी शादी कही जाने लगी. जिस ने देखा वह रोमांचित हो गया.

दरअसल, यह शादी थी महादेव ऐप के एक प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की, जो  संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के रास अलएखैमा में हुई थी. इस में लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. सौरभ चंद्राकर ने अपने रिश्तेदारों को नागपुर से दुबई प्राइवेट जेट से बुलाया था, सभी वापस लौटे भी प्राइवेट जेट से ही थे.

यहां तक कि उस शादी में खाना पकाने, परोसने वाले से ले कर, डेकोरेटर और तमाम इंतजाम करने वाले लोग भारत से गए थे, और इन को कैश में पेमेंट किया गया था. बौलीवुड से जुड़े कुछ सितारों को भी कैश में पेमेंट किया गया था.

ईडी की नजर और शुरू हुई काररवाई

शादी के इस महाजश्न की कुछ फोटो जैसे ही भी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, भारत में ईडी के कान खड़े हो गए. उस के द्वारा केस दर्ज कर जांच की शुरुआत हो गई.  कई सवाल थे कि शादी और जश्न में इतना सारा कैश में खर्च किया गया पैसा कहां से आया? पैसा किस का था? इसी के साथ ईडी के शक की पहली सुई छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों की तरफ मुड़ गई.

यह काररवाई 21 और 23 अगस्त, 2023 के महीने में हुई, तब छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में छापे मारे गए. छापों में 4 लोगों को हिरासत में लिया गया. तब ईडी ने राज्य पुलिस के एएसआई चंद्रभूषण वर्मा समेत स्थानीय निवासी सतीश चंद्राकर और 2 भाई अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी को हवाला औपरेटर बताया.

ईडी का आरोप था कि एएसआई चंद्रभूषण वर्मा महादेव ऐप से जुड़े लोगों को जमीनी स्तर पर न केवल संरक्षण देता था, बल्कि ऐप के लोगों की ताकतवर और रसूखदार लोगों से मीटिंग अरेंज करवाता था.

बदले में चंद्रभूषण और सतीश चंद्राकर को हवाला के जरिए दुबई से मोटी रकम कैश में मिल जाती थी. मिलने वाले पैसे का वे अपना हिस्सा रखने के बाद बाकी पैसों को पुलिस वालों से ले कर नेताओं तक को प्रोटेक्शन मनी के तौर पर बांट देते थे. बताते हैं कि इन में से कुछ लोग मुख्यमंत्री औफिस से भी जुड़े हुए थे.

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